ग़ज़ल, शेर - 4 Kota Rajdeep द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

gazal Sher by Kota Rajdeep in Hindi Novels
न था इंतज़ार कीसुका फ़िर भी उम्र भर इंतज़ार में रहें