हमारी बात नॉर्मल हाल - चाल से ही शुरू हुई थी। वो आज दुखी था, घर में जो बीमार ...
हम लगभग एक साल से एक दूसरे को जानते थे। कभी ज़्यादा बात भी नहीं होती थी, कभी एक ...
ऑफ़िस जाकर मैं अपने काम में बिज़ी हो गई थी, बीच में लगभग बारह बजे अपना फोन चैक किया ...
जैसे ही उसका मैसेज देखा कल नहीं आ पाऊंगा , बहुत थका हुआ हूं , मैनेज कर लेना !!पहले ...
हमेशा से बस एक ही ख्वाब देखा है ,और आज फिर एक दिन आया है इस ख्याब को पूरा ...
कभी उनके इस अकेलेपन को समझ नहीं पाई थी । जब भी उन्हें देखती तो लगता कैसे लोग है ...
आखिरकार इतने दिनों के बाद , हमारा मिलने का प्लान बन ही गया । खुशी का मानो कोई ठिकाना ...
मैं अंकल को देख रही थी , अंकल काफी परेशान थे ,, देख कर लग रहा था अंकल को ...