बस किसी छोटे से कस्बे के पास से गुजर रही थी| कोई बाज़ार था शायद जहाँ कुछ लोग सड़क ...
जातीय श्रेष्ठता के मिथ्याभिमान से जूझते एक युवा बेरोजगार की कहानी .
हमारे लिए ट्रेन का लेट हो जाना कोई असामान्य घटना नहीं है। प्रायः लंबी दूरी की ट्रेन लेट हो ...
स्लेटी पैंट-शर्ट और सफ़ेद शलवार-स्लेटी कुर्ता वाले उस क्लास में सबसे अलग... जैसे सूखे हुए बाग़ में सुर्ख गुलाब ...
यह कहानी एक माध्यम वर्गीय परिवार के उस व्यक्ति से सम्बंधित है जो अपने पड़ोस में होने ...
यह कहानी दर्शाती है कि महत्त्वाकांक्षा किस प्रकार प्रेम को निगल जाना चाहती है. उसके लिए पैसा ...
व्यवस्था से दुखी शहरी मध्यमवर्गीय परिवार के ऐसे दंपत्ती की कथा जो मानसिक अशांति का हल उपवास में तलाशता ...
ग्रामीण परिवेश में रची-बसी एक कथा जो ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त अंधविश्वास को रेखांकित करती है और पाठक को ...