फिल्मोत्सव

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हिंदी फिल्म और वेबसिरिज़ रिव्यू.

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गुलाबो सिताबो रिव्यू

नाम स्त्रिओं के, पोस्टर पुरुष का, कहानी निर्जीव हवेली की। एक बुड्ढा मिर्ज़ा मतलब अमिताभ बच्च्न अपनी बहुत ही बूढ़ी के साथ एक अति जर्जित हवेली में रह रहा है। हवेली में हैं कई किरायदार और उनमें से एक हैं आयुष्मान खुराना मतलब बांके । यह ऊंची दुकान का फीका पकवान नहीं बेस्वाद पकवान है भैया। ...Read More

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दिल बेचारा फ़िल्म रिव्यू

दिल बेचारा फ़िल्म कैसी है और किसके लिए बनी है और कैसी कहानी है, क्या किरदार हैं, क्यों यह पसंद नहीं आएगी , सब जानिए इस रिव्यू में ...Read More

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शकुंतला देवी फ़िल्म रिव्यू

हां मुख्य भूमिका में मतलब शकुंतला देवी के किरदार में हैं विद्या बालन। विद्या का एक खास अंदाज़ है वह दिन प्रतिदिन निखरती जा रहीं हैं। जहां हिंदी फिल्मों में लीड रोल पुरूष कलाकार कर रहे थे वहां विद्या ने आकर पुरुषों को टक्कर दे दी है। जैसे पुरूष नायक वाली फिल्मों में कोई भी हीरोइन ले लो, एक दो गाने करवा लो, थोड़ा रोना धोना और बस, हीरो की जय हो जाती है और फ़िल्म खत्म। वैसा विद्या की फिल्मों में पुरुष कलाकारों का हाल हो रहा है, कई फिल्मों में आप हीरो को या तो पहली बार पर्दे पर देख रहे होते हैं या फिर कोई जूनियर कलाकर उनका हीरो हो जाता है। ...Read More

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दृश्यम फ़िल्म रिव्यू

विजय सलगांवकर और उनकी फैमिली 2 और 3 अक्टूबर को पणजी में थे। वहां वे पहले स्वामी चिन्मयानंद के में गए, फिर होटल में रुके, दूसरे दिन उन्होंने फिल्म देखी, रेस्टोरेंट में पाव भाजी खाया और वापस अपने घर बस से चले गए।इस दृश्य की नींव पर बनी है फ़िल्म दृश्यम। सच और जूठ के बीच यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि सही क्या था। सच हर बार सही नहीं होता और कई बार जूठ के अतिरिक्त कोई मार्ग ही नहीं बचता।फ़िल्म 2015 में रिलीज़ हुई थी और काफी तादाद में दर्शकों ने इसे बड़े परदे ...Read More

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बंदिश बैंडिट्स रिव्यू

इस वेब सीरीज़ का रिव्यू लिखने से पहले आपके सामने एक बात साफ़ शब्दों में स्पष्ट कर दूँ की शास्त्रीय संगीत की जानकारी उतनी ही है जितनी पहली कक्षा के बच्चे को बोर्ड परीक्षा की होती है। एक अच्छा प्रेक्षक हूँ और हिंदी गानों के साथ अगर टेलिविज़न पर कोई शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम हो तो कुछ देर खुद को रोक लेता हूँ , सुर ताल को अपने अंदर प्रवेश करवाने का प्रयत्न ज़रूर करता हूँ। कुछ प्रवेश हो गया तो सुकून मिलता है नहीं तो घर पर चाय तो हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ही। ...Read More

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स्कैम 1992, द हर्षद मेहता स्टोरी रिव्यू

सोनी लिव पर प्रसारित स्कैम 1992 वेब्सिरिज़ अभी तक भारत में आए वेब सीरीज़ ब्रॉडकास्ट के सभी रेकॉर्ड तोड़ वाली है। यह वेब सीरीज़ देखने वालों का कहना है कि अभी तक सिर्फ हर्षद मेहता को ही वे विलन और शेर बाजार का चोर समझ रहे थे , वेब सीरीज़ देखने के बाद उन्हें दूसरे बढ़े बढ़े चोर और विलन भी साफ साफ दिख रहे हैं, जो राजनीति , सिस्टम या मार्केट में बैठकर बहुत बड़े कांड कर रहे हैं और एक सामान्य निवेशक उनके हाथ की कठपुतली बन कर रह गया है। ...Read More

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छलांग फ़िल्म रिव्यू

ऐमेज़ॉन प्राइम पर रिलीज़ हुई छलांग अच्छी स्टारकास्ट का ड्राय फ्रूट कूट कर खट्टी दही जैसी कहानी में घोलकर लस्सी बनाने का विफल प्रयास किया गया है। वैसे केवल अंतिम 15 मिनिट देखने के अलावा आप इस फ़िल्म को स्किप स्किप करके देखोगे तो समय बच जाएगा। ...Read More

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ब्रीद - इन टू शैडोज़ ,वैब सीरीज़ रिव्यू

ब्रीद - इन टू शैडोज़ ,वैब सीरीज़ रिव्यूब्रीद - इन टू शैडोज़ यह ब्रीद सीरीज़ सिज़िन 2 , जिसके मूल में है गुनाहों की दुनिया, उनका मनोवैज्ञानिक तौर से विश्लेषण और पुलिस का गुनहगारों को खोजकर गुनाह की तह तक पहुंचना।गुनाह और गुनहगार दोनों के पीछे हमेंशा एक कहानी होती है और उस कहानी के रोमांच को दर्शकों के सामने रखना आज कल वेब सीरीज़ के लिए सक्सेस फॉर्मूला बन गया है। क्योंकि यह कहानियां आपको सामान्य सोच से परे एक कातिल, एक चोर, एक वकील, एक डॉक्टर या एक पुलिस के नज़रिए से सोचने पर मजबूर कर देतीं ...Read More

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कागज़ फ़िल्म रिव्यु

भारत में रहने का मतलब समस्याओं से जूझना या फिर उनको स्वीकार करके आगे बढ़ते रहना। पर कुछ लोग का समाधान ढूंढने निकल पड़ते हैं और फिर बनते हैं किस्से और बुन जातीं हैं रोमांच से भरपूर कहानियां। बस ऐसी ही एक कहानी है 'भरत लाल मृतक' की , मतलब ज़ी 5 ओरिजनल की फ़िल्म कागज़ । ...Read More

