उदास क्यों हो निन्नी...? - 2 प्रियंका गुप्ता द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Udaas kyo ho ninni by प्रियंका गुप्ता in Hindi Novels
आज पूरे बारह साल बाद इस कमरे के उस खुले हिस्से पर बैठी हूँ, जिसके लिए बरसों बाद भी कोई सही शब्द नहीं खोज पाई...। कुछ-कुछ छज्जे जैसा, पर छज्जा तो बिलकु...