इस लघु कथा "दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें" में मुख्य पात्र ऋचा है, जो पैंसठ साल की हो चुकी है और अपने बच्चों की शादी-ब्याह में व्यस्त है। वह पूरे दिन परिवार के सदस्यों की इच्छाएँ पूरी करने में लगी रहती है, लेकिन उसके आसपास के लोग उसकी समझदारी पर सवाल उठाते हैं। प्रोफेसर तेज, जो उसके परिवार के अच्छे मित्र हैं, उसे दुनिया की कठिनाईयों के बारे में बताते हैं। ऋचा को इस तरह की बातें चुभती हैं, और वह खुद को अकेला महसूस करती है। उसके पति का साथ न होने पर लोग खुलकर अपनी राय व्यक्त करने लगते हैं। एक दिन, दुखी होकर वह सोचती है कि उसने क्या गलत किया। उसकी सेविका उसे समझाती है कि अत्यधिक प्रेम और अच्छे होने की कीमत चुकानी पड़ती है। इस पर ऋचा को एहसास होता है कि शिक्षा के बावजूद, जीवन की जटिलताओं को समझने में कभी-कभी अनपढ़ लोग अधिक समझदार होते हैं। कहानी में भावनात्मक संघर्ष और सामाजिक समझदारी को दर्शाया गया है।
दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें - 1
by Pranava Bharti
in
Hindi Short Stories
Five Stars
11.5k Downloads
17.5k Views
Description
ऋचा पैंसठ की हो चुकी, बच्चों के शादी-ब्याह --सब संपन्न ! तीसरी पीढ़ी भी बड़ी होने लगी पूरे -पूरे दिन लगी रहती सबकी फ़रमाइशें पूरी करने में बहुत आनंद मिलता उसे फिर बहुत सी बातें भी सुनती --
ऋचा पैंसठ की हो चुकी, बच्चों के शादी-ब्याह --सब संपन्न ! तीसरी पीढ़ी भी बड़ी होने लगी पूरे -पूरे दिन लगी रहती सबकी फ़रमाइशें पूरी करने में बहुत आनं...
More Interesting Options
- Hindi Short Stories
- Hindi Spiritual Stories
- Hindi Fiction Stories
- Hindi Motivational Stories
- Hindi Classic Stories
- Hindi Children Stories
- Hindi Comedy stories
- Hindi Magazine
- Hindi Poems
- Hindi Travel stories
- Hindi Women Focused
- Hindi Drama
- Hindi Love Stories
- Hindi Detective stories
- Hindi Moral Stories
- Hindi Adventure Stories
- Hindi Human Science
- Hindi Philosophy
- Hindi Health
- Hindi Biography
- Hindi Cooking Recipe
- Hindi Letter
- Hindi Horror Stories
- Hindi Film Reviews
- Hindi Mythological Stories
- Hindi Book Reviews
- Hindi Thriller
- Hindi Science-Fiction
- Hindi Business
- Hindi Sports
- Hindi Animals
- Hindi Astrology
- Hindi Science
- Hindi Anything
- Hindi Crime Stories