Shivraj Anand Books | Novel | Stories download free pdf

मानवता के डगर पे

by Shivraj Anand
  • 6.4k

प्यारे तुम मुझे भी अपना लो ।गुमराह हूं कोई राह बता दो।युं ना छोडो एकाकी अभिमन्यु सा ...

जीवन की सोच

by Shivraj Anand
  • 10.6k

(बाधाएं और कठिनाइयां हमें कभी रोकती नहीं है अपितु मजबूत बनाती है) लफ़्ज़ों से कैसे कहूं कि मेरे ...

जगत का जंजाल-संसृति

by Shivraj Anand
  • 6k

(मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही ...

मेरी आवाज़

by Shivraj Anand
  • 7.3k

मेरे मुख-मंडल में सिर्फ एक ही बात का मसला लगा रहता है । दिनों-दिन हो रहे दंगा-फसाद, चोरी-डकैती ..जैसे ...

प्रेम-जगत

by Shivraj Anand
  • 7.4k

( 'प्रेम जगत 'संसार का रंगमंच है और हम सभी इस रंगमंच के पात्र।)विज्ञो ...

यहां उनका भी दिल जोड़ दो

by Shivraj Anand
  • 5.1k

जिनके दिल टूटे हैं चलते कदम थमे हैं,वो जीना जानते हैं |ना जख्मों को सीना जानते हैं ||तुम ...

बेवफा अपनों के लिए

by Shivraj Anand
  • 8.2k

बेवफा ! अपनों के लिए ... ओ ' धन्य ' जिसने आंख बन्द होते हुए ...