पंख: आज़ादी... . . . . . किसी पहाड़ी क्षेत्र का दृश्य... चारों तरफ केवल घना जंगल, पौधे, झुरमुटों ...
वो आज खुद को आईने के सामने बेठ के निहारे जा रही थी।आज उसकी चेहरे की चमक एसी थी ...
"उफ़्फ़!!! यार मैं तंग आ चुकी हूं। इस रोटी मेकर को भी आज ही खराब होना था।" किचन में ...
अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , ...
"और ये पूरी ताकत के साथ बंटी ने लगाया सिक्स...!!!!!" छोटे कमेंटेटर बल्लू ने हाथ में पकड़ा हुआ बोटल ...
खाली हाथ नहीं जाते... . . . . . "काका....???? ओ काका...!!! क्या लाये हो मेरे लिए....!!!" उसने काका ...
"माँ कितना टाइम हो गया है...?????" उसने नींद से जागते और उबासी लेते हुए पूछा। दर्शन कुलश्रेष्ठ एक मल्टीनेशनल ...
संडे का दिन... आज जब सुबह-सुबह जाग कर छत अपनी आदतानुसार छत पर टहल रही थी। तभी नज़र सामने ...
हिमांशी अपने परिवार में सबसे छोटी थी। उसके अलावा परिवार में उसके बाबा, बड़ा भाई और बड़ी बहन थी। ...