गहरी नींद में थीं वे, लगा कहीं दूर कोई गाना बज रहा है, पर जैसे जैसे नींद हलकी होती गयी, गाने का स्वर पास आता प्रतीत हुआ, पूरी तरह आँख खुलने के बाद उन्हें अहसास हुआ ये आवाज तो मेज पर पड़े मोबाईल से आ रही है. ओह! इस मुए रमेसर ने लगता है फिर से गाना बदल दिया, इसीलिए नहीं पहचान पायीं. खुद तो घोड़े बेचकर बरामदे में सो रहा है, अब बिटिया नाराज़ होगी, फोन नहीं उठाया. संभाल कर पलंग से नीचे कदम रखा, आहिस्ता आहिस्ता कदम रखते जब तक मेज तक पहुँचती, मोबाईल थक कर चुप हो चुका था. लालटेन की बत्ती तेज की, गाँव में बिजली तो बस भरे उजाले में ही आया करती है. घुप्प अँधेरा देख वो भी डर कर भाग जाती है. चश्मा लगाया और मोबाईल लेकर संभल कर पलंग पर बैठ गयीं.
Full Novel
खट्टी मीठी यादों का मेला - 1
गहरी नींद में थीं वे, लगा कहीं दूर कोई गाना बज रहा है, पर जैसे जैसे नींद हलकी होती गाने का स्वर पास आता प्रतीत हुआ, पूरी तरह आँख खुलने के बाद उन्हें अहसास हुआ ये आवाज तो मेज पर पड़े मोबाईल से आ रही है. ओह! इस मुए रमेसर ने लगता है फिर से गाना बदल दिया, इसीलिए नहीं पहचान पायीं. खुद तो घोड़े बेचकर बरामदे में सो रहा है, अब बिटिया नाराज़ होगी, फोन नहीं उठाया. संभाल कर पलंग से नीचे कदम रखा, आहिस्ता आहिस्ता कदम रखते जब तक मेज तक पहुँचती, मोबाईल थक कर चुप हो चुका था. लालटेन की बत्ती तेज की, गाँव में बिजली तो बस भरे उजाले में ही आया करती है. घुप्प अँधेरा देख वो भी डर कर भाग जाती है. चश्मा लगाया और मोबाईल लेकर संभल कर पलंग पर बैठ गयीं. ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 2
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं, और पुराना जीवन याद करने लगती हैं कैसे वे चौदह बरस की उम्र में शादी कर इस घर में आई थीं, पति कॉलेज में थे. बाद में वही स्कूल में शिक्षक बन गए. दादी सास, सास-ससुर, ननदों से भरा पूरा घर था. उनकी भी चार बेटियाँ और दो बेटे पूरा घर गुलज़ार किए रहते) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 3
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं, और पुराना जीवन याद करने लगती हैं कैसे वे चौदह बरस की उम्र में शादी कर इस घर में आई थीं.. दादी सास, सास-ससुर, ननदों से भरा पूरा घर था. उनकी भी चार बेटियाँ और दो बेटे पूरा घर गुलज़ार किए रहते. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की सम्मति लिए बगैर तय कर दी थी. ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 4
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से वे जग जाती हैं, और पुराना जीवन याद करने लगती हैं. चार बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की इच्छा के विरुद्ध एक बड़े घर में कर दी. वे लोग ममता को तो कोई कमी नहीं महसूस होने देते पर उसे मायके नहीं आने देते ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 5
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की इच्छा के विरुद्ध एक बड़े घर में कर दी. वे लोग ममता को तो कोई कमी नहीं महसूस होने देते पर उसे मायके नहीं आने देते. दो भाइयों के बाद जन्मी नमिता, बहुत निडर थी, साइकिल चलाती, पेड़ पर चढ़ जाती और गाँव भर में घूमती रहती ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 6
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की इच्छा के विरुद्ध एक बड़े घर में कर दी. वे लोग ममता को तो कोई कमी नहीं महसूस होने देते पर उसे मायके नहीं आने देते. दो भाइयों के बाद जन्मी नमिता, बहुत निडर थी, साइकिल चलाती, पेड़ पर चढ़ जाती और गाँव भर में घूमती रहती.) दोनों भाई बहुत मन लगाकर पढाई करते, उन्हें पता था, सिर्फ पढाई के बल पर ही वे इस गाँव से निकल पायेंगे ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 7
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी ससुर जी ने पति की इच्छा के विरुद्ध एक बड़े घर में कर दी. दूसरी बेटी की शादी सुदूर मुंबई में हुई. बड़े बेटे को इंजीनियरिंग पढाने के लिए, खेत गिरवी रखने पड़े. तीसरी बेटी नमिता बहुत शैतान और चंचल थी.... किसी से नहीं डरती ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 8
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. दो बेटियों में से एक की शादी गाँव में हुई थी, उसे सब सुख था, पर ससुराल वाले कड़क मिजाज थे. दूसरी की शादी बंबई में हुई थी, घर वाले अच्छे थे पर जीवन कष्टमय था. छोटी बेटी नमिता गाँव में लड़कों की तरह साइकिल चलती, पेड़ पर चढ़ जाती. ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 9
