संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि - 2 Manoj kumar shukla द्वारा Poems में हिंदी पीडीएफ

Sanvednao ke swar : ek drashti by Manoj kumar shukla in Hindi Novels
संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि (1) हे माँ वीणा वादिनी ..... हे माँ वीणा वादिनी, शत् शत् तुझे प्रणाम । हम तेरे सब भक्त हैं, जपते तेरा नाम ।। शांत सौम्य आ...