और,, सिद्धार्थ बैरागी हो गया - 4 Meena Pathak द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Aur,, Siddharth bairagi ho gaya by Meena Pathak in Hindi Novels
पतीली से गिलास में चाय छान कर सबको थमा आई थी पर मुकेश कहीं नहीं दिख रहा था, वह उसको ढूँढ़ती हुई बाहर कोठरी की ओर चल दी, “बाबू !” आवाज लगाई उसने, कोठरी...