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रामप्रसाद की तेरहवीं

रामप्रसाद की तेरहवीं नेफ्लिक्स पर थी पर मेरे पास सब्सक्रिप्शन था नहीं तो इंतज़ार करता रहा कि कब यह मेरे सब्सक्राइब किए प्लेटफॉर्म पर आए और देखी जाए। अब यह फ़िल्म आई है जिओ सिनेमा पर, देश के 50 प्रतशित या अधिक लोगों के पास जिओ कनेक्शन है तो आप इसे निशुल्क देख सकते हैं। पर क्या आपके समय को इस फ़िल्म में निवेश करना योग्य है? आइए मैं आपको कुछ बातें बताता हूं जिससे आपको निर्णय लेने में आसानी होगी। ...Read More

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Aspirants Web Series

एस्पिरेन्ट मतलब महत्वकांक्षी, तो कहानी में आपको वही लोग मिलेंगे। एक नेक सरदारजी दम्पत्ति को छोड़कर हरकोई IAS बनने का महत्वकांक्षी है या कहें कि खुद को वे प्रबल उम्मीदवार मानते हैं। किसी को देश की सेवा करनी है तो किसी को बस यूँही कोशिश करनी है की कुछ हो गया तो ठीक बाकी सब चंगा है। देश में लाखों जवान इस सबसे कठिन परीक्षा में अपना लोहा आज़माते हैं पर एक प्रतिशत से भी कम सफल हो पाते हैं। अब इस वेब सीरीज़ में क्या नया है? 3 दोस्त, एक लड़की, कन्फ्यूज़न, लाचारी, खुदगर्ज़ी और आगे? यु ट्यूब पर निशुल्क उ ...Read More

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83 फिल्म समीक्षा

83 , भारत का क्रिकेट वर्ल्ड कप में विजयी होकर लौटना, आने वाली पीढ़ियों को क्रिकेट के प्रति केवल ही नहीं पर दशकों तक गर्वित कर गया था। कपिल देव इस इतिहास के हीरो बने और साथी क्रिकेटर बने उस गर्व दिलाने वाली घड़ियों के योद्धा।जब किसीने भारतीय क्रिकेट टीम से एक जीत की उम्मीद भी नहीं रखी थी तब एक विश्वकप जीतने का काम किसी नामुमकिन घटना जैसा ही था। जैसे सहारा के रेगिस्तान में किसीने पानी ढूंढ लिया हो या फिर बिना ऑक्सिजन के किसीने जीना सीख लिया हो। 83 फिल्म के तकनीकी हिस्सो को मैं यहां ...Read More

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कौन प्रवीण तांबे फिल्म रिव्यू

कौन प्रवीण तांबे फिल्म रिव्यूकौन प्रवीण तांबे फिल्म hotstar पर उपलब्ध है। आप इसे नहीं देखें तो कोई फर्क पड़ने वाला पर अगर आप देख लेते हैं तो यकीनन आपकी जिंदगी के कई गिले शिकवे दूर हो सकते हैं। शायद आपको कुछ कर दिखाने का जोश आ जाए या फिर आपका जोश आपके बच्चों के लिए मार्गदर्शन बन जाए। इस फिल्म में कोई बड़ी कास्ट नहीं है पर फिल्म उम्दा कलाकारों से भरपूर है और कहानी बहुत ही प्रेरणा देने वाली है।प्रवीण तांबे एक ऐसा क्रिकेटर है जो आपीएल खेलने के बाद रणजी खेला। जिसे उल्टा प्रवाह भी बोला ...Read More

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क्रिमिनल जस्टिस – अधूरा सच रिव्यू

क्रिमिनल जस्टिस – अधूरा सच वेब सीरीज आप हॉटस्टार पर देख सकेंगे। पिछली 2 सीरीज की तरह बहुत ही दर्जे का कोर्ट रूम ड्रामा है। कोर्ट हो और पंकज त्रिपाठी हो तो इंटरटेनमेंट तो होगा ही। प्लॉट है की एक व्यक्ति को मुजरिम बनाकर गिरफ्तार किया गया है पर उसको बचाने में एडवोकेट माधव मिश्रा अपना जी जान लगा देते हैं। पर यहां कुछ खास बातों को आपके सामने लाया गया है जिन्हें देख और जान कर शायद आपके रोंगटे खड़े हो जाएं। ...Read More

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क्रिमिनल जस्टिस – सीज़न २ – बिहाइंड क्लोज्ड डोर –रिव्यू

क्रिमिनल जस्टिस सिरीज़ हॉटस्टार पर उपलब्ध है, कहानी की खासियत ये है की आप अंत तक कहानी के साथ रहेंगे जब तक की सच सामने न आए। कोर्ट रूम ड्रामा में इस सिरीज़ के मुकाबले में शायद ही कोई अन्य सिरीज़ बनी हो। पंकज त्रिपाठी वेब सिरीज़ के बेताज बादशाह हैं। उनके किरदार को सुपर हीरो नहीं बनाया जाता और न ही उन्हें भारी भरकम डायलॉग्स दिए जाते हैं ,पर उनको स्क्रीन पर देखकर यह तय हो जाता है की किरदार को न्याय मिलेगा। उनकी सादगी में लोग खुद को ढूंढते फिरते हैं ...Read More

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अवतार - द वे ऑफ वॉटर रिव्यू

अगर अवतार सिरीज़ की पहली फिल्म आपने देखी है तो दुनिया की कोई ताकत आपको अवतार - द वे वॉटर देखने से रोक नहीं सकती। मेरी तरह आपने भी महीनों से मन बनाया होगा की ये फिल्म कब आए और कब आप थियेटर पहुंचें। हॉलीवुड में इसी प्रकार से फिल्में व किरदार बनाएं जाते हैं जिन्हें दशकों तक प्रेक्षकों के सामने लाया जा सके और उनके आगे पीछे नई नई कहानियां बनाई जाएं। आप मार्वल सिरीज़ देख लो, डायनासोर सिरीज़ देखो, मिशन इंपोसिबल देखलो और उनकी सूची में अवतार जोड़ लो। ...Read More

