किरचें ख्वाबों की उन जज्बों की ख़लिश है जो दिल में उगते हैं और बुलबुलों की मानिंद फूट जाते ...
ओस की बूँदें 1कृ हे! वीणापाणि षारदे माँ प्रज्ञा प्रदायनी । वीणावादिनी, ज्ञान दायनी ।। वीणापाणि वर दे ! ...