Sanjay Nayak Shilp Books | Novel | Stories download free pdf

द वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूँगी गुड़िया

by Sanjay Nayak Shilp
  • 1.8k

वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूंगी गुड़ियावो एक वेन्ट्रोलोकिस्ट था, वेन्ट्रोलोकिस्ट उसे कहते हैं जो हाथ में एक गुड्डा जैसा पात्र लेकर ...

इमली का पेड़

by Sanjay Nayak Shilp
  • 3.7k

पढ़ ही लीजिये...पुनः प्रसारणइमली का पेड़राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके के उस गाँव में रस्ते के बीचों बीच खड़ा था ...

दो वादे...

by Sanjay Nayak Shilp
  • 5.6k

दो वादे.....ट्रेन अपनी गति से उसके गाँव की ओर बढ़ी चली जा रही थी। रंजना पूरे तेरह साल बाद ...

लक्की लाडो

by Sanjay Nayak Shilp
  • 5.3k

कुकर में उबलने से पहले पढ़ लेती.....लक्की लाडोरात के बारह बज रहे थे उसका फ़ोन आया "हेल्लो" किसी ने ...

प्यार किया इजहार भी कर

by Sanjay Nayak Shilp
  • 3.9k

"हाँ कहो, क्या कहना था? कितनी चुल्ल मचाती हो तुम भी, आज बहुत जरूरी मीटिंग थी, छोड़कर आया हूँ।" ...

आदत बनी मुहब्बत

by Sanjay Nayak Shilp
  • 4.9k

आदत बनी मुहब्बत.....(एक कहानी जो पढ़नी चाहिये)नफ़रतें जीने नहीं देती हैं, मुहब्बत मरने नहीं देती...ये सुनने में जरूर अटपटा ...

दस्तक दिल पर - भाग 14 - अंतिम भाग

by Sanjay Nayak Shilp
  • 2.9k

"दस्तक दिल पर" किश्त-14हम दोनों वहाँ पर ख़ुद को जन्नत के बीच बैठे हुए महसूस कर रहे थे। उसने ...

दस्तक दिल पर - भाग 13

by Sanjay Nayak Shilp
  • 2.8k

"दस्तक दिल पर" किश्त-13बहुत ही असमंजस की स्थिति बनी थी,उस दिन मुझे उससे पहली बार मिलने का मौका मिलने ...

माई का श्राप

by Sanjay Nayak Shilp
  • 4.5k

पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया ...

दस्तक दिल पर - भाग 12

by Sanjay Nayak Shilp
  • 2.8k

""दस्तक दिल पर" किश्त-12 मेरा मन किया कैब वाले का मुँह तोड़ दूँ, उसे भी अभी आना था। मैंने ...