आज से करीब 700 साल पहले। कश्मीर में सहदेव नाम का एक हिंदू राजा था। उसे न तो प्रजा की फिक्र थी और न ही शासन चलाने में दिलचस्पी। सहदेव के नाम पर उसके प्रधानमंत्री और सेनापति रामचंद्र शासन चलाते। रामचंद्र की बेहद सुंदर और जहीन बेटी कोटा भी इसमें उनकी मदद करती। एक दिन कश्मीर में तिब्बत का एक राजकुमार रिंचन पहुंचा। उसके साथ सैकड़ों हथियारबंद सैनिक थे। रिंचन ने रामचंद्र को बताया कि गृहयुद्ध में उसके पिता मारे जा चुके हैं। वो जोजिला दर्रे के रास्ते जान बचाकर यहां पहुंचा है। रामचंद्र ने रिंचन को पनाह दे दी।
History of Kashmir.... - 1
आज से करीब 700 साल पहले। कश्मीर में सहदेव नाम का एक हिंदू राजा था। उसे न तो प्रजा फिक्र थी और न ही शासन चलाने में दिलचस्पी। सहदेव के नाम पर उसके प्रधानमंत्री और सेनापति रामचंद्र शासन चलाते। रामचंद्र की बेहद सुंदर और जहीन बेटी कोटा भी इसमें उनकी मदद करती।एक दिन कश्मीर में तिब्बत का एक राजकुमार रिंचन पहुंचा। उसके साथ सैकड़ों हथियारबंद सैनिक थे। रिंचन ने रामचंद्र को बताया कि गृहयुद्ध में उसके पिता मारे जा चुके हैं। वो जोजिला दर्रे के रास्ते जान बचाकर यहां पहुंचा है। रामचंद्र ने रिंचन को पनाह दे दी।मशहूर कश्मीरी ...Read More
History of Kashmir.... - 2
History of Kashmir कश्मीर का पहला ऐतिहासिक साक्ष्य 1960 के दशक में बुर्जहोम की खुदाई में मिलता है। यह श्रीनगर से करीब 8 किलोमीटर दूर है।खुदाई करने वाली टीम के निदेशक टी. एन. खजांची कहते हैं कि उस वक्त किसी संगठित धर्म का कोई सबूत नहीं मिलता। इन वैज्ञानिक खोजों ने कश्मीर के जन्म की कश्यप, काशेफ और मध्यांतिक की कहानी पर सवाल खड़े कर दिए।कश्मीर के हिंदू राजा ने महमूद गजनी को उल्टे-पांव दौड़ाया। कश्मीर पर अलग-अलग वंश के बौद्ध और हिंदू राजाओं का शासन रहा। इनमें ललितादित्य का जिक्र बेहद जरूरी है। 724 से लेकर 761 ईस्वी ...Read More
History of Kashmir.... - 3
एक बौद्ध कैसे बना कश्मीर का पहला मुस्लिम शासक !इस आर्टिकल की शुरुआत में आपने तिब्बत से भागकर कश्मीर राजकुमार रिंचन की कहानी पढ़ी। जिसने शासक रामचंद्र की हत्या करवाकर उनकी बेटी कोटा से शादी कर ली। अब रिंचन के सामने सवाल था कि वो कौन-सा धर्म अपनाए। एक बौद्ध राजा को कश्मीर की जनता की स्वीकार्यता मुश्किल थी।लेखक अशोक कुमार पांडेय अपनी किताब 'कश्मीर और कश्मीरी पंडित' में लिखते हैं, 'रिंचन हिंदू धर्म अपनाना चाहता था, लेकिन उसके तिब्बती बौद्ध होने की वजह से ब्राह्मणों ने उसे दीक्षित करने से इनकार कर दिया।'रिंचन को हिंदू धर्म में शामिल ...Read More
History of Kashmir.... - 4
# नवपाषाण काल (3000 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व) वर्तमान श्रीनगर के करीब बुर्जहोम की बस्तियां थीं। यहां मिट्टी के पत्थर के औजार, शवों के दफनाने और खेती के सबूत मिलते हैं।#बौद्ध शासक (250 ईसापूर्व से 5वीं शताब्दी)250 ईसापूर्व में सम्राट अशोक का शासन आया। दूसरी शताब्दी में कुषाण वंश के सम्राट कनिष्क ने कश्मीर जीत लिया।#कार्कोटा राजवंश (625 ईस्वी से 855 ईस्वी)हिंदू राजा दुर्लभवर्धन ने इस राजवंश की शुरुआत की। ललितादित्य शासन कश्मीर का स्वर्ण युग माना जाता है।# उत्पल राजवंश (855 ईस्वी से 1012 ईस्वी)अवंतिवर्मन ने उत्पल वंश की स्थापना की। इस वंश की आखिरी शासक महारानी दिद्दा ...Read More
History of Kashmir.... - 5
चक राजवंश को खत्म कर अकबर ने कश्मीर को अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वहां एक सूबेदार नियुक्त प्रशासन चलाने लगा। अकबर अपने जीवन में 3 बार कश्मीर की यात्रा पर गया। 1589 की पहली यात्रा में उसने कश्मीरी ब्राह्मणों को स्वर्ण मुद्राएं दी और मार्तण्ड मंदिर गया। 1592 की दूसरी यात्रा के दौरान दीपावली थी। अकबर ने उसमें भी शिरकत की।1597 में अकबर तीसरी बार कश्मीर गया तो भयानक अकाल पड़ा था। सूबे में भुखमरी फैली थी। अकबर ने हरि पर्बत में विशाल नागर किला बनवाया, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। अकबर का उत्तराधिकारी जहांगीर तो ...Read More