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कंतारा – फिल्म रिव्यू

कंतारा फिल्म मूल रूप से कन्नड़ भाषा की फिल्म है जिसे सिनेमा जगत में बहुत सराहा गया है। अब जाना किस हद तक सही है इस की पुष्टि करना मेरे लिए एक प्रोजेक्ट था। मेरे लिए दक्षिण की फिल्मों को पसंद करना सहज नहीं होता। दक्षिण की फिल्मों में हर बात की इंतिहा देखने को मिलती है। OTT पर इस फिल्म के आने का इंतजार किया और पाया की Netflix पर ही इसका हिंदी वर्जन है, एमेजॉन प्राइम पर अन्य भाषाएं हैं। मुझे हिंदी पसंद है पर मेरे पास नेटफ्लिक्स नहीं। पर इंटरनेट पर आखिरकार जुगाड कर लिया, और ...Read More

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दृश्यम 2 फिल्म रिव्यू

दृश्यम 2 जबसे मलयालम भाषा में आई तब से हिंदी में आने का बहुत ही ज्यादा इंतजार हो रहा क्योंकि दृश्यम 1 ने एक ऐसा माहौल बना दिया था , इस प्रकार से दर्शकों को जकड़ के रखा था कि लोग उसी उत्सुकता से दृश्यम 2 के लिए पलकें बिछा कर इंतजार कर रहे थे। पर क्या दृश्यम 2 लोगों को उतना संतोष दे पाई जितना पहले भाग ने लोगों को अदाकारी और कहानी से अभिभूत कर दिया?अजय देवगन और तब्बू की जोड़ी ने क्या फिर वही कमाल कर दिया? ...Read More

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तुंबाड फिल्म रिव्यू

तुंबाड फिल्म 2018 में आई हुई एक बहुत ही दिलचस्प और डरावनी फिल्म है। अगर आपको कंतारा फिल्म अच्छी है तो आपको यह फिल्म और ज़्यादा अच्छी लगेगी। आज इतने सालों बाद इस फिल्म का रिव्यू लिखने का पर्याय एक ही है कि फिल्म से कुछ सीखते जाना है। आज भी लोग धन कमाने के लिए अंधश्रद्धा पर विश्वास रखते हैं जिसमें कई जाने जातीं हैं और कई घर बर्बाद होते हैं। फिल्म की कहानी में भी आपको यही सब दिखेगा । कहानी और निर्देशन उम्दा कक्षा का है। इस डरावनी फिल्म में डर कम सीख ज़्यादा ...Read More

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रामसेतु फिल्म रिव्यू

फिल्म के नाम में ही बहुत अच्छी कहानी है जिसपर सदियों से चर्चा हो रही है की आखिर रामसेतु में रामजी की वानर और रींछों की सेना ने बनाया था की जिसमें पानी में तैरने वाले पत्थर थे या फिर ये कोई प्राकृतिक निर्माण हुआ जिसे बनने में किसी मानव या पशु का कोई श्रम नहीं लगा था?आस्था रखने वाले लोग इसे श्री राम की देन मानते हैं और नास्तिक लोग रोज़ ये ढूंढने में लगे रहते हैं की ऐसा कुछ मानवनिर्मित नहीं। तो सच या आस्था इसका फैसला इस फिल्म देखने के बाद थोड़ा बहुत हो सकता है?अक्षय ...Read More

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लॉस्ट - फिल्म रिव्यू

लॉस्ट कैसे और कहां लॉस्ट हो गई उसकी बात करें या फिर बात करें यामी गौतम धार की जिसके पर फिल्म को खड़ा किया गया है? फिल्म का मुद्दा दिलचस्प है की आज देश में हजारों लाखों लोग गुमशुदा हैं जिनका कोई अता पता नहीं और थोड़ी सी छानबीन के बाद पुलिस प्रशासन भी उनको ढूंढना छोड़ देता है। क्या फिल्म इस लॉस्ट के मुद्दे को ठीक से न्याय दे पाई है?कहानी शुरू होती है एक नवजवान अशास्पद युवक ईशान भारती के खो जाने की खबर से, पोलिस आखिरकार उसके गुम होनेकी रिपोर्ट दर्ज कर लेती है। पर उसपर ...Read More

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आश्रम वेब सिरीज़ रिव्यू

वेब सिरीज़ के 3 सीज़न आ चुके हैं और बहुत ही एडिक्टिव मतलब एक नशे की लत लग जाए सिरीज़ है। क्योंकि इसमें इतनी हद तक एक आश्रम की बुराई दिखाई गई है जितनी शायद ही किसी अन्य सिरीज़ या फिल्म में दिखाई गई हो। धर्म के नाम पर पाखंड आपने सुना होगा पर इतना प्रबल और प्रचंड पाखंड न कभी सुना और न कभी देखा। 3 सीज़न, ,28 एपिसोड और करीब 1200 मिनिट मतलब 20 घंटे का कंटेंट और अब तक इसमें अंत नहीं आया।आश्रम की आड़ में पूरे देश में अलग अलग धर्म गुरु या फिर पाखंडी ...Read More

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ओह माय गॉड - फिल्म रिव्यू

२०१२ में आई हुई इस फिल्म का रिव्यू अभी क्यूं? क्योंकि इस फिल्म का दूसरा संस्करण आने वाला है उससे पहले हम इस फिल्म के प्रथम संस्करण को पुनः स्मरण करना आवश्यक समझते है। यह फिल्म एक सफर है नास्तिक से आस्तिक का। कुछ लोगों को ये फिल्म इसलिए पसंद नहीं आई क्योंकि इस में कुछ धर्मगुरों को धर्म के नाम पर व्यवसाय करते दिखाया गया और कुछ लोगों को इसलिए पसंद आई क्योंकि इस फिल्म में धर्म के वास्तविक रूप पर दलीलें प्रस्तुत की गईं। बहुत विवादित इस फिल्म ने लागत से २ गुना कमा लिया है।कहानी है ...Read More

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तु झूठी मैं मक्कार फिल्म रिव्यू

