बेजुबान

(0)
  • 2.5k
  • 0
  • 768

एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर उसके साथी उसे डांटेंगे, जलील करेंगे, भला बुरा कहेंगे। लेकि न जैसा वह सोचकर आया था वैसा नही हुआ था।बल्कि उलट।उसके सहकर्मी उससे कुछ कहने की बजाय उसके पुरुष सहकर्मी उसकी पत्नी को ऐसे घूरकर देखने लगे मानो वह बाजारू औरत हो।बिकाऊ माल हो।उसके साथ काम करने वाली औरतों ने तो हद ही कर दी थी।एक महिला सहकर्मी ने तो उसका पक्ष लेते हुए उसकी पत्नी पर ऐसे आरोप लगाए थे कि उसे ऐसा लगा मानो उसे सरेआम नंगा कर दिया गया हो।और अपने नंगेपन को छिपाने के लिए वह पत्नी का हाथ पकड़कर ऑफिस से बाहर निकल आया था।

1

बेजुबान - 1

एक औरत से उसे ऐसी उम्मीद नही थी।वह यह सोचकर आया था कि उसकी नीच और घिनोनी हरकत पर साथी उसे डांटेंगे, जलील करेंगे, भला बुरा कहेंगे। लेकि न जैसा वह सोचकर आया था वैसा नही हुआ था।बल्कि उलट।उसके सहकर्मी उससे कुछ कहने की बजाय उसके पुरुष सहकर्मी उसकी पत्नी को ऐसे घूरकर देखने लगे मानो वह बाजारू औरत हो।बिकाऊ माल हो।उसके साथ काम करने वाली औरतों ने तो हद ही कर दी थी।एक महिला सहकर्मी ने तो उसका पक्ष लेते हुए उसकी पत्नी पर ऐसे आरोप लगाए थे कि उसे ऐसा लगा मानो उसे सरेआम नंगा कर दिया ...Read More

2

बेजुबान - 2

उस रात वह बिस्तर में लेटा हुआ था।मोबाइल का जमाना था नही।मतलब हमारे यहाँ मोबाइल नही आया था।टेलिविजन हमारे मे आ चुका था।लेकिन तब हर घर मे नही होता था।अकेला रहता था।करता क्या।खाना खाने के बाद बिस्तर में आ लेटा था।तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।कौन है रात में।कही उसे भृम तो नही हुआ।वह लेटा रहा।तब दरवाजा जोर से पीटा जाने लगा।कौन है जो दरवाजे को इतनी जोर से पीट रहा है।उसे उठना पड़ा।उसने आकर दरवाजा खोला था।बाहर बुरका पहने एक युवती खड़ी थीकौन हो तुम।वह उस युवती से पूछना चाहता था।लेकिन उस युवती ने उसे इतना मौका ही नही ...Read More