बुजुर्गो का आशिष

(9)
  • 3.8k
  • 0
  • 1.4k

बुजुर्गो ने मुझे बहुत सी कहानियाँ सुनाई है उसमें से कुछ.... आशिष / आशीर्वाद *!! समस्या रूपी बंदर !! *एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बीती को कई अवसरों पर बड़े चाव के साथ सुनाया करते थे। इस अनुभव का लाभ उठाने की बात भी करते थे।* *उन दिनों स्वामी जी काशी में थे, वह एक तंग गली में गुजर रहे थे। सामने बंदरों का झुंड आ गया। उनसे बचने के लिए स्वामी जी पीछे को भागे। परंतु वे उनके आक्रमण को रोक नहीं पाए। बंदरों ने उनके कपडे तो फाड़े ही शरीर पर बहुत-सी खरोंचें भी आ गईं। दो-तीन जगह दांत भी लगे। शोर सुनकर पास के घर से एक व्यक्ति ने उन्हें खिड़की से देखा तुरंत कहा- “स्वामी जी! रुक जाओ, भागो मत। घूंसा तानकर उनकी तरफ बढ़ो। “स्वामी जी के पांव रुके। घूंसा तानते हुए उन्हें ललकारने लगे। बंदर भी डर गए और इधर-उधर भाग खड़े हुए। स्वामीजी गली को बड़े आराम से पार कर गए।*

1

बुजुर्गो का आशिष -1

बुजुर्गो ने मुझे बहुत सी कहानियाँ सुनाई है उसमें से कुछ....आशिष / आशीर्वाद*!! समस्या रूपी बंदर !!*एक बार स्वामी को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बीती को कई अवसरों पर बड़े चाव के साथ सुनाया करते थे। इस अनुभव का लाभ उठाने की बात भी करते थे।**उन दिनों स्वामी जी काशी में थे, वह एक तंग गली में गुजर रहे थे। सामने बंदरों का झुंड आ गया। उनसे बचने के लिए स्वामी जी पीछे को भागे। परंतु वे उनके आक्रमण को रोक नहीं पाए। बंदरों ने उनके कपडे तो फाड़े ही शरीर पर बहुत-सी खरोंचें ...Read More

2

बुजुर्गो का आशिष - 2

मैंने अपनी सुनी हुयी स्टोरी यहाँ पब्लिश कर के हमें आशिष चाहिए...*"राम की जीत, अहंकार की हार"।**बहुत समय पहले बात है, अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे—राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न। उनमें से सबसे बड़े थे भगवान राम, जो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते थे। भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के वनवास का जीवन बिताया।**वनवास के दौरान, लंका के राजा रावण ने अपने अहंकार और क्रोध के चलते माता सीता का हरण कर लिया। रावण बहुत शक्तिशाली था, परंतु उसका अहंकार और अन्याय उसे अंधा कर चुका ...Read More

3

बुजुर्गो का आशिष - 3

*आज का प्रेरक प्रसंग**"दीपावली का असली अर्थ: हौसले और मेहनत की जीत"*~~~~~~~~~~~~~~*बहुत समय पहले की बात है। एक छोटे गाँव में एक गरीब किसान रहता था। वह किसान पूरे साल कड़ी मेहनत करता, लेकिन उसकी फसल हमेशा किसी न किसी कारण से खराब हो जाती। एक बार जब दीपावली का त्योहार नजदीक आया, तो वह बहुत दुखी था, क्योंकि उसकी फसल बर्बाद हो चुकी थी और उसके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपने बच्चों के लिए दीपावली मना सके।**गाँव में उसी दौरान एक साधु आए। उन्होंने किसान को निराश देखकर कहा, "बेटा, हमेशा याद रखना कि ...Read More