लव रंजन का लक्ष्य है प्रेम कहानियों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से बेहद दिलदार अदाकारी और संवाद लेखन बढ़े स्क्रीन पर रंगीन तरीके से दिखाना। सरल कहानी पर शानदार निर्देशन का तड़का और उसपर रणबीर श्रद्धा का चटकेदार मसाला और साथ है लजीज़ सह कलाकारों का रायता और आचार। कुल मिलाके मिलेगा पेटभर के ज़ायकेदार मनोरंजन।कहानी है मिकी और डबास की। वे लोग खुद अमीर बाप की औलाद हैं इसलिए जिंदगी में रोमांच लाने के लिए एक नया धंधा शुरू करते हैं, ब्रेकअप करवाने का धंधा। ...Read More

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ये जवानी है दीवानी रिव्यू

ये जवानी है दीवानी फिल्म रिव्यूएक बार फिर १० साल पुरानी फिल्म का रिव्यू लेकर आपको आपके समय से लेकर टाइम मशीन का काम करना चाहूंगा। वहां जहां हम थोड़ी खुशियां थोड़ा रोमांच छोड़ आए हैं, चलो थोड़ा सा रोमांच वहां से चुराने चलते हैं।मेरे जीवन की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में ये जवानी है दीवानी शामिल हो चुकी है, आपका क्या ख्याल है?फिल्म एमेजॉन प्राइम पर उपलब्ध है, आप देख सकते हैं। अगर देखने वाले हैं तो रिव्यू न पढ़े क्योंकि फिर राज़ की बात पता चल जाएगी तो मज़ा किरकिरा हो जाएगा।फिल्म की कहानी स्कूल के ४ ...Read More

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सिर्फ एक बंदा काफी है - फिल्म रिव्यू

इस फिल्म की तुलना आश्रम सीरीज से करना उचित नहीं है और ये ओह माई गॉड जैसी भी नहीं। फिल्म में एक सच्चे केस का जेजमेंट है जो आश्रम सीरीज में अभी तक नहीं आया। इस तरह से यह फिल्म एक साकारात्मक संदेश दे रही है । फिल्म के मूल में बाबा , भक्ति और अंधश्रद्धा है पर फिल्म का संदेश धर्म नहीं न्याय है। ...Read More

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द केरला स्टोरी फिल्म रिव्यू

केरला स्टोरी अगर नहीं देखी है तो देखने के बाद इस रिव्यू को पढ़े और देख ली है तो रिव्यू से आपको कहानी को अलग नज़रिए से देखने का अवसर अवश्य प्राप्त होगा। कहानी केवल लव जिहाद नहीं पर एक कमज़ोर मानसिकता की भी है जिसमें लड़कियां अक्सर एक आयोजित अपराध का शिकार बनतीं हैं। ...Read More

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द लायन किंग 2019 हिंदी फिल्म विश्लेषण

एक ऐसी फिल्म जिसमे कोई इंसान की भूमिका नहीं फिर भी यह फिल्म बढ़ों या फिर कहें कि बढ़ों बैठे बच्चों को भी पसंद आई, लायन किंग में कुछ तो ऐसा है जो हर उम्र के प्रेक्षक को फिल्म से जोड़ता है। हॉट स्टार OTT पर फिल्म देखने के लिए उपलब्ध है, 2019 में आई यह फिल्म अभी तक नहीं देखी तो देख लें, ये बच्चों की फिल्म आपको बहुत पसंद आएगी। ...Read More

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गार्गी फिल्म रिव्यू

गार्गी फिल्म एक ऐसी बेटी की कहानी है जो अपने पिता को एक बलात्कार के आरोप से बचाना चाहती उसकी नजर में उसका पिता एक आदर्श पिता है और उसे लगता है की उसके पिता पर लगे आरोप बे बुनियाद हैं। क्या वो जो सोच रही है वह सच है? ...Read More

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द कश्मीर फाइल्स रिव्यू

फिल्म का रिव्यू लिखते समय रोंगटे खड़े हो जाते हैं तो सोचिए देखते समय मन मस्तिष्क किन वेदनाओं से हुआ होगा जो वेदनाएं कश्मीर के पंडितों ने सहन की होंगी। इस फिल्म को कमज़ोर मन वाले न देखें। कठोर हृदय वाले भी इस फिल्म को महीनों तक भुला नहीं पाते।द कश्मीर फाइल्स फिल्म नहीं उन हजारों कश्मीरी पंडितों की अतिशय वेदनाओँ की पुकार है जिन्हें इतिहास के पन्नों ने बहुत बेरहमी से खामोश करना चाहा पर आखिर ये सच्चाई आज की पीढ़ी के सामने इस फिल्म के माध्य से आनी थी और आ गई। ये सच देश से क्यों ...Read More

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रॉकेटरी फिल्म रिव्यू

रॉकेटरी फिल्म आपको देखनी चाहिए अगर आपने वो सब देखा है जो केवल मनोरंजन था तथ्य नहीं, आपको देश तथ्यों और देशभक्तों को जानने की जिज्ञासा होनी चाहिए क्योंकि उसके बगैर आप मतलबी और स्वकेंद्रित जीवन जी रहे हैं। इस देश ने डॉ नम्बी जैसे सपूतों को जन्म दिया है जिन्होंने देश के खातिर अपना जीवन समर्पित किया और कई बार अनचाही मुसीबतें अपने परिवार के साथ झेलीं।रॉकेटरी फिल्म हिंदी में जिओ सिनेमा पर निशुल्क उपलब्ध है। आपको यह फिल्म सह परिवार देखनी ही चाहिए। अगर आपको विज्ञान में रुचि नहीं है तो कई बातें आपको नहीं समझ आएंगी ...Read More

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द ट्रायल वेब सीरीज रिव्यू

काजोल इस वेब सीरीज की आन, बान और शान हैं, काजोल की अदाकारी देखकर ये नहीं लगता की एक ब्रेक लेकर आईं हैं, बस ये बड़े पर्दे को छोड़ कर अब छोटे पर्दे तक पहुंच गईं हैं और उन्हें दर्शकों का ज्यादा प्यार मिलने वाला है। सीरीज में एक नहीं अनेक कानूनी ट्रायल हैं क्योंकि वकीलों के परिवार और उनके व्यवसाय पर बनी सीरीज है। एक महिला विपरीत परिस्थितियों में कैसे अपने परिवार को संभालती है उसकी कहानी है।सीरीज की शुरुआत होती है एक जज पर लगाए आरोपों से, को सीरीज में काजोल के पति हैं। उनपर आरोप है ...Read More

