छूटी गलियाँ - 18 Kavita Verma द्वारा Fiction Stories में हिंदी पीडीएफ

Chooti Galiya by Kavita Verma in Hindi Novels
शाम होते ही मुझे घर में अकेलापन खाने को दौड़ता है इसलिए कॉलोनी के पार्क की ओर चल देता हूँ। आज भी शाम से ही पार्क में आ गया दो तीन चक्कर लगाये थक गया तो...