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा था और छोटा बेटा मेडिकल की तैयार) गतांक से आगे प्रमोद की मेहनत रंग लाई और उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया. नमिता ने यह खबर सुनते ही कहा, चलो अच्छा हुआ, डॉक्टर की फीस बची... अब छोटके भैया अपना इलाज़ खुद कर सकेंगे, एकदम फूलकुमार है, जरा सी हवा चली और बीमार पड़े. ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 10
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी बेटी ममता की शादी गाँव में ही हुई थी और दूसरी बेटी स्मिता की बम्बई. दोनों बेटे मेडिकल और इंजीनियरिंग पढने शहर चले गए. उनकी पढाई के लिए जमीन और बगीचे गिरवी रखने पड़े. ससुर जी की तबियत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 11
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा था और छोटा बेटा मेडिकल में. ससुर जी की छत्र छाया भी कैंसर जैसी बीमारी ने छीन ली. पीटीआई ने उनके श्राद्ध में फिर खेत गिरवी रखकर जम कर पैसा बहाया) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 12
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग और छोटा बेटा, मेडिकल पढ़ रहा था. ससुर जी के निधन के बाद सास बिलकुल ही अकेली हो गईं थीं ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 13
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग और छोटा बेटा, मेडिकल पढ़ रहा था. सास-ससुर के निधन के बाद पति बिलकुल अकेले पड़ गए थे ) प्रकाश की इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो गई और कॉलेज से ही उसे एक अच्छी कंपनी में नौकरी लग गई थी. ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 14
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग और छोटा बेटा, मेडिकल पढ़ रहा था. सास-ससुर के निधन के बाद पति बिलकुल अकेले पड़ गए थे. बड़े बेटे की नौकरी के बाद, उसकी शादी के लिए रिश्ते आने लगे ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 15
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग और छोटा बेटा, मेडिकल पढ़ रहा था. ससुर जी और सास का निधन हो गया और सारी जिम्मेवारी पति पर आ पड़ी. बड़े बेटे ने उनलोगों की रजामंदी से प्रेम-विवाह किया) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 16
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर वह भी, उसके पिता के पैसों से अब विदेश जा रहा था ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 17
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर वह भी, उसके पिता के पैसों से अब विदेश चला गया) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 18
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर वह भी, उसके पिता के पैसों से अब विदेश जा रहा था, तीसरी बेटी नमिता अब कॉलेज जाने लगी थी. उसमें आये परिवर्तन से उन्हें आशंका हो रही थी ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 19
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर वह भी, उसके पिता के पैसों से अब विदेश चला गया. तीसरी बेटी नमिता, पिता के विरोध करने पर एक विजातीय लडके के साथ घर छोडकर चली गई ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 20
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर, उसके विदेश चला गया. तीसरी बेटी नमिता ने दूसरी जाति के लड़के से घर से विरोध होने पर, घर से भागकर शादी कर ली) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 21
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर वह भी, उसके पिता के पैसों से अब विदेश चला गया. तीसरी बेटी ने विरोध करने पर विजातीय लडके से शादी कर घर छोड़ दिया. सबसे छोटी बेटी ने एम. बी. ए. में एडमिशन लिया ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 22
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर और छोटा बेटा डॉक्टर था. तीसरी बेटी ने विजातीय लडकी से शादी कर घर छोड़ दिया था. सबसे छोटी मीरा अपने भाई के यहाँ रहकर एम. बी. ए. कर रही थी. ) ...Read More
खट्टी मीठी यादों का मेला - 23 - लास्ट पार्ट
(रात में बेटी के फोन की आवाज़ से जग कर वे, अपना पुराना जीवन याद करने लगती हैं. उनकी बेटियों और दो बेटों से घर गुलज़ार रहता. पति गाँव के स्कूल में शिक्षक थे. बड़ी दो बेटियों की शादी हो गयी थी. बड़ा बेटा इंजिनियर था, उसने प्रेम विवाह किया. छोटा बेटा डॉक्टर था, एक अमीर लड़की से शादी कर, उसके विदेश चला गया. तीसरी बेटी नमिता ने दूसरी जाति के लड़के से घर से विरोध होने पर, घर से भागकर शादी कर ली. छोटी बेटी ने एम. बी. ए. कर एक बढ़िया नौकरी कर ली, गिरवी रखे बाग़ छुडा लिए ) ...Read More