मम्मटिया

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मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है।

Full Novel

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मम्मटिया - 1

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 2

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 3

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 4

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 5

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 6

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 7

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 8

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 9

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 10

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More

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मम्मटिया - 11

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो विधवा हो तो उसके लिये जिन्दगी और ज्यादा कठिन हो जाती है। एक महिला कमला जो आगे बढकर अपने आप और अपने बच्चों को सुखी देखना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ उसे दुख देकर पीछे धकेलने वाले लोग लगातार उसको हानि पहुंचाये जाते है। लेकिन वो स़्त्री इतनी जल्दी हार मानना नही चाहती । वो पहले ही अपनी जिन्दगी में बहुत कुछ खो चुकी है। अब उसे मुश्किलों से लडने का अभ्यास सा हो गया है। फिर वो क्योंकर पीछे हट जाये आखिर ये उसकी और उसके बच्चों की जिन्दगी का सवाल है। ...Read More