"मैंने शायद वास्तव में समय-यात्रा की है-" उत्कृष्ट रूप से सजी हुई गाड़ी के भीतर,अर्जुन सूर्यवंशी ने भावशून्यता से अपने ...
प्रकृति मेरी अध्यक्षतामें सम्पूर्ण चराचर जगत् को रचती है। हे कुन्तीनन्दन ! इसी हेतुसे जगत् का विविध प्रकारसे परिवर्तन ...