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संजू फिल्म रिव्यू

क्यों ये रिव्यू अब लिखा जा रहा है? इसलिए की लिखना जरूरी लगा और जब यह फिल्म सिनेमाघरों में हुई तब मैं मातृभारती पर नहीं लिखता था। इस फिल्म के गाने ने भी प्रेरित किया की आज इसपर लिखा जाए, गाना आपका और हमारा सबका प्रिय गाना है ’ कर हर मैदान फतेह’. हर मां बाप इस गाने को अपने बच्चे के लिए गाना चाहता है। और क्या है इस फिल्म में संजय दत्त के भूतकाल के अलावा?फिल्म संजय दत्त के भूतकाल पर बनी है, राजू हिरानी ने शायद यह फिल्म संजय दत्त को भेंट देने के लिए बनाई ...Read More

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स्कैम 2003, द तेलगी स्टोरी रिव्यू

अगर आपने स्कैम 1992 देखी है तो ये स्कैम 2003 सीरीज देखने का रिस्क तो लेना पड़ेगा न डार्लिंग। मेरा नहीं सीरीज मे एक डायलॉग है । पैसा हमेशा से ही व्यक्ति की सबसे बड़ी कमजोरी और सबसे बड़ी ख्वाहिश रही है। इसे कुछ लोग कमाते हैं और तेलगी जैसे लोग बनाते हैं। पैसा कमाते हुए शायद आप थक जाओ, रुक जाओ पर पैसा बनाने वाले न थकते हैं न रुकते हैं। वैसे सीरीज फिर सोनी लिव ओटी टी पर है, देखने जैसी है। देखने के कई कारण बनते हैं, एक तो है हंसल मेहता , जिन्होंने एक ...Read More

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आखरी सच वेबसिरीज रिव्यू

सच वेब सिरीज़ देखने की इच्छा इसलिए जागी थी क्योंकि यह सत्य घटना पर आधारित वेब सिरीज़ है, दिल्ली 30 जून 2018 के दिन बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या की थी। इस घटना ने पूरी दिल्ली ही नहीं पर पूरे देश को अचंभित कर दिया था। कौन और किस वजह से ये हुआ और किसने ये सब करने में मुख्य भूमिका निभाई वह जानने के उत्सुकता इस वेबसिरिज देखने के लिए प्रेरित कर गई।इस घटना में मरने वाले न केवल पुरुष पर घर की महिलाएं और बच्चे भी थे। आखिर क्यों ...Read More

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घूमर फिल्म रिव्यू

ये फिल्म भले ही एक काल्पनिक कहानी पर बनी हो पर इसका मूल एक सच्ची कहानी पर निर्भर है। टकाकस नाम की हंगेरियन शूटर का जब दांया हाथ बुरी तरह से घायल हुआ था तो उसने हार नहीं मानी और उसने बाएं हाथ से प्रेक्टिस करके शूटिंग मेडल जीता था। इस कहानी का बीज लेकर बनाई गई घूमर, जिसके पृष्ठ भूमि पर है क्रिकेट। यह खेल जो लगभग 90% भारतीय समझते हैं और करीब 70% लोग कभी न कभी गली मुहल्ले या मैदान पर खेल चुके हैं। तो क्या क्रिकेट, दिव्यांगता, सपने और प्रतिभा को जोड़ती यह फिल्म आपको ...Read More

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तुमसे न हो पाएगा फिल्म रिव्यू

नौकरी करने वाले युवाओं को एक बार यह फिल्म देखनी चाहिए। यह फिल्म उन युवाओं के लिए एक एक है जो यह जानते हुए आजीवन नौकरी करते हैं की एक दिन उन्हें उनके व्यवसाय से संतोष मिलेगा पर वह कभी आता नहीं और आयुष्य एक ट्रेन की तरह गति से आगे बढ़ता चला जाता है और आखिर एक दिन व्यक्ति हताश होकर उस नौकरी को ही जीवन का उद्देश्य स्वीकार कर जीवन के उत्तरदायित्व निभाता चला जाता है।तुमसे न हो पाएगा अक्सर उन व्यक्तियों को सुनना पड़ता है जो लोग कुछ अलग राह पर चलना चाहते है। कुछ बढ़ा ...Read More

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द वेक्सिन वॉर फिल्म रिव्यू

कोरोना समय पर व्यक्तिगत और पारिवारिक स्वास्थ्य से जूझते हुए हमें यह जानने का अवसर नहीं मिला की कुछ हमें जीवनदान देने के लिए खुद कितना कठोर परिश्रम और बलिदान दे रहे थे। ये बात उन वैज्ञानिकों की है जिन्होंने करोड़ों लोगों को बचाने के लिए दिन रात एक कर दिया और विश्व की सबसे असरकारक वेक्सिन बहुत ही कम समय में बना कर के कीर्तिमान स्थापित कर दिया।वेक्सिन वॉर जैसी फिल्में सीनेमाघरों में प्रेक्षकों की उपस्थिति नहीं जुटा पातीं क्योंकि आज सिनेमा के प्रेक्षक को आंखें चका चौंध कर दे ऐसे स्पेशल इफेक्ट, हीरो की अतिशयोक्ति, नाचगाना और ...Read More

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मस्त में रहने का फिल्म रिव्यू

अकेलापन वर्तमान समय की एक बीमारी है जो हमारे जीवन में चाहे अनचाहे आने वाली है, कब और कैसे अनुमान लगाना कठिन है पर जब यह अकेलापन आएगा तब हम कैसे इसके साथ जिएंगे इसका निर्णय हमें स्वयं करना होगा। मस्त में रहने का इसी अकेलेपन का उदाहरण है और कैसे इस फिल्म के पात्रों ने इसको स्वीकर किया और जिया इसपर फिल्म को रचनात्मक तरीके से दिखाया गया है। फिल्म एमेजॉन प्राईम पर है। एक बार देखने जैसी है।फिल्म में 3 अलग अलग कहानियां है, उन कहानियों के पात्र हैं और उनके जीवन का अकेलापन है जिससे वे ...Read More

