खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर बज रहा था और तभी रोडपर हंगामा हो गया. कोई राह चलता हुआ युवक एक महिला से टकरा गया जो सब्जीमंडी से सब्जी लेकर घर लौट रही थी. मोहल्ले के उस चौराहे पर हरतरफ शोरशराबा शूरु हो गया. कोई किसी की नहीं सुन रहा था बस सभी आवाज चढ़ाए हुए एकदूसरे के साथ झगडा करने में मशगुल थे. तभी ज़ेबा अपने घर के बरामदे में आकर खड़ी होकर वह तमाशा देखने लगी. उसकी नीगाहे मोहल्ले में चारों तरफ घूमी और फिर अचानक से एक घर की खिड़की में जाकर रुक गयी. उस खिड़की से दो आंखे सबकुछ भुलाकर सिर्फ और सिर्फ ज़ेबा को देख रही थी. जैसे ही ज़ेबा की नजरें उन दो आँखों की नजरों से मीली ज़ेबा ने अपनी पलके झुका ली और वह बालकनी से अपने घर के भीतर चली गयी. उसने फिर बालकनी का दरवाजा भी अंदर से बंद कर दिया और वा उसके बेडपर आकर बैठ गयी. ज़ेबा किसी सोच में इतनी डूब गयी की वह अचानक से अपने अतीत में जाकर पहुंच गयी.
हमराज - 1
खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर रहा था और तभी रोडपर हंगामा हो गया. कोई राह चलता हुआ युवक एक महिला से टकरा गया जो सब्जीमंडी से सब्जी लेकर घर लौट रही थी. मोहल्ले के उस चौराहे पर हरतरफ शोरशराबा शूरु हो गया. कोई किसी की नहीं सुन रहा था बस सभी आवाज चढ़ाए हुए एकदूसरे के साथ झगडा करने में मशगुल थे. तभी ज़ेबा अपने घर के बरामदे में आकर खड़ी होकर वह तमाशा देखने लगी. उसकी नीगाहे मोहल्ले में चारों तरफ घूमी और फिर ...Read More
हमराज - 2
ज़ेबा तो उस जल्दबाजी में भूल ही गयी थी के बादल भी उसका इंतजार करते हुए खिडकी पर बैठा बहोत इंतजार करने के बाद बादल भी उठकर घर के भीतर चल दिया. ज़ेबा ने फिर अम्मी के साथ बैठकर खाना खाया और वह फिर से अपने कमरे के भीतर दाखिल हुई तब उसे याद आया की बादल उसका इंतजार कर रहा था, वह बड़ी ही फूर्ती से खिड़की की ओर लपकी लेकिन बादल तो पहले ही वहाँ से जा चूका था. फिर वह बादल के बारे में सोचने लगी, आज जेबा उम्र के जीस पड़ाव पर थी ...Read More
हमराज - 3
ज़ेबा अभी थोड़ी ही संभली थी के उसे यासीन का फोन आया और उसने कहा, " हेलो ज़ेबा, क्या रही हो. " ज़ेबा ने कहा, कुछ खास नहीं, तुम बोलो क्या कहना चाहती हो." फिर यासीन ने कहा, " आज बात हुई के नहीं उससे " "उससे याने किस की बात कर रही हो यासीन:" ऐसा चौंककर ज़ेबा ने कहां. फिर यासीन बोली, " अरे बुद्धू वही तेरा आशिक जो है के रोज आता है, आज मैंने देखा उसे जब में मेरे घर की तरफ जा रही थी तो उसने मौका पाकर तुम्हारे क़रीब आने की कोशिश की. मुझे ...Read More
हमराज - 4
अब यासीन ज़ेबा से बोली, " ज़ेबा अरे वह लड़का तो दिखने में तो अच्छा है और उसके बोलने लहजे से शख्सीयत से भी शरीफ लगता है। सबसे ज्यादा जरुरी की वह तुमसे प्यार करता है. तो फिर तुम क्यों नहीं करती. " तब ज़ेबा यासीन से गुस्से में बोली, " यासीन तुम्हे इश्क, प्यार करना है तो करों और उस बादल से हा करना है तो करो. लेकिन मुझे ऐसा कुछ करने की नसीहत मत दो. मैने प्यार करनेवालो को जो खौफनाक सजा मीलती हैं वह मंजर मैने खुद अपनी ऑखों से देखा है. तो अब इसके बाद ...Read More