मुम्बई होटल रॉयल प्रेसीडेंसी.....मुंबई के एक 7 स्टार होटल के आलीशान कमरे में एक लड़का बेड पर शर्टलेस लेटा हुआ सीलिंग पर लगे झूमर को एक टक देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। और आंखें सुर्ख लाल थी । वो लाली शराब के नशे की थी ,सबाब की थी, या अंदर दबे हुए दर्द और नफरत की थी ये तो बस वही बता सकता था।लगभग 6 फुट 2 इंच हाइट, मस्कुलर बॉडी, 8 पैक एब्स , शार्प फीचर्स ,गेहुआ रंग ,गहरी नीली आंखें और माथे पर बिखरे बाल उसके स्टनिंग लुक को और भी किलर बना
नफ़रत-ए-इश्क - 1
मुम्बईहोटल रॉयल प्रेसीडेंसी.....मुंबई के एक 7 स्टार होटल के आलीशान कमरे में एक लड़का बेड पर शर्टलेस लेटा हुआ पर लगे झूमर को एक टक देखे जा रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। और आंखें सुर्ख लाल थी । वो लाली शराब के नशे की थी ,सबाब की थी, या अंदर दबे हुए दर्द और नफरत की थी ये तो बस वही बता सकता था।लगभग 6 फुट 2 इंच हाइट, मस्कुलर बॉडी, 8 पैक एब्स , शार्प फीचर्स ,गेहुआ रंग ,गहरी नीली आंखें और माथे पर बिखरे बाल उसके स्टनिंग लुक को और भी किलर बना ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 2
विराट की नजर कमरे के एक कोने में रखें कैनवस स्टैंड पर पड़ती है। वो स्केच उठाकर उस कैनवास कुछ ड्रॉ करने लगता है ।और थोड़ी ही देर में उस कोरे कागज पर एक लड़की की बेहद खूबसूरत तस्वीर थी ।बेदाग खुबसूरत मासूम सा चेहरा, घने पलकों से ढकी हुई गहरी आंखे, चेहरे पर बिखरी हुई कुछ लटें उसकी खूबसूरती पर चार चांद लगारही थीं। और पेंटिंग के नीचे लिखा हुआ था प्रिंसेस। कुछ पल केलिए विराट उस पेंटिंग को अपनी सनक भरी गहरी नजरों से निहारने लगता है ।उस पेंटिंग के बेहद करीब जाकर अपने उंगलियों से उसके ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 3
यशबर्धन जी के जाते ही चित्रा जी चुप चाप सोफे पर बैठ गई ।चिंता की लकीरें उनके माथे पर साफ दिख रही थी।सरगम कॉफी का कप साइड में रख उनके पास बैठ जाति हैं। और उनके हाथों पर हाथ रख समझाते हुए,"आप चिंता मत कीजिए दीदी, बस एक बार अभय की शादी प्रिया से हो जाए,(प्रिया अभय की मंगेतर)फ़िर देखना सब ठीक हो जाएगा। प्रिया बहत समझदार हैं। संभाल लेंगी वो अभय को। ओर अभय बहत जल्दी अपना पास्ट भूल जायेंगे ।और धिरे धिरे पापा जी की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।"सरगम की बात सुनकर चित्रा जी एक जबरदस्ती ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 4
तपस्या के बारेमे सोच कर विराट एक डेवल स्माइल लिऐ बालकनी से निकल कर चेंजिंग रूम के तरफ चला कुछ 10 मिनट में वो रेडी होकर बाहर आया तो जानवी बाथरोब पहने मिरर के सामने खड़ी थी।"मुझे कुछ जरूरी काम आ गया है ,तू रेडी हो जा ड्राइवर आएगा तुझे पिक करने ।"बिना जानवी की तरफ देखे कहते हुए विराट रूम से बाहर निकल गया।विराट को जाते हुए जानवी खामोशी से मिरर में से देख रही थी ।विराट के जाने के बाद वो खुद को मिरर में देखने लगी। और खुद को देखते हुए ही वो बाथरोब के लेस ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 5
विराट अपने आंखों को तपस्या की आंखों से हटाकर उसके कांप ते होठों पर डाल देता है। जो विराट क़रीब होने से अपने आप ही कांप ने लगे थे।इस वक्त विराट उसके इतने नजदीक था कि उसकी गर्म सासें वो अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी। तपस्या की नजरें अब भी विराट के गहरी नीली आंखों में खोए हुए थे ।इस वक्त उसकी धड़कन नॉर्मल से बहुत तेज बड़ी हुई थी जो विराट बखूबी महसूस कर पा रहा था ।विराट एक इंटेंस स्माइल कर.....तपस्या से थोड़ा दूर होते हुए हल्के और सिडैक्टिव आवाज में बोला "आप ठीक ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 6
