खिलता है बुरांश ! - 2 Kusum Bhatt द्वारा Short Stories में हिंदी पीडीएफ

Khilta hai buransh by Kusum Bhatt in Hindi Novels
....आज सांवली शाम का जादू गायब था! वह टहलुई सी चलती रही..., मन का बेड़ा अभी अचानक उठे तूफान के बीच फंसा था...! एक पल को उसके जेहन में खौफनाक विचार उठा...