उलरिख वॉन जेटजीखोवन के वृत्तान्तों से ली गयी यह कहानी 13वीं सदी की है। बोधकथाओं या प्रकृत कथाओं से अलग यह प्रतीक-कथा अपने समय में एक नया आयाम उद्घाटित करती है। जब लांसलॉट लड़का ही था, जब उसके दाढ़ी नहीं आयी थी, तभी की यह कहानी है, जिसके कारण वह अपने समय के वीरों और सभ्य जनों के बीच ईर्ष्या और कुचर्चा का विषय बन गया था।
Full Novel
एक अपवित्र रात - 1
उलरिख वॉन जेटजीखोवन के वृत्तान्तों से ली गयी यह कहानी 13वीं सदी की है। बोधकथाओं या प्रकृत कथाओं से यह प्रतीक-कथा अपने समय में एक नया आयाम उद्घाटित करती है। जब लांसलॉट लड़का ही था, जब उसके दाढ़ी नहीं आयी थी, तभी की यह कहानी है, जिसके कारण वह अपने समय के वीरों और सभ्य जनों के बीच ईर्ष्या और कुचर्चा का विषय बन गया था। ...Read More
एक अपवित्र रात - 2
आर्स आमेतोदिया’ यानी ‘प्यार की खोज’ - यह था पब्लियस ओविडियस नासो यानी ओविड की उस पुस्तक का नाम, अपने समय (पहली सदी ई.पू.) की सर्वाधिक लोकिप्रिय पुस्तक सिद्ध हुई। परिणाम? - क्या आप ने कभी किसी हताश रोमन के बारे में सुना है? ...Read More
एक अपवित्र रात - 3
प्रथम शताब्दी के अन्तिम चरण में रोमन साहित्य में दो शानदार कृतियों की वृद्धि हुई : एक थी ऐपुलियस पुस्तक ‘सुनहरा गधा’ और दूसरी पेट्रोनियस की पुस्तक ‘सेटिरिकोन’। इन दोनों कृतियों का साहित्यिक स्तर अपने काल की अन्य कृतियों से कहीं ऊँचा है। प्रचलित संस्कृति ही इनका आधार था, जिसने इन्हें एकदम जीवन्त बना डाला है। ...Read More
एक अपवित्र रात - 4
बोकेशियो (1313-1375) विश्व साहित्य के महान व्यक्तित्वों में से एक हैं। ‘डेकामेरॉन’ की सौ कहानियाँ मजाकिया लहजे और पार्थिव के कारण, अपने वक्त की पहचान बन गयी हैं। इनमें जिन्दगी के प्यार और मानवीय आत्मा की झलक है। यहाँ ‘डेकामेरॉन’ की पहली कहानी का रूपान्तर दिया जा रहा है। ...Read More
एक अपवित्र रात - 5
सादी (जन्म 1200 ईस्वी) की पुस्तक ‘गुलिस्ताँ’ ने उसे न केवल ख्याति ही दी, उसे विश्व-साहित्य में भी स्थान दिया। इस संग्रह की सभी कहानियाँ, किसी न किसी उपदेशात्मक टिप्पणी को रेखांकित करती हैं। यहाँ सादी की तीन कहानियाँ दी जा रही हैं। ...Read More
एक अपवित्र रात - 6
मीस्तर एकहार्ट (1260-1328) के बारे में खास कुछ पता नहीं। लेकिन जर्मन छोटी कहानी के बीज एकहार्ट की लघुकथाओं बखूबी देखे जा सकते हैं। मीस्तर एकहार्ट को (एक दिन) एक खूबसूरत नंगा लड़का मिला। उसने उससे पूछा कि वह कहाँ से आया था। वह बोला, “मैं खुदा के पास से आया हूँ।” ...Read More
एक अपवित्र रात - 7
पिकारेस्क नॉबेल का जनक और स्पेन का सर्वाधिक प्रतिभाशाली कथाकार सर्वाण्टीज़ (1547-1616) जिन्दगी भर गरीबी और गुमनामी से जूझता अपने जमाने को समझने में सर्वाण्टीज़ किस कदर सफल रहा, इसका अनुमान यहाँ प्रस्तुत अंश से लग सकता है, जो आज के भाषणवादी राजनीतिज्ञों पर भी करारे व्यंग्य का काम करता है। ...Read More