प्रतिशोध..

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शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही वह निर्वस्त्र हो गयी। काफी देर तक वह शीशे में अपने ही निर्वस्त्र शरीर को निहारने लगी।गोरा छरहरा बदन औऱ तीखे नैन नक्श।फिर उसने पहले पेटीकोट पहना फिर ब्लाउज।फिर दर्पण के सामने बैठकर संवरने लगी।माथे पर बिंदी, होठो पर कठैई रंग की लिपस्टिक और बालों को करीने से सवांरने के बाद।उसने ब्लाउज भी कठैई और लिपस्टिक भी इसी रंग की लगाई थी।इसलिये साड़ी भी इसी रंग की पहनी थी।और फिर उसने अपने कपड़ों पर तेज र परफ्यूम छिड़का था। और फिर वह घर से बाहर आकर सड़क के किनारे खड़ी हो गयी।वह ऑटो का ििइंतजआरतजर करने लगी।एक एक करके कई ऑटो उसके सामने से निकल गए।लेकिन कोई खाली नही था।काफी देर बाद एक खाली ऑटो उसके सामने आकर रुका था।वह उसमे बेथ गयी थी

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प्रतिशोध - 1

शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही वह निर्वस्त्र हो गयी।काफी देर तक वह शीशे में अपने ही निर्वस्त्र शरीर को निहारने लगी।गोरा छरहरा बदन औऱ तीखे नैन नक्श।फिर उसने पहले पेटीकोट पहना फिर ब्लाउज।फिर दर्पण के सामने बैठकर संवरने लगी।माथे पर बिंदी, होठो पर कठैई रंग की लिपस्टिक और बालों को करीने से सवांरने के बाद।उसने ब्लाउज भी कठैई और लिपस्टिक भी इसी रंग की लगाई थी।इसलिये साड़ी भी इसी रंग की पहनी थी।और ...Read More

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प्रतिशोध - 2

उस मर्द के घर पहुंचते ही वह छुई मुई और मितभाषी का चोला उतारकर फेंक देती और वाचाल हो मैं तुम्हे अपने साथ घर तो ले आया लेकिन तुंमने यह तो बताया ही नही कितने पैसे लोगी?"कभी कोठे पर गए होआदमी उसकी बात सुनकर शरमा जाता तब वह कहती,"कोठे पर मोलभाव करना पड़ता है।कीमत तय हो जाने पर पहले कोठे वाली पैसे ले लेती है तब अपने बदन को छूने देती है।कोठेवाली क्यो कॉल गर्ल भी यही करती है,"वह बोली लेकिन मैं कोठेवाली जैसे या उन कॉलगर्ल की तरह नही करती।""तो तुम क्या करती हो?"वह आदमी उससे पुछता""पहले मेरे ...Read More