किरन

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" नहीं नहीं। मेरे पापा को छोड़ दो।" छह साल की आभा ने एक परछाई को देखते हुए कहा। " प्लीज़ उन्हें कुछ मत करना.....।" यह कहते कहते सामने का नजारा देख वो सुन्न पड़ गईं। खून में लिपटे उसकी पिता की लाश उसके सामने पड़ी थी। इस बार फिर वो अपने पिता को नही बचा पाईं। रोते रोते उसके आसूं भी सूखे नहीं थे, तभी उसके पिता का लहूलुहान शरीर हिला। वो उनके पास गई, लेकिन जब उसने शरीर पलटा, वो यकीनन उसके पिता नही थे। हो ही नहीं सकते। काली आंखें उसे घूर रही थी। अचानक वो हसने लगे, जोरों की हसीं जिससे उसके कानों में से खून निकल ने लगा। उसने उस लाश से दूर जाने की कोशिश की, लेकिन असफल। उस लाश ने उसका हाथ पकड़ लिया, " बच्ची बताओ पापा को कहा हो तुम। हां हां हां।" वो हसीं जिस से उसके कानों में दर्द हो रहा था।

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किरन - 1

नहीं नहीं। मेरे पापा को छोड़ दो। छह साल की आभा ने एक परछाई को देखते हुए कहा। प्लीज़ उन्हें कुछ मत करना.....। यह कहते कहते सामने का नजारा देख वो सुन्न पड़ गईं। खून में लिपटे उसकी पिता की लाश उसके सामने पड़ी थी। इस बार फिर वो अपने पिता को नही बचा पाईं। रोते रोते उसके आसूं भी सूखे नहीं थे, तभी उसके पिता का लहूलुहान शरीर हिला। वो उनके पास गई, लेकिन जब उसने शरीर पलटा, वो यकीनन उसके पिता नही थे। हो ही नहीं सकते। काली आंखें उसे घूर रही थी। अचानक वो हसने ...Read More

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किरन - 2

उसके दिन गुजर रहे थे। सफेद रंग का टी-शर्ट और नीली जीन्स उसके पसंदीदा कपड़े। उलझे हुए बालों में पोनी टेल उसे जंचती है। ऐसा उसके भाई और होने वाले पति, राज का मानना था। साधारण कद काठी और गोल चेहरे के साथ वह यक़ीनन किसी को भी पसंद आ जाए। और अगर कोई ग़लती से उसकी दोनों आंखे देख ले, तो बस दिवाना हो जाए। लेकिन तब अगर वह उसकी आंखें देख पाएं। उसकी दोनों आंखे समुद्री हरे रंग की थी। उस रंग को देख ऐसा लगता मानो आप समुंदर में डुब रहे हो। सावला रंग और एक ...Read More