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12th फैल फिल्म रिव्यू

12th Fail फिल्म रिव्यू फिल्म लगभग उन सभी प्रेक्षकों को पसंद आई है जिन्होंने जीवन में किसी भी परिस्थिति में नहीं सीखा, हारना नहीं सीखा। ये उन लोगों की कहानी है जिन्हें राजनैतिक तौर पर ही गरीब, मजबूर और पिछड़ा रखा जाता है ताकि राजनेताओं का वोट बैंक बना रहे। फिल्म सच्ची कहानी पर आधारित है। मनोज कुमार शर्मा नाम के आईपीएस अधिकारी की नर्क से निर्वाण की कहानी , संघर्ष से सफलता की कहानी, हिंदी से हिंदुस्तान की कहानी मतलब 12th फैल. ...Read More

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इंडियन पुलिस फोर्स वेब सीरीज रिव्यू

यह वेब सीरीज सच्ची कहानी पर आधारित नहीं है और फिर भी इसका नाम भ्रमित करता है। एमेजॉन प्राईम रिलीज हुई इस वेब सीरीज का निर्माण रोहित शेट्टी ने किया है इसलिए यह वेब सीरीज आने से पहले चर्चा में रही। पर आने के बाद चर्चा में नहीं रहेगी ?रोहित शेट्टी अपने कोप वर्ल्ड के लिए जाने जाते हैं। उनकी बनाई गई सिंघम अजय देवगन को मुख्य पात्र बनाकर पेश की गई जिसमें विलन थे प्रकाश राज। हीरो और विलन दोनों ही बहुत दमदार थे और कहानी भी दमदार थी, पर सबसे ज्यादा दमदार था निर्देशन। ...Read More

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खिचड़ी 2 फिल्म समीक्षा

ये फिल्म नहीं हंसी का एटम बम है। अगर आपको कोई दिल या मस्तिष्क को बीमारी नहीं और ज्यादा से आपके फेफड़े फूल नहीं जाते तो अपनी जोखिम पर इस फिल्म को सह परिवार देख सकते हैं। फिल्म को सिनेमा में शायद इसके हिस्से का दर्शक नहीं मिला पर ओटीटी पर मिलने की पूरी संभावना है। जी फाइव पर उपलब्ध है। ये फिल्म खिचड़ी श्रुखला की दूसरी फिल्म है पर इस शृंखला की पहली फिल्म 2010 में आई थी और खिचड़ी शृंखला का टीवी सीरियल करीब 100 एपिसोड तक चला था जो 2002 में शुरू हुआ ...Read More

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कड़क सिंह फिल्म रिव्यू

मुझे ओटीटी की सबसे अच्छी बात यह लगती है की यहां अच्छी फिल्में और सिरीज़ आप कभी भी देख हैं, अपने समय पर और अपनी गति से फॉरवर्ड रिवाइंड करके देख सकते हैं। कड़क सिंह अच्छी है पर इसे देखने और समझने की गति आपको पसंद करनी होगी। आज कल कहानियों का अकाल पड़ा है ऐसा सुनने को मिलता है पर ऐसा नहीं है और ना ही फिल्म बनाने वाले कम प्रतिभाशाली हैं। बस उन्हें आवश्यकता है एक अवसर की और एक बुद्धिमान दर्शक की। वैसे आज कल फिल्में बुद्धि की मांग नहीं करतीं पर कड़क सिंह एक मर्यादित ...Read More

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ऐ वतन मेरे वतन फिल्म रिव्यू

आज़ादी की लड़ाई केवल एक या दो संगठनों की नहीं थी पर इस लड़ाई में अनेक गुमनाम व्यक्ति भी तौर पर योगदान दे रहे थे जिनके नाम इतिहास के पन्नों में खो चुके हैं। ऐ वतन मेरे वतन ऐसे ही गुमनाम योधाओ की कहानी है जिनके क्रांतिकारी कार्यों से अंग्रेज सरकार की नीव कमज़ोर पड़ रही थी। फिल्म आई है एमेजॉन प्राईम पर। एक बार सह परिवार देखें और युवा पीढ़ी को दिखाएं क्योंकि आज आज़ादी के बाद यह हमारी तीसरी पीढ़ी है और उनका इस लड़ाई से जुड़ा हर सत्य जानना आवश्यक है। ...Read More

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ओह माई गॉड २ फिल्म रिव्यू

बहुत देर लग गई शर्माजी इस फिल्म का रिव्यू लिखने में? जी बिलकुल, मेरी व्यस्तता कहें या फिर लिखने माहोल नहीं बन रहा था ये कह दें। दोनों ही झूठ हैं जिसे कहकर आपका समय व्यर्थ नहीं करूंगा। फिल्म सिनेमाघर से नेटफ्लिक्स पर भी आ चुकी थी, मैंने नेटफ्लिक्स अभी तक नहीं लिया क्योंकि एमेजॉन, जी, सोनी, होटस्टार पर ही इतनी फिल्में और सीरीज हैं जिन्हें देख नहीं पाया तो अन्य ओटीटी लेकर अपने पैसे व्यर्थ खर्च नहीं करना चाहता था। इसलिए जैसे ही फिल्म ओह माई गॉड जियो सिनेमा पर आई और २९ रूपए का पैकेज मिला, मैने ...Read More

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तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया फिल्म रिव्यू

तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया फिल्म रिव्यू फिल्म के नाम में ही उलझना लिखा है तो बस उलझ इस फिल्म की कहानी में। इस कॉन्सेप्ट को हिन्दी सिनेमा देखने वाले आसानी से डाइजेस्ट नहीं कर पाते क्यूंकी हमें मसाला और मस्ती चाहिए, यहाँ थोड़ा अलग टेस्ट है , मस्ती है पर मसाला सामान्य व्यक्ति की समझ से एक टेबल स्पून अधिक है । फिल्म एमेज़ोंन प्राइम पर है, अब घर तक या गई है तो देख लीजिए, इतनी भी बुरी नहीं है । कहानी समझने से पहले समझते हैं मनोविज्ञान। आज कल लड़के और लड़कियां शादी करने से ...Read More

