स्वरचित, मौलिक, मानवेतर लघुकथा=धरती-आकाशधरती भूक्का फाड़कर रो रही थी, आकाश ने जब रोने का स्वर सुना तो उससे रहा ...
आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के ...