एक गलतफहमी के कारण आदित्य और नैना अलग हो गए। लेकिन यह अलगाव भी उनके प्यार को कम नहीं कर सका। इसीलिए जब आदित्य को नैना के अचानक गायब हो जाने का पता चला तो उससे रहा नहीं गया। नैना को तलाश करने के लिए अपना काम छोड़ वह पुलिस की मदद के लिए आगे आया। क्या वह नैना को तलाश कर पाया ? कहाँ थी नैना ? आदित्य के द्वारा नैना की तलाश की कहानी है कहाँ गईं तुम नैना....
Full Novel
कहाँ गईं तुम नैना - 1
कहाँ गईं तुम नैना (1)आदित्य अपने जिम में वर्कआउट कर रहा था। उसका मोबाइल वाइब्रेट करने लगा। ट्रेडमिल पर हुए उसने चेक किया तो कोई अंजान नंबर था। उसने फोन काट दिया।जब वह जिम से निकलने लगा तो फिर उसी नंबर से कॉल आई। इस बार उसने फोन उठा लिया।"हैलो...""मि. आदित्य...""जी बोल रहा हूँ। आप कौन ?""मैं मिसेज़ चटर्जी...दिल्ली से बोल रही हूँ। नैना आपकी पत्नी का नाम है।""जी...लेकिन दो साल पहले हम अलग हो गए।""ओह....लेकिन मुझे तो यही नंबर दिया गया।""किसने दिया ये नंबर ?""मि. आदित्य मैं नैना की लैंडलेडी हूँ। मखानी अपार्टमेंट्स ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 2
कहाँ गईं तुम नैना (2)एमबीए करते समय ही आदित्य ने तय कर लिया था कि वह नौकरी ना करके बिज़नेस करेगा। इसलिए उसने कॉलेज में रहते हुए ही कई तरह के बिज़नेस आइडिया को स्टडी करना शुरू कर दिया था। कॉलेज में उसकी दोस्ती शीरीन भरूचा से हुई। उसकी तरह शीरीन भी औरों से हट कर कुछ करना चाहती थी।कॉलेज से निकल कर आदित्य ने शीरीन के साथ ताजमहल की नगरी आगरा में एक ट्रैवलिंग एजेंसी शुरू की। दो सालों के भीतर ही उनका बिज़नेस चमक उठा। एक स्थानीय ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 3
कहाँ गईं तुम नैना (3)चित्रा और नैना ने एक ही कॉलेज से मास कॉम का कोर्स किया था। दोनों सहेलियां थीं। कॉलेज से निकल कर दोनों ने अलग अलग न्यूज़ चैनल ज्वाइन किए। लेकिन डेढ़ साल पहले चित्रा भी दुनिया न्यूज़ चैनल में आ गई। दिल्ली आने के बाद चित्रा एक लड़की के साथ फ्लैट शेयर करने लगी। पर उसके साथ चित्रा की पटरी सही तरह से नहीं बैठ पा रही थी। उसने नैना को अपनी समस्या बताई तो उसने सुझाव दिया कि जब तक उसे सही जगह नहीं मिल जाती वह उसके साथ ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 4
कहाँ गईं तुम नैना (4)नैना का केस पुलिस इंस्पेक्टर नासिर अहमद को सौंपा गया था। नासिर ने अब तक केस में जो जाँच पड़ताल की थी उससे कोई खास नतीजा नहीं निकला था। आदित्य ने जमुना प्रसाद पर शक ज़ाहिर किया था। लेकिन वह सत्ताधारी दल का विधायक था। उस पर आसानी से हाथ नहीं डाला जा सकता था। नासिर ने उन गुंडों को गिरफ्तार कर पूँछताछ की थी जिन्होंने नैना को धमकी दी थी। लेकिन उन्होंने भी जमुना प्रसाद का नाम नहीं लिया था। गुंडों का कहना था कि उन्हें एक ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 5
कहाँ गईं तुम नैना (5)डिनर के बाद आदित्य जब अपने फ्लैट में लौटा तो बहुत देर तक उसे नींद आई। वह पुराने दिनों के बारे में सोंचने लगा।पाँच महीने से अधिक हो गए थे। दोनों ही अब एक दूसरे को भली प्रकार से समझ चुके थे। आदित्य तो पहले से ही नैना को अपना दिल दे बैठा था। लेकिन अब नैना भी उसे चाहने लगी थी।आदित्य की माँ के जाने के बाद से उसके पिता अपने में ही रहते थे। आदित्य से भी अधिक बात नहीं करते थे। आदित्य ने अपने ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 6