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777 चार्ली फिल्म रिव्यू

फिल्म के नाम से मुझे लगा की कोई मिलिट्री मिशन या फिर जासूसी मिशन की कहानी होगी जिसमें एक कुत्ते की मुख्य भूमिका होगी पर ऐसा है नहीं। न ही ये जासूसी की कहानी है और न ही कोई मिलिट्री की। पर अपने तरीके की एक मात्र फिल्म होगी जिसमें एक कुत्ते के प्रति इतना सारा प्यार दिखाया गया होगा। मैंने इसलिए ही देखी क्योंकि मैं भी डॉग लवर हूं और मेरे घर में भी एक प्यारा कुत्ता है।इस फिल्म को केवल और केवल एक डॉग प्रेमी ही अंत तक देख सकता है क्योंकि भारत में अभी भी पालतू ...Read More

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चंदु चैंपियन

भारत की सुनहरी उपलब्धियों को जानने की उत्सुकता आज जितनी है शायद पहले कभी नहीं हुई। हमें कभी अपने देश पर और देश के सपूतों पर इतना गर्व नहीं हुआ जितना आज है। चंदु चैंपियन एक ऐसे ही असामान्य खिलाड़ी की कहानी है जीसे सामान्य समझकर भुला दिया गया था। ऐसी सेंकड़ों कहानियाँ हमारे आस पास हैं जिन्हें जानकार हमारी नई पीढ़ी प्रोत्साहित और प्रशिक्षित हो सकती है, पर उन कहानियों को हम तक कौन लाएगा? हम फिर फिल्मों की प्रतीक्षा ही करेंगे की कोई उन्हें हमारे सामने लाए। आपको परिवार सहित इस फिल्म को जल्द से जल्द देखना ...Read More

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Tom and Jerry - Film Review

टॉम एंड जेरी विलियम हन्ना और जोसेफ बारबरा द्वारा बनाई गई एक प्रतिष्ठित एनिमेटेड श्रृंखला है। इस श्रृंखला ने में लघु फिल्म पुस गेट्स द बूट के साथ अपनी शुरुआत की। शुरू में, पात्रों का नाम जैस्पर (बिल्ली) और जिंक्स (चूहा) रखा गया था, लेकिन जल्द ही उनका नाम बदलकर टॉम एंड जेरी कर दिया गया। श्रृंखला का आधार टॉम, एक घरेलू बिल्ली और जेरी, एक चतुर चूहे के बीच हास्य प्रतिद्वंद्विता के इर्द-गिर्द घूमता है।एम. जी. एम. (मेट्रो-गोल्डविन-मेयर) ने 1940 और 1958 के बीच 114 नाटकीय लघु फिल्मों की मूल श्रृंखला का निर्माण किया। इन कार्टूनों को उनकी ...Read More

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जुरासिक पार्क और जुरासिक वर्ल्ड सीरीज समीक्षा

1. जुरासिक पार्क (1993)स्टीवन स्पीलबर्ग द्वारा निर्देशित और माइकल क्रिचटन के उपन्यास पर आधारित, 'जुरासिक पार्क' ने आधुनिक ब्लॉकबस्टर निर्माण के लिए बेंचमार्क स्थापित किया। 1993 में रिलीज़ हुई, यह विशेष प्रभावों और कहानी कहने में एक अभूतपूर्व उपलब्धि बनी हुई है।कुछ बच्चों के साथ वैज्ञानिकों के एक समूह का एक नेचर पार्क में जाना होता है जो एक जिनेटिक रूप से इंजीनियर किए गए डायनासोर से भरा एक द्वीप थीम पार्क है। जब पार्क की सुरक्षा प्रणाली विफल हो जाती है तो अराजकता फैल जाती है, जिससे डायनासोर स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। फिल्म जिनेटिक इंजीनियरिंग के ...Read More

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महाराजा - फिल्म रिव्यू

एक नाई की कहानी में ऐसा क्या है की आज हरकोई उनकी बात कर रहा है? एक कचरे के की चोरी की पुलिस कंप्लेंट हो सकती है क्या? फिल्म धीरे से एक सुई की तरह आपकी चमड़ी की नासिकाओं में प्रवेश करेगी और एक ज्वालामुखी बनके आपके दिलोदिमाग को जिंझोड कर रख देगी। अभी तक नहीं देखी तो नेटफ्लिक्स पर देख लें। देखने से पहले दो मिनिट रिव्यू पढ़ लें तो हमें भी सुकून मिल जाएगा।महाराजा नाम का एक नाई पुलिस स्टेशन आता है और उसे एक शिकायत दर्ज करवानी है। उसके घर में चोरी हो गई है। उसने ...Read More

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स्त्री २ फिल्म रिव्यू

स्त्री 2 फिल्म का नाम पुरुष 1 होना चाहिए था, यहां भूत पुरुष है और शायद आने वाली स्त्री में तीसरा लिंग दर्शाया जाए तो हमें कोई हैरानी नहीं होगी। फिल्म को जितना मीडिया में उछाला जा रहा है उतना इस में दम नहीं है पर एक प्रकार का अभी नहीं तो कभी नहीं वाला या फोमो वाला भाव दर्शकों के मन में है इसलिए अधिक लोग इस फिल्म को देखने जा रहे हैं।फिल्म की पृष्ठ भूमि में वही चंदेरी गांव है, गांव का रखवाला राजकुमार राव मतलब विकी दर्जी है, गांव के सुज्ञ पुरुष पंकज त्रिपाठी मतलब रुद्र ...Read More