अग्निहोत्री इंडस्ट्रीजआसमान को छू ती हुई एक बड़ी सी इमारत के एंट्री गेट पर ब्लैक एंड गोल्डन कांबिनेशन में हुआ था, अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज । उसी बड़ी इमारत के एक आलीशान केबिन के ग्लास विंडो के पास खड़ा हुआ एक सक्स एक टक बाहर की ओर देखे जा रहा था। उसके एक हाथ में काफी का मग था और दूसरे हाथ में आधी जली सिगरेट का टुकड़ा। उसके उस एक्सप्रेशनलेस चेहरे को देख कोई नहीं बता सकता था कि, इस वक्त उसके दिमाग में क्या चल रहा है । वो सक्स और कोई नहीं बल्कि अग्निहोत्री इंडस्ट्रीज का सीईओ विराट ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 7
अग्निहोत्री हाउसविराट तूफान की तेजी से गाड़ी ड्राइव कर 30 मिनट का रास्ता 12 या 13 मिनट में तय अग्निहोत्री हाउस पहुंच गया था । वो गाड़ी से उतरकर बिना श्लोक के और देखें अंदर चला गया ।वहीं श्लोक अभी तक बुत बने सीट से चिपक कर बैठा हुआ था ।जिस तेजी से विराट गाड़ी चला रहा था, श्लोक को पूरी दुनिया मेरीगो राउंड जैसा फील हो रहा था ।जब उसे पेट में कुछ अजीब सा फील हुआ उसे एहसास हुआ की गाड़ी रूक चुकी है।हॉल में अनुपमा जी (विराट और श्लोक की मां )सारे नौकरों को इधर-उधर काम ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 8
आंखों में अनगिनत दर्द और नफरत लिए विराट फोन पर तपस्या के हंसते हुए तस्वीर को गौर से देखते दबे आवाज में बोला,"गुमशुदा लम्हों को खोजते हुए,अक्सर शायद जिक्र हमारा भी हो रहा उधर ।यूं शिद्दत से हमें याद ना कर ए बेखबर ,आपकी यादों से अब ये दिल हो चला है बेअसर।विराट की आंखों पर एक डार्क एक्सप्रेशन के साथ दर्द भरी स्माइल आ जाती है ।उसके वो दर्द और दिल दहला देने वाला एक्सप्रेशन और भी डार्क हो जाती है जब बाहर से एक दर्द से कराह ती हुई आवाज उसके कान में गूंज ती है।"छोड़ दो ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 9
रायचंद हाउस चित्रा जी तपस्या को देखने उनके कमरे में आती है ।और उसे सोफे पर ही बाथरोब पहनकर को बाहों में भरकर सोता हुआ देखती हैं।"इतनी बड़ी हो गई है ।10 दिनों में शादी है ,और अभी तक बचपना नहीं गया इस लड़की का ।"कहते हुए वो बेड से ब्लैंकेट लेकर उसे कवर कर देती है ।और वहीं उसके पास बैठ जाती है ।और उसका माथा सहलाने लगी।तपस्या कुनमुनाते हुए उनके गोद में सिर रखकर वापस से सो जाती है ।चित्रा जी उसके बाल सहलाते हुए प्यार से बोली,"आप खुश तो हैं ना बेटा ,इस शादी से? मतलब ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 10
श्लोक अब बस विराट के पागलपन को डर और सहमी नजरों से देखे जा रहा था।कुछ फलों के बाद के पुरे कमरे का नजारा कुछ यूं था जेसे अभि अभि कोई तेज तूफान गुजर कर गया हो। पुरे कमरे में कांच के टुकड़े बेखरे पड़े थे। विराट ने मिरर को पंच मारकर उसे चकनाचूर कर दिया था। और साथ ही साथ रूम के हर सामान को अपने पंच से तहस नहस कर रहा था। चीखते दहाड़ते हुए वो कमरे के हर सामान को तोड़ चुका था।कुछ पल में कमरे के सारे सामान टूट चूके थे और विराट की ताक़त ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 11
अग्निजोत्रि हाऊसविराट अपने कमरे से निकल कर सीधे ऊपर के फ्लोर पर जाता है। जहां परणीति का कमरा था। का दरवाज़ा खौल कर सामने का नजारा देख, उसके कदम थम गए। साइड सोफे पर बैठे 2 नर्स उठकर उसे विश करते हुए कुछ कहनेको थे के वो हाथों के इशारों से उन्हे रोक लेता है। और वहीं खड़े हुए पीहू और परिणिती को दिखने लगा।पीहू परिणीति के सीने पर सिर रख सोई हुई थी। और परी का हाथ बेहोशी में ही पीहू को कस कर थामे हुए थे।ये नजारा देख कर ही विराट के आंखों नम हो गई। और ...Read More
नफ़रत-ए-इश्क - 12
नवी मुम्बईरात का वक्त,एक डुप्लेक्स बिल्डिंग के सामने एक रेड फॉर्च्यूनर आकार रुकती है। ब्लैक थाई लेंथ तक ऑफ ड्रेस पहनी हुई एक लडकी लड़खड़ाते कदमों से गाड़ी से बाहर निकलती है। उसकी लड़खड़ाते हुए कदमों को देखकर साफ पता चल रहा था कि, वो किस कदर नशे में थी। वो लड़की गाड़ी से उतरकर सीधे घर के तरफ चली जाती है और बेल तब तक दबाती है जब तक घर के अंदर का सख्त आकर दरवाजा ना खोल दे।40 /45 साल की एक औरत गुस्से से दरवाजा खोलती है ,और चिल्लाते हुए बोली,"पागल हो गई हो क्या जानवी? ...Read More