अदृश्य हमसफ़र - 23 Vinay Panwar द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Adrashya Humsafar by Vinay Panwar in Hindi Novels
ममता कुर्सी पर टेक लगाए ब्याह की गहमा गहमी मे खोई हुई थी। सब इधर उधर भाग रहे थे तैयारियों में जुटे हुए।
लगभग 5 साल बाद मायके आना हुआ था उसका वह भी भत...