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गॉडफादर - फिल्म रिव्यू

फिल्म गॉडफादर की कहानी:आपको अगर माफिया की कहानियां पसंद हैं, आपको वो डॉन वाली ठाठबाठ पसंद है, एक डॉन से सभी डरते हैं और उनके दुश्मन उन्हें मारने की साजिश करते हैं, तो गॉडफादर आपके लिए किसी ट्रीट से कम नहीं। गॉडफादर की कहानी न्यूयॉर्क शहर में 1940 और 1950 के दशक के दौरान एक शक्तिशाली इतालवी-अमेरिकन अपराध परिवार, कोरलेयो परिवार, के इर्द-गिर्द घूमती है। परिवार का प्रमुख, विटो कोरलेयो (मार्लन ब्रैंडो द्वारा अभिनीत), एक सम्मानित और प्रभावशाली माफिया बॉस हैं, जिन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा और उनके व्यापार को मजबूत किया है।फिल्म की शुरुआत एक शादी के साथ होती ...Read More

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इन्सेप्शन - फिल्म रिव्यू

भारत में हॉलीवुड फिल्मों का बड़ा क्रेज है। आज बात करेंगे एक बहुत ही प्रचलित साइंस फिक्शन हॉलीवुड फिल्म इन्सेप्शन क्रिस्टोफर नोलान द्वारा निर्देशित एक मस्तिष्क को झकझोर देने वाली साइंस फिक्शन थ्रिलर है, जो दर्शकों को सपनों की गहराइयों में ले जाती है। यह फिल्म सपनों, वास्तविकता, और उन दोनों के बीच की बारीकियों के अन्वेषण पर केंद्रित है। नोलान की इस कृति ने न केवल तकनीकी क्रांतिकारी काम किया, बल्कि दर्शकों को भी एक नई सोच की दिशा दी।कहानी:फिल्म की कहानी डॉम कोब (लियोनार्डो डिकैप्रियो) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पेशेवर ध्वस्तक (extractor) है। उसकी विशिष्ट क्षमता ...Read More

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टाइटैनिक - फिल्म समीक्षा

आपने सोनी महिवाल, हीर रांझा, लैला मजनू, एक दूजे के लिए जैसी फिल्में देखीं हैं? इन सब में एक कॉमन है, हीरो हीरोइन अंत तक शादी नहीं कर पाते क्योंकि दुनिया उनके प्यार से खुश नहीं।हॉलीवुड में अंग्रेजी में भी एक बड़े फलक पर प्यार को केंद्र में रखकर यह फिल्म बनाई गई जिसका नाम है टाइटैनिक।जेम्स कैमरून की फिल्म "टाइटैनिक" एक ऐतिहासिक और भावनात्मक ड्रामा है, जो 1912 में हुए टाइटैनिक जहाज के डूबने की घटना पर आधारित है। इस फिल्म ने दर्शकों को न केवल एक ऐतिहासिक घटना का अनुभव कराया, बल्कि एक रोमांटिक कहानी भी प्रस्तुत ...Read More

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द मैट्रिक्स - फिल्म रिव्यू

"द मैट्रिक्स" एक प्रमुख साइंस फिक्शन फिल्म है जिसे वाचोव्स्की ब्रदर्स (लाना और लिली वाचोव्स्की) ने निर्देशित किया है। फिल्म एक कल्पनाशील और चुनौतीपूर्ण दुनिया का निर्माण करती है, जहां वास्तविकता और कृत्रिम वास्तविकता के बीच की सीमा धुंधली होती है। फिल्म ने अपने अद्वितीय कथानक, अभिनव दृश्य प्रभाव, और प्रभावशाली फिल्म निर्माण के लिए व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है।कहानी:फिल्म की कहानी थॉमस एंडरसन (कीनू रीव्स) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक साधारण सॉफ़्टवेयर डेवलपर और कंप्यूटर हैकर है। उसे "नीयो" (Neo) के नाम से भी जाना जाता है। उसकी जिंदगी में एक अजीब बात होती है जब वह ...Read More

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मिनियंस - फिल्म रिव्यू

"मिनियंस"(Minions) 2015 में रिलीज़ हुई एक एनिमेटेड फिल्म है, जो "डेस्पिकेबल मी" फ्रैंचाइज़ी का स्पिन-ऑफ है। इस फिल्म का पियरे कोफ़िन और काइल बाल्डा ने किया है। यह फिल्म उन पीले मिनियंस पर केंद्रित है, जो पहले की फिल्म में मुख्य भूमिका में थे और अब एक अपनी खुद की कहानी के साथ सामने आए हैं।कहानी:"मिनियंस" की कहानी मुख्यतः तीन मिनियंस, स्टुअर्ट, बॉब और kevin के इर्द-गिर्द घूमती है। ये मिनियंस लंबे समय से एक सशक्त मास्टर की खोज में हैं। उनका लक्ष्य एक प्रभावशाली और शक्तिशाली मास्टर को ढूंढ़ना है, जो उन्हें हर समय मनोरंजन और सुरक्षा प्रदान ...Read More

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एनाकोंडा - फिल्म रिव्यू

1. परिचय:"एनाकोंडा" एक हॉरर-थ्रिलर फिल्म है जो 1997 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन लुइस लॉसाल्टा ने था और इसमें प्रमुख भूमिकाओं में जेनिफर लोपेज, आयस क्यूब, और जॉन वॉयट हैं।2. कथा की शुरुआत:कहानी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए जंगल में गए एक दल के चारों ओर घूमती है। इस दल में मुख्य रूप से डॉ. सारा (जेनिफर लोपेज), उसके फिल्म निर्माता पति गॉरडन (अथर्टन), और उनके सहायक शामिल हैं। उनका लक्ष्य दक्षिण अमेरिकी जंगल के अद्भुत वन्यजीवों का डॉक्यूमेंट्री बनाना है।3. संघर्ष की शुरुआत:जंगल में जाते समय, यह दल एक घायल नाविक पॉल (जॉन वॉयट) ...Read More

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भूल भुलैया ३ - फिल्म रिव्यू

भूल भुलैया 3 है एक और भूत प्रेत की कहानी जिसमें डर कम पर कॉमेडी बहुत है। डर केवल का है पर एक्टिंग भरपूर है। एक बड़े वर्ग को आकर्षित किया गया है। एक तरफ युवा वर्ग को कार्तिक और तृप्ति ढिमरी को देखने के लिए ललचाया गया है तो दूसरी तरफ विद्या बालन और माधुरी दीक्षित को लाकर एक वयस्क वर्ग को भी थियेटर में आने को आमