मित्रलाभ - 3 MB (Official) द्वारा Short Stories में हिंदी पीडीएफ

Mitralabh by MB (Official) in Hindi Novels
एक समय दक्षिण दिशा में एक वृद्ध बाघ स्नान करके कुशों को हाथ में लिए हुए कह रहा था-- हे हो मार्ग के चलने वाले पथिकों ! मेरे हाथ में रखे हुए इस सुवर्ण क...