रात अपने आगोश में बारिश की बूंदो की ठंडक सी समेटे हुए थी । कभी कभी बादलों की परतों को खोलता हुआ चाँद ऐसे निकलता मानो अपनी चांदनी की छटा बिखेरने की अदा से सबको रूबरू करवाना चाहता हो । पर बादलों ने भी आज चाँद के मिज़ाज़ को समझते हुए उसकी हर कोशिश को नाकाम करने की ठान ली थी ।फिर भी कोशिश करने पर , चाँद एक पल के लिए ही सही, निकल कर मुस्कुरा कर ऐसे छिप जाता बादलों में जैसे अपनी चांदनी से मुहब्बत बयाँ करने गया हो ।
Full Novel
वैल विशर - 1
रात अपने आगोश में बारिश की बूंदो की ठंडक सी समेटे हुए थी । कभी कभी बादलों की को खोलता हुआ चाँद ऐसे निकलता मानो अपनी चांदनी की छटा बिखेरने की अदा से सबको रूबरू करवाना चाहता हो । पर बादलों ने भी आज चाँद के मिज़ाज़ को समझते हुए उसकी हर कोशिश को नाकाम करने की ठान ली थी ।फिर भी कोशिश करने पर , चाँद एक पल के लिए ही सही, निकल कर मुस्कुरा कर ऐसे छिप जाता बादलों में जैसे अपनी चांदनी से मुहब्बत बयाँ करने गया हो । ...Read More
वैल विशर - 2
अगले दिन सोनिया ने जल्दी से काम निबटाया। अंशुम ऑफिस चले गए ..बेटे और उसके जाने का टाइम का घंटे का ही फर्क था।शिवम् के स्कूल का टाइम ११.३० से २ बजे तक था ।उसके बाद वो घर २.३० बजे पहुँचता ..और सोनिया भी अपने स्कूल से २ बजे तक आ जाती थी । अब सोचने लगी की जाए न जाए ..कल तो वैसे भी कॉलेज में छुट्टी है ..बस एक बार प्रिंसिपल मैडम ने सब टीचर्स को मीटिंग के लिए बुलाया है । ...Read More
वैल विशर - 3
' वॉट इज़ दिस अमित ..फ्रॉम वन वीक वेयर आर यू ..नो मैसेज नो फ़ोन ? नाराज़ हो मुझसे बोलो न ...? एक इल्तेज़ा सी थी आवाज़ में सोनिया की । 'नो हनी ..नथिंग लाइक दैट...बस बिजी था । तुम सुनाओ ..एवरीथिंग ओके न ...?' ' नो ..ऍम नोट ओके ...मिसिंग यू टू मच...आज बोर भी हो रही हूँ ...! ' क्यों अंशुम के साथ मूवी देख आओ ...शौपिंग जाओ ..बोरियत ख़त्म ! ' अमित ने तरीके बताने शुरू कर दिए । मानो अपनी पत्नी को तो मूवी दिखाकर या शौपिंग करवाकर दुनिया की सैर करवाकर खुश रखा हुआ है । ...Read More