आरुषि

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पहला इश्क़ आपको प्यार में पड़ना सिखाता है, दूसरा इश्क़ प्यार करना सिखाता है। पहला इश्क़ उस आदमी की मेहनत कि तरह है जो एक बीज को उगाने के लिए करता है और दूसरा इश्क़ उस पौधे की तरह जो उस आदमी के घर को बाग करता है। खैर, अपने साथ भी ये पहले इश्क़ वाली कहानी हुई, जो कि अब बहुत पुरानी हुई। अब वो ही घिसी पिटी कहानी, बंदी आयी छोड़ कर चली गयी। अब थोड़ी बहुत अपनी गलती तो थी ही जो अपन ने कभी नही मानी, पर इतनी भी नही कि उसने जाने की ही ठानी। अब

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आरुषि भाग - 1

पहला इश्क़ आपको प्यार में पड़ना सिखाता है, दूसरा इश्क़ प्यार करना सिखाता है। पहला इश्क़ उस आदमी की कि तरह है जो एक बीज को उगाने के लिए करता है और दूसरा इश्क़ उस पौधे की तरह जो उस आदमी के घर को बाग करता है।खैर, अपने साथ भी ये पहले इश्क़ वाली कहानी हुई, जो कि अब बहुत पुरानी हुई। अब वो ही घिसी पिटी कहानी, बंदी आयी छोड़ कर चली गयी। अब थोड़ी बहुत अपनी गलती तो थी ही जो अपन ने कभी नही मानी, पर इतनी भी नही कि उसने जाने की ही ठानी। अब ...Read More

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आरुषि भाग-2

वो:- कुछ बता सकते हो आहिरा के बारे में..?मैं:- कुछ जान सकता हूँ.. मैं तुम्हारे बारे में..?वो:- पूछो..! क्या चाहते हो मेरे बारे में..?मैं:- तुमने मुझे पसंद क्यों किया..? मैं इतना good looking भी नही हूँ कि एक बार में ही लड़की पसंद कर ले, और ना ही इतना फेमस हूँ कि लड़कियां मुझ पर मरे..!वो:- मुझे good looking और फेमस लोग पसंद नहीं है..!मैं:- अगर कल को मैं फेमस हो गया तो छोड़ दोगी मुझे..!वो:- अगर मेरे सामने अपना fame दिखाया तो..!मैं:- और तुम अपनी सहेलियों को दिखाओगी वो..!वो:- वो मेरा right होगा..!मैं:- ये सब छोड़ो.. बताओ ना ...Read More

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आरुषि भाग - 3

Yrr, I can't.. you don't love me.. I think is distance ne humare relation me bhi distance la di, take ur space 'aarav'.. love u so much my writer..!Your aarushiAre..! Aaru yaar, sab sahi ho jayega.. or new year ko aa raha hu na me, jo chut gya in distance me vo mil jayega...But I know ye sirf usee rokne ke liye meri dilasa thiUsee mere time me se time na de pana meri hatasha thiAarav, I don't want that u talk to me every moment, bt aarav i want that u talk to me a single moment with ...Read More

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आरुषि भाग - 4

"मोह्हबत में बुरी नियत से कुछ सोच नही जाता, बेवफ़ा कहा तो जाता है, मगर समझा नही जाता..!" (वसीम बरेलवी) ऐसा ही कुछ हो रहा था मेरे साथ उस समय..! दोस्तों की मंडली बैठती थी.. सब मिल कर मेरा मजाक उड़ाते थे..! यार.. काट गयी वो तेरा.. देख कैसा छोड़ गई वो तुझे.. बहुत बोलता था न वो ऐसी है, वो वैसी है.. पता चल गया न कैसी है..! मैं भी वहां कह देता था, हां यार.. बेवफ़ा निकली वो..! छोटी सी बात पर चली गयी..! लेकिन ये सिर्फ होंठ कह रहे थे, दिल मे तो तब भी वो ...Read More

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आरुषि भाग - 5

【 घर के अंदर】 अरे फटाफट तैयार हो गयी.. फर्स्ट डेट जितना टाइम नही लगाया आज सजने में..! (आरव) मेकअप से प्यार है या मुझसे...!(आरुषि) ना तुमसे है ना मेकअप से.. तुम्हारे अंदर जो मैं हूँ उससे है..! (आरव) बड़े स्वार्थी हो यार.. प्यार भी खुद से ही करते हो.. चलो अब बाहर डोर लॉक कर देना..! (आरुषि) जी मेमसाहब..!(आरव) 【 राजीव चौक पार्क 】 बहुत दिन हो गए ना ऐसे कही बाहर एक-दूसरे के साथ चलते हुए..!(आरुषि) [ लाइफ में इतना busy हो गए थे कि मैंने आरुषि की दुनिया को घर से ऑफिस और ऑफिस से घर ...Read More

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आरुषि भाग - 6

【 घर पहुँच कर..! आरुषि आरव के कंधे पर सिर रख कर लेटी है..!】 अपने उस दिन के बाद आहिरा के बारे में नही बताया..! आज बताओ न..! मुझे भी तो जानने का हक़ है ना..!(आरुषि) ठीक है.. पर सुनते सुनते सोना मत..!(आरव) हाँ ठीक है, बताइए आप..!(आरुषि) कहते है कि बारिश का मौसम सब मौसम से ज्यादा रोमेंटिक मौसम होता है, पर अपनी कहानी अलग थी। अपना रोमेंटिक मौसम तो वो तेज धूप वाली गर्मी थी जिसमे कभी हमारा पहला प्यार हमारे साथ हुआ था। हालांकि प्यार तो उस मोहतरमा से बहुत पहले था, पर जब ये उसके ...Read More