डिअर सर.......

(0)
  • 3.2k
  • 0
  • 1.1k

वो उमस भरी गर्मियों के गुजरने के दिन थे। नहाकर बाथरूम से बाहर निकलो तो दोबारा पसीने से नहाना हो जाता। पानी से इतनी ठंडक महसूस नहीं होती थी जितनी पसीने से। एनी अपनी सहेलियों के साथ इंटर्नशिप के लिए इस दुनिया में आई थी। पहले-पहल तो उसे यह एडवेंचर ट्रिप से कम नहीं लगा। लेकिन चार दिन में ही एडवेंचर की हवा निकल गई और उन्हें लगने लगा कि तीन महीने इस नर्क में कैसे कटेंगे।

1

डिअर सर........1

वो उमस भरी गर्मियों के गुजरने के दिन थे। नहाकर बाथरूम से बाहर निकलो तो दोबारा पसीने से नहाना जाता। पानी से इतनी ठंडक महसूस नहीं होती थी जितनी पसीने से।एनी अपनी सहेलियों के साथ इंटर्नशिप के लिए इस दुनिया में आई थी। पहले-पहल तो उसे यह एडवेंचर ट्रिप से कम नहीं लगा। लेकिन चार दिन में ही एडवेंचर की हवा निकल गई और उन्हें लगने लगा कि तीन महीने इस नर्क में कैसे कटेंगे।धूल उड़ाती सड़कें। न कैब और न ही टाइम पर कोई दूसरा साधन। केवल बस और शेयर्ड ऑटो रिक्शा। वो भी दिन में चुनिंदा बार। ...Read More

2

डिअर सर........2

आज काफी देर से लाइट नहीं थी तो अंधेरा होने से पहले ही लालटेन जलानी थी। एनी जैसे ही साफ करने बाहर निकली उसकी चीख निकल गई। करीब 2 मीटर लंबा सांप सर्र से उसके पैरों के पास से होकर निकला था। अब सब लड़कियों की धमाल चौकड़ी बंद हो गई और सब की सब एक सुरक्षा घेरा बनाकर हाथ में लड़की-चप्पल-न्यूजपेपर-झाडू लेकर बैठ गईं। लालटेन को दरवाजे के पास ही रख दिया था ताकि दोबारा मेंढक, सांप या कोई और अनामंत्रित जीव आता दिखे तो लड़कियां सतर्क हो जाएं।विकास सर और बाकी टीम के आने तक एनी बुखार ...Read More