एक बार एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही शरारती लड़का रहता था जिसका नाम रमेश था। गाँव के लोग उससे परेशान रहते थे क्योंकि वह हमेशा किसी न किसी की नकल करता और लोगों को चिढ़ाने के लिए नई-नई तरकीबें निकालता रहता था। लेकिन कभी किसी को बहुत ज्यादा परेशान नहीं करता था। एक दिन रमेश ने गाँव के सबसे बुजुर्ग और सम्मानित व्यक्ति, पंडित जी की नकल करने का सोचा। पंडित जी हमेशा धोती-कुर्ता पहनते थे और हाथ में एक लंबी छड़ी लेकर चलते थे। रमेश ने पंडित जी की तरह धोती-कुर्ता पहना और एक लंबी छड़ी लेकर गाँव में घूमने लगा। उसने अपनी आवाज़ को भी पंडित जी की तरह बदल लिया और लोगों को आशीर्वाद देने लगा। गाँव के लोग रमेश की इस शरारत को देख कर हँस रहे थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा क्योंकि वे जान चुके थे कि रमेश की शरारतें सिर्फ हँसी-मज़ाक तक ही सीमित होती हैं।
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1
एक बार एक छोटे से गाँव में एक बहुत ही शरारती लड़का रहता था जिसका नाम रमेश था। गाँव लोग उससे परेशान रहते थे क्योंकि वह हमेशा किसी न किसी की नकल करता और लोगों को चिढ़ाने के लिए नई-नई तरकीबें निकालता रहता था। लेकिन कभी किसी को बहुत ज्यादा परेशान नहीं करता था।एक दिन रमेश ने गाँव के सबसे बुजुर्ग और सम्मानित व्यक्ति, पंडित जी की नकल करने का सोचा। पंडित जी हमेशा धोती-कुर्ता पहनते थे और हाथ में एक लंबी छड़ी लेकर चलते थे। रमेश ने पंडित जी की तरह धोती-कुर्ता पहना और एक लंबी छड़ी लेकर ...Read More
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 2
किसी गांव में दो जिगरी दोस्त रहते थे—रामू और श्यामू। दोनों की दोस्ती बचपन से थी, और गांव में दोस्ती की मिसाल दी जाती थी। लेकिन उनकी दोस्ती के पीछे एक अजीब और गहरी सच्चाई छिपी थी। वे दोनों एक-दूसरे को धोखा देने के लिए हमेशा तैयार रहते थे, और यह उनकी दोस्ती की नींव बन चुकी थी। ### दोस्ती की शुरुआतरामू और श्यामू की दोस्ती तब शुरू हुई थी जब वे एक छोटे से स्कूल में पढ़ते थे। बचपन में ही उन्होंने एक बार एक मीठी सी चोरी की थी। गांव के मेले में दोनों ने एक मिठाई ...Read More
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 3
सेंट मेरीज़ इंग्लिश मीडियम स्कूल ने एक शैक्षणिक दौरे का आयोजन किया। इस बार, वे बच्चों को एक वृद्धाश्रम जा रहे थे, ताकि वे समाज के उन हिस्सों को भी समझ सकें जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है। बच्चों के लिए यह दौरा उनकी संवेदनशीलता और नैतिकता को बढ़ावा देने का एक प्रयास था। स्कूल के सभी बच्चे अपनी शिक्षिकाओं के साथ उत्साहित थे। उनके चेहरे पर उत्सुकता झलक रही थी, क्योंकि यह उनके लिए एक नई जगह जाने का मौका था। अनन्या, जो कक्षा 8वीं की छात्रा थी, भी इस दौरे को लेकर बेहद खुश थी। वह हमेशा ...Read More
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 4
एक मनोवैज्ञानिक डॉ. अदिति सिंह का जीवन अचानक उस समय उलट-पलट हो गया, जब एक दिन पुलिस उनके दरवाजे दस्तक दी। वह शहर की प्रतिष्ठित मनोवैज्ञानिक थीं, जिन्होंने कई लोगों की मानसिक समस्याओं को सुलझाया था, लेकिन आज वे खुद एक अजीब स्थिति में फंसी हुई थीं। पुलिस ने उन पर हत्या के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया।मामला एक महिला, साक्षी मेहरा, की हत्या से जुड़ा था, जो डॉ. अदिति की मरीज़ थीं। साक्षी कुछ महीनों से डॉ. अदिति के पास काउंसलिंग के लिए आ रही थीं और अवसाद से जूझ रही थीं। पुलिस का दावा था ...Read More
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5
प्राचीन भारत का एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम था *तुनकपुर*। गाँव के अधिकतर लोग मांसाहारी थे। वहाँ लोग अपने रीति-रिवाजों और आदतों में रचे बसे थे और बिना मांस के भोजन की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। लेकिन उस गाँव में एक महान संत, **महात्मा वसुदेव** आए। वसुदेव जी अपनी दिव्यता और सरलता के लिए पूरे इलाके में प्रसिद्ध थे। उनके कई शिष्य भी उनके साथ थे, जो गाँव-गाँव जाकर लोगों को सही मार्ग दिखाते थे।गाँव में पहुँचने के बाद संत वसुदेव जी ने देखा कि लोग अपनी सेहत और स्वभाव में भारीपन महसूस करते थे। ...Read More
टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 6
तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता साथ रहते थे। तीनों भाई अपने पिता से विद्या प्राप्त करना चाहते थे और जीवन का गूढ़ अर्थ समझने के लिए काशी जाकर शास्त्रों का अध्ययन करना चाहते थे। पिता ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वे सभी काशी पहुँच गए, जहाँ उन्होंने वर्षों तक वेद, पुराण और शास्त्रों का अध्ययन किया। ज्ञान अर्जन करने के बाद तीनों भाई अपने गाँव लौटने के लिए निकल पड़े।रास्ते में, वे एक घने वन से होकर गुजरे, जहाँ एक शांत और दिव्य आश्रम दिखाई ...Read More