घर से निकलते समय उसने एक बार भी नहीं सोचा। तूफान का मुकाबला करने की ताकत नहीं थी उसमें। पति ने मारपीट की- बच्चों के सामने! ग्लानि हुई! रोज़-रोज़ गाली-गलौज़, मारपीट... तंग आ गयी थी। वह ऐसी ज़िन्दगी से। ऐसे जीने से तो अच्छा है कहीं ट्रेन के नीचे आ जाए या नदी-पोखर में डूब मरे। आँखों में समंदर था, खारे पाने से भरा जिसे वह जबरन रोके हुए थी। सड़क पर चलते लोगों के बीच वह तमाशा नहीं बनना चाहती थी।
Full Novel
अँधेरे में जुगनू - 1
घर से निकलते समय उसने एक बार भी नहीं सोचा। तूफान का मुकाबला करने की ताकत नहीं थी उसमें। ने मारपीट की- बच्चों के सामने! ग्लानि हुई! रोज़-रोज़ गाली-गलौज़, मारपीट... तंग आ गयी थी। वह ऐसी ज़िन्दगी से। ऐसे जीने से तो अच्छा है कहीं ट्रेन के नीचे आ जाए या नदी-पोखर में डूब मरे। आँखों में समंदर था, खारे पाने से भरा जिसे वह जबरन रोके हुए थी। सड़क पर चलते लोगों के बीच वह तमाशा नहीं बनना चाहती थी। ...Read More
अँधेरे में जुगनू - 2
घर से निकलते समय उसने एक बार भी नहीं सोचा। तूफान का मुकाबला करने की ताकत नहीं थी उसमें। ने मारपीट की- बच्चों के सामने! ग्लानि हुई! रोज़-रोज़ गाली-गलौज़, मारपीट... तंग आ गयी थी। वह ऐसी ज़िन्दगी से। ऐसे जीने से तो अच्छा है कहीं ट्रेन के नीचे आ जाए या नदी-पोखर में डूब मरे। आँखों में समंदर था, खारे पाने से भरा जिसे वह जबरन रोके हुए थी। सड़क पर चलते लोगों के बीच वह तमाशा नहीं बनना चाहती थी। ...Read More