Kishanlal Sharma Books | Novel | Stories download free pdf

बन्धन प्यार का - 26

by किशनलाल शर्मा
  • 351

नही ये नही होगा"अम्मी क्या सोच रही होबेटी की बात सुनकर वह अतीत से वर्तमान में लौट आयी"मे तेरा ...

बेजुबान - 1

by किशनलाल शर्मा
  • 1.7k

एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर ...

खामोशी का रहस्य - 3

by किशनलाल शर्मा
  • 630

छुट्टी वाले दिन दीपेन देर से उठता औऱ सारे काम धीरे धीरे से पूरे करता।छुट्टी वाले दिन वह घर ...

प्रतिशोध - 9

by किशनलाल शर्मा
  • 729

पहले उमेश फिर होटल मैनेजर और उसके दोस्त।दस दिन तक रात और दिन उसका शरीर नोचते रहे।न चाहते हुए ...

खामोशी का रहस्य - 2

by किशनलाल शर्मा
  • 1.1k

ट्रेन आने से पहले ही प्लेटफार्म पर खड़े लोग हरकत में आ गए थे।दीपेन ने उस युवती का हाथ ...

प्रतिशोध - 8

by किशनलाल शर्मा
  • 708

आओउमेश,रानी को गोद मे उठाकर पलँग पर ले गया था"अब क्या है"अब तो मांग में सिंदूर भर दिया।अब तो ...

खामोशी का रहस्य - 1

by किशनलाल शर्मा
  • 3.6k

सीट पर बैठते ही दीपेन की नजर खिड़की के पास बैठी युवती पर पड़ी थी।उसे वह पहली बार देख ...

साथ साथ - 2

by किशनलाल शर्मा
  • 666

और सन्डे को कुलदीप सिटी गार्डन पहुंच गया और इवाना का इन तजार करने लगा।सॉरी,"इवाना काफी देर बाद आई ...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 13

by किशनलाल शर्मा
  • 669

और हनुमानजी पेड़ो से स्वादिष्ट पके हुए फल तोड़कर खाने लगे।काफी देर बाद वन की रखवाली कर रहे रक्षकों ...

साथ साथ - 1

by किशनलाल शर्मा
  • 1.9k

"अब हमें भी शहर छोड़ देना चाहिएकुलदीप लौटकर आया तो पत्नी से बोला था।"क्यो?"पति की बात सुनकर इवाना बोली ...