कहाँ गईं तुम नैना (6)कहानी बताते हुए बसंत की आवाज़ भर्रा गई। सर दीपा मेरी सगी बहन नहीं थी। वह मुझे बहुत चाहती थी। उसकी माँ नहीं थी। खाना वही बनाती थी। मुझे अक्सर दाल या सब्ज़ी दे जाती थी। कहती थी कि तुम ठीक से खाया करो। अगर मैं कर पाता तो जमुना प्रसाद का गला घोंट देता। लेकिन मैंने सोंचा कि उसके जुर्म के सबूत इकठ्ठे कर लूँ तो नैना मैडम उसे सज़ा दिला ही देंगी। बसंत ने अपनी कहानी आगे बढ़ाई....जमुना प्रसाद की जासूसी करने का मतलब शेर की मांद में ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 7
कहाँ गईं तुम नैना (7)जमुना प्रसाद चंडीगढ़ जा रहा था। रास्ते में उसके पास उसके एक विश्वासपात्र आदमी का आया। फोन पर उसने बताया कि धमकी दिलाने के बाद भी नैना बाज़ नहीं आई है। उसने जमुना प्रसाद की जासूसी के लिए बसंत नाम के एक आदमी को लगा रखा है। बसंत को उसके फार्म हाउस के पास वाली बस्ती में देखा गया है। यह खबर सुनते ही जमुना प्रसाद का दिमाग तेजी से चलने लगा। वह समझ गया कि शिवप्रसाद ही बसंत है। उसने फौरन गाड़ी फार्म हाउस की तरफ मोड़ने को ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 8
कहाँ गईं तुम नैना (8)उस दिन आदित्य करीब आठ बजे घर पहुँचा तो पाया कि महक बाहर खड़ी उसकी कर रही है। उसे वहाँ देख कर आदित्य को आश्चर्य हुआ। महक हंस कर बोली।"आज मैंने सोंचा कि तुम्हारे घर चल कर धावा बोला जाए। पर तुम्हारा चेहरा बयां कर रहा है कि तुम मुझे देख कर खुश नहीं।"उसकी बात सुन कर आदित्य खुद को संभालते हुए बोला।"नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। आओ अंदर आओ।"कह कर वह दरवाज़ा खोलने के लिए आगे बढ़ गया। महक उसके पीछे पीछे अंदर आ गई। चारों ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 9
कहाँ गईं तुम नैना (9)फोन की रिंग सुन कर आदित्य वर्तमान में लौट आया। अरुण अंकल का नंबर था। फोन उठाया तो उधर से रमेश की आवाज़ आई।"भइया साहब की तबीयत बहुत खराब हो गई है। अस्पताल ले जाना पड़ेगा।"आदित्य फौरन अरुण अंकल के घर पहुँच गया। रमेश रो रहा था। आदित्य ने अंकल की हालत देखी तो रमेश से बोला।"फौरन मेरे साथ चलो। अंकल को भर्ती कराना पड़ेगा।"रमेश को साथ लेकर आदित्य अरुण अंकल को अस्पताल ले गया। डॉक्टर ने तुरंत ही उनका इलाज शुरू कर दिया। डॉक्टर का कहना था ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 10
कहाँ गईं तुम नैना (10)इंस्पेक्टर नासिर अहमद अभी तक पुलिस स्टेशन नहीं पहुँच पाए थे। बीती रात एक गल्ला की दुकान में चोरी हो गई थी। वह उसी का पंचनामा करने गए थे। आदित्य को करीब दस मिनट तक उनकी राह देखनी पड़ी। पुलिस स्टेशन पहुँच कर इंस्पेक्टर नासिर ने उसे नैना के केस में जो भी प्रगति हुई थी उसके बारे में बताया। मि. आदित्य हम नैना के कॉल डीटेल की जाँच कर रहे हैं। इसी बीच मेरी दो ऐसे लोगों से मुलाकात हुई जो जमुना प्रसाद के ज़ुल्मों का शिकार है। ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 11
