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जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान

by Review wala
  • 375

जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, ...

संवाद

by किशनलाल शर्मा
  • 282

(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक कथा)मैं सुहागसेज पर घूँघट निकालकर बैठी पति ...

सरकारी समाचार जलेबी जेसे

by Review wala
  • 297

सरकारी समाचार खुशी देते हैं( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,मीठे भी)आज पूरे देश मे सूर्य खिला हुआ है,बारिश के ...

स्वच्छ भ्रष्टाचार पर कुछ घटिया रचनाएँ

by Review wala
  • 423

य़ह व्यंग्यात्मक कविता है जो भ्रष्टाचार पर आधारित है:भ्रष्टाचार का खेलनेता और अफसर का, समझौता है निराला,भ्रष्टाचार की गंगा ...

આજ કાલ આવા કિસ્સા ખૂબ વધી ગયા છે

by E₹.H_₹
  • 336

આજ કાલ આવા કિસ્સા ખૂબ વધી ગયા છે ... આજકાલ ત્રીસ પત્રીશ વર્ષ સુધી ની જવાન છોકરીઓ ના લગન ...

बिक गए हैं जो वो सवाल. नहीं पूछते

by Review wala
  • 510

(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी और मीडिया की)हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही ...

टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 6

by Sonu Kasana
  • 588

तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता ...

આકર્ષક પણ શાપિત

by Anwar Diwan
  • 454

આમ તો વિશ્વમાં કેટલીક એવી વસ્તુઓનું આકર્ષણ હંમેશથી જોવા મળે છે ખાસ તો હીરા અને ઝવેરાતનાં શોખીનો જુની વસ્તુઓ ...

പുരാണങ്ങളിൽ ഇല്ലാത്ത കഥകൾ (1)

by BAIJU KOLLARA
  • 1.8k

️ ഒരു പുതിയ കഥ ഇവിടെ ആരംഭിക്കുകയാണ് എന്റെ എല്ലാ പ്രിയപ്പെട്ട വായനക്കാർക്കും നന്ദി നമസ്ക്കാരം ഒരു പാട് സ്നേഹത്തോടെ നിങ്ങളുടെ സ്വന്തം കഥാകൃത്ത് ബൈജു ...

रेत के घरौंदे सा

by दिनेश कुमार
  • 777

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा ...

દેખાવની ‘ખામીઓ’ને ‘વિશિષ્ટતા’માં ફેરવી નાંખો

by Anwar Diwan
  • 454

મધુબાલા, મીના કુમારી, વહીદા રહેમાન, વૈજયતિમાલા,શ્રીદેવી, માધુરી દીક્ષિત, પ્રિયંકા ચોપરા, બિપાશા બસુનું નામ સાંભળીએ એટલે આપણી નજર સમક્ષ સૌંદર્યનો ...

फिजा में हरियाली तुमसे है

by दिनेश कुमार
  • 810

1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत ...

आपकी नजरों ने समझा

by दिनेश कुमार
  • 768

1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम ...

मराठी शुद्धलेखन ह्रस्व - दीर्घ चे सोपे नियम.

by Abhay Bapat
  • 621

शुद्ध लेखनआपल्या शालेय जीवनात आपल्याला शुद्धलेखनाची पहिली ओळख होते. त्यात सगळ्यात प्रथम आणि आपल्याला लक्षात न राहणारा आणि न ...

यूंही अच्छे लगते हो

by दिनेश कुमार
  • 837

1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... ...

सांसों में बसे हो तुम

by दिनेश कुमार
  • 849

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन ...

रिश्ता अनोखा सरलता का

by दिनेश कुमार
  • 786

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं ...

देखो फूल रूठ गए

by दिनेश कुमार
  • 717

1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का ...

किस्मत ने बांधा (एक डोर से)

by दिनेश कुमार
  • 822

1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा ...

चलो मुस्कुरा दो अब

by दिनेश कुमार
  • 840

1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी अपने लिए,खुला एक झरोखा ...

किस्मत की डोरी से बंधे दिल

by दिनेश कुमार
  • 834

1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख्याल रखो, बेरंग ना हो जाओ ...

तू है मेरी जिन्दगी

by दिनेश कुमार
  • 888

1.इश्क की गहराइयों में खोकर,दिल की हर धड़कन उसे याद करती है।प्यार की बातों में गुम हो जाना,वही सच्चा ...

આંતરરાષ્ટ્રીય ગરીબી નાબૂદી દિવસ

by Jagruti Vakil
  • 896

આંતરરાષ્ટ્રીય ગરીબી નાબૂદી દિવસ તા. 17 ઓક્ટોબર, 1987ના રોજ પેરિસના ટ્રોકાડેરો ખાતે અત્યંત ગરીબી, હિંસા અને ભૂખમરાનો ભોગ ...

कांटे भी नहीं चुभते

by दिनेश कुमार
  • 885

1.किस हद तक इंतजार करें कोई, गुलाब कब तक ताज़ा रहेगा... आखिर ?2.वो हमसें जुदा होकर ग़ैरों पे फिदा ...

तन मेरा महका है

by दिनेश कुमार
  • 873

1.तन मेरा महका है जब - जब ख़्याल तुम्हारा महका है, इत्र से भला क्या काम मुझे अब तुम्हारा ...

तुमको पाने की तमन्ना

by दिनेश कुमार
  • 894

1.हे सुनो,ऐसा करते है,तुम पे मरते हैहमने वैसे भी तो,मर ही जाना है... 2.सुबह तेरी बातों मेंदोपहर तेरे ख्यालों ...

निगाहें लाख चुरा लो तुम

by दिनेश कुमार
  • 912

1.मैं "हिंदी" का "आलिंगन" हूँ, वो "उर्दू" में "आग़ोश"उसको मेरे "बाजुओं" में सुकूँन है, मैं उसकी "बाहों" में मदहोश...!!2.बड़ी ...

शब्दों का संसार

by दिनेश कुमार
  • 1k

1.यह 'शब्दों का संसार' तुम न समझोगे,इससे मेरा प्यार भी तुम न समझोगे, तुम नहीं जानते मन से भाव ...

पुस्तक समीक्षा काव्य संग्रह - बातें जो कही नहीं गईं

by Sudhir Srivastava
  • 813

पुस्तक समीक्षाकाव्य संग्रह - "बातें जो कही नहीं गईं" ...

निर्मला

by दिनेश कुमार
  • 810

1.दोस्तकिशोरी लाल एक किसान थे। उनके दो बेटे थे- जीवा और मोती। जीवा अपने पिता के काम में हाथ ...