Priyansu Jain Books | Novel | Stories download free pdf

नर्क - 20

by Priyansu Jain
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'ये हथियार कुछ अलग है। परशु मेरी आँखों के सामने पड़ा है और खड़ग् मेरे हाथ में है। आयुष ...

नर्क - 19

by Priyansu Jain
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"अब 'विद्युदभि' तुम मुझे लाकर दोगी निशा" आयुष वापस अपने हत्यारे के रूप में आते हुए बोला। निशा व्यंग्य ...

नर्क - 18

by Priyansu Jain
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.....जमीन में बड़ी दरार आ गयी, चारों तरफ गर्द छा गयी जब वो गर्द थमी और सबकी आँखें देखने ...

नर्क - 17

by Priyansu Jain
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"निशा क्या तुम मुझे मेरी बार कहने का एक मौका भी नहीं देना चाहती??" पियूष ने ऑफिस में निशा ...

नर्क - 16

by Priyansu Jain
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रात को शहर से कुछ दूर एक फार्म हाउस में पार्टी चल रही थी। ये इलाका शहर से कुछ ...

नर्क - 15

by Priyansu Jain
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अब निशा को एक जोड़ीदार मिल ही गयी। उसकी हिम्मत अचानक कई गुना बढ़ गयी थी मधु का साथ ...

नर्क - 14

by Priyansu Jain
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" तो आप रिजाइन कर रही है!!" निशा की आँखों में देखते हुआ पियूष ने कहा। उसके आगे निशा ...

नर्क - 13

by Priyansu Jain
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पियूष हड़बड़ा गया बुरी तरह से, उसकी असलियत आखिरकार निशिका यानी निशा के सामने आ ही गयी। अब छुपाने ...

नर्क - 12

by Priyansu Jain
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"आयु मेरी तुमसे ये अपेक्षा न थी। तुमने उस ग्रह को सिर्फ इसलिए नष्ट किया क्यूँकि तुम प्राचीन जीवन ...

नर्क - 11

by Priyansu Jain
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"सर, मैं ऐसी ड्रेस नहीं पहन सकती मेरे घर वाले अलाऊ नहीं करते." "मिस निशा, ये बहाना नहीं चलेगा। ...