कहाँ गईं तुम नैना (11)जमुना प्रसाद की गिरफ्तारी ने ना सिर्फ खबरों की दुनिया को गर्म कर दिया था राजनीति के क्षेत्र में भी बवंडर खड़ा कर दिया था। सत्ताधारी दल सवालों के घेरे में था तो विपक्ष पूर्णतया आक्रामक। न्यूज़ चैनल पर हो रही बहसों में खुल कर आरोप प्रत्यारोप हो रहे थे। पर एक बात साफ थी। इस गिरफ्तारी ने सत्तापक्ष को गहरा आघात पहुँचाया था। वह भी लोकसभा के चुनावों के कुछ ही दिन पहले। जमुना प्रसाद की गिरफ्तारी के साथ ही साथ नैना की गुमशुदगी की खबर भी मीडिया में ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 12
कहाँ गईं तुम नैना (12)इंस्पेक्टर नासिर अहमद ने नैना के कॉल रिकॉर्ड को अच्छी तरह से खंगाल कर देखा। नंबर था जिससे नैना के गायब होने के चार महीनों के भीतर सबसे अधिक संपर्क रहा था। आरंभ के दिनों में दोनों तरफ से बराबर कॉल्स की गई थीं। लेकिन नैना के गायब होने के एक महीने पहले से उस नंबर से नैना को इनकमिंग कॉल्स ही आए थे। यह जाँच करने पर की यह नंबर किसका था की यह एक प्राईवेट नंबर है। यह नंबर किसी संजय घोषाल के नाम पर था।इंस्पेक्टर नासिर अहमद ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 13
कहाँ गईं तुम नैना (13)इंस्पेक्टर अभिनव कनौजिया से मिलने पर उन्हें कुछ और बातें पता चलीं। इंस्पेक्टर अभिनव ने के फ्लैट में काम करने वाली मेड से बात कर कई बातें निकलवाई थीं।संजय के फ्लैट में मीना नाम की एक मेड ने कुछ ही दिन पहले काम करना शुरू किया था। मीना ने बताया कि फ्लैट में एक बंगाली माता जी और उनकी बहू रहते हैं। माता जी का बेटा कभी कभी आता है। माता जी की बहू को कोई दीमागी बीमारी है जिसके चलते उसे कमरे में ही बंद रखना ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 14
कहाँ गईं तुम नैना (14)कहानी सुनाते हुए नैना को प्यास लगने लगी थी। चित्रा ने उसे पानी लाकर दिया। पीने के बाद नैना ने आगे कहना शुरू किया।"एक दिन संजय ने मुझे मिलने के लिए रेस्टोरेंट में बुलाया। हम अक्सर ही यहाँ मिलते थे। जब मैं वहाँ पहुँची तो पाया कि उसने सारा रेस्टोरेंट बुक करा रखा था। मेरे और संजय के अलावा वहाँ कोई नहीं था। उसने केक मंगाया तब मुझे याद आया कि उस दिन मेरा बर्थडे था।"केक काटने के बाद नैना ने संजय से कहा कि पूरा रेस्टोरेंट बुक ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 15
कहाँ गईं तुम नैना (15)नैना भावुक हो गई। उसकी आँखें नम हो गईं।"मैं नहीं जानती थी कि संजय के में जाना मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित होगी। आने वाले नारकीय दिनों से बेखबर मैं आने वाले जीवन के बारे में सोंचने के लिए वहाँ चली गई।"आदित्य ने उठ कर उसे संभाला। ढांढस पाकर नैना ने आगे कहना शुरू किया....नैना संजय के फ्लैट में पहुँच गई। यहाँ किसी तरह का बंधन नहीं था। वह अपने हिसाब से उठ बैठ सकती थी। अब वह सामान्य महसूस कर रही थी। उसे संजय के फ्लैट ...Read More
कहाँ गईं तुम नैना - 16
कहाँ गईं तुम नैना (16)संजय नैना को अपने मन की बात नहीं बता सका था। लेकिन औरतों को लेकर में जो कड़वाहट थी वह दूर हो चुकी थी। बांग्ला न्यूज़ चैनल में उसके काम की सराहना हो रही थी। उसकी माँ उस पर शादी के लिए ज़ोर डाल रही थीं। उसने शादी करने का फैसला कर लिया।सागरिका उसके एक कुलीग की बहन थी। बेहद आकर्षक थी। संजय अक्सर उसके घर जाता रहता था। उसे सागरिका अच्छी लगने लगी। किंतु खुद पहल करने की बजाय उसने अपनी माँ से कह कर उसके माता पिता ...Read More