Pramila Verma Books | Novel | Stories download free pdf

रॉबर्ट गिल की पारो - 20 - अंतिम भाग

by Pramila Verma
  • 2.9k

भाग 20 अचानक हवा का एक झोंका आया और दरवाजा खुल गया। बाहर भी अंधेरा था। रॉबर्ट ने देखा ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 19

by Pramila Verma
  • 3.1k

भाग 19 मद्रास से वह जून के अंतिम सप्ताह 1856 को लौटा। रास्ते में सोचता रहा। अब पारो की ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 18

by Pramila Verma
  • 3.3k

भाग 18 निज़ाम हैदराबाद ने बहुत बड़ी-बड़ी तांबे की चमचमाती थालियां भेजी थीं। यह सूर्य की रोशनी से गुफा ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 17

by Pramila Verma
  • 2.8k

भाग 17 आज सभी दस बजे अजंता गुफाओं की ओर चले गए। रॉबर्ट तेज़ रफ्तार से घोड़े पर बैठकर ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 16

by Pramila Verma
  • 3.1k

भाग 16 ‘‘जॉय, यह गिलास में रखा ब्लैक रोज़ कहां से आया?’’ उसने देखा कि एक ब्लैक रोज़ (काला ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 15

by Pramila Verma
  • 2.8k

भाग 15 वापिसी में उसने देखा जयकिशन लालटेन हाथ में लिए खड़ा है। उसकी आँखों में आँसू अटके हैं। ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 14

by Pramila Verma
  • 3.1k

भाग 14 रॉबर्ट महसूस करता है कि उसकी ज़िंदगी में घटनाएँ कितनी तेज़ी से हो रही थीं। वह आगे ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 13

by Pramila Verma
  • 3.1k

भाग 13 दिन और महीने बीते। रॉबर्ट को कहीं नहीं जाना पड़ा। बर्मीज शांत थे। शायद 1826 के युद्ध ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 12

by Pramila Verma
  • 3.2k

भाग 12 सेना के दफ्तर से एल्फिन ने दो पत्र रॉबर्ट को भिजवाए, जो उसके नाम आए थे। उसमें ...

रॉबर्ट गिल की पारो - 11

by Pramila Verma
  • 3.3k

भाग 11 वह टैरेन्स के लिखे पत्र में लीसा को तलाशता रहा था। क्या एक शब्द भी टैरेन्स उसके ...