क़ायनात में दिलों से नफ़रतों को मिटाते चलो l प्यार मोहब्बत के धर धर दिये जलाते चलो ll ...
ધારાવાહિક:- મારા કાવ્યોભાગ:- 18રચયિતા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીહરિહરતિથિ આજની શ્રાવણ વદ આઠમ,ઉજવીશું સૌ 5251મો શ્રી કૃષ્ણ જન્મોત્સવ.સંયોગ કહે છે ...
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زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی میٹھی یادیں بھر سکتے ہو ...
মানবাশোক বিরচিত অথ রামকথা যদি থাকে গজানন, করিনু নমন, রামের মহিমা(?) আমি করিব বর্ণন ৷ ******** ...
आयुष्याचा कोरा पेपर वाचता येत असेल तर वाचा. काही क्षणांच्या गोड आठवणी भरता आल्या तर भरून घ्या. मी ...
If you can read the blank paper of life, then read it. If you can fill it with ...
જીવનનો કોરો કાગળ વાંચી શકો તો વાંચજો. થોડી ક્ષણોની મીઠી યાદો ભરી શકો તો ભરો. હું મારી જાતને ...
जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो ...
आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर,अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा ...
শ্রেষ্ঠ প্রাণী অশোক ঘোষ ধরণীর মাঝে যত প্রাণী আছে সবা হতে আমি শ্রেষ্ঠ, আমি আপনার মেধায় আপনি মোহিত ...
हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के ...
बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा ...
*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_*पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा ...
सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या ...
सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्यौं, अपने अस्त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ ...
चतुर्थ अध्याय सरित तीर पर, बुर्ज बैठकर, जल प्रवाह की क्रीड़ा देखी। उठते थे बुलबुले, घुमड़ती , अन्तर मन ...
خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و آسمان کو چھو لیا ہے۔ ...
इच्छांचा सागर दूरवर पसरला आहे. एका इच्छेने पृथ्वी आणि स्वर्गाला स्पर्श केला आहे. एक सौंदर्यवती आहे जिने आज ...
स्वीकारो इस पाबन जल को, मुझको यहां मिलाओ। खुशी हुआ तब सुनत मैंगरा, आओ भाई आओ।। चीनौरिया मिल, चला ...
The ocean of desires is spread far and wide. A desire has touched the earth and the sky. ...
आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो ...
नौं सौ रसियों की रसभीनी, मन अबनी सरसाई। गौरव बांटत दोनों कर, बनवार शहर पर आई।। अवध धाम बनवार ...
ઈચ્છાઓનો દરિયો દૂર દૂર સુધી ફેલાઈ ગયો છે. એક ઈચ્છા પૃથ્વી અને સ્વર્ગને સ્પર્શી ગઈ છે. એક સુંદરી ...
ख्वाइशों का समंदर बहुत दूर तक फेला हुआ हैं l एक आरज़ू ने ज़मीं से लेकर अर्श को छुआ ...
एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से ...
दूसरा अध्याय बांटत द्रव्य अपार, चल दई आगे गंगा माई। पर्वत काटत चली, गुप्त कहीं प्रकट दिखाई।। पर्वत अन्दर ...
जड़ – जंगम, घबड़ाये भारी, हिल गए पर्वत सारे। त्राहि। त्राहि मच गई धरा पर, जन जीवन हिय हारे।। ...
प्रथम अध्याय पंचमहल और गिर्द स्थली, अब कब होगी गुल्जार। कई दिनौं से प्रकृति यहां की,करती रही विचवार।। विनपानी ...
पूर्व से गभुआरे घन ने, करी गर्जना घोर। दिशा रौंदता ही आता था, तम का पकड़े छोर।। ग्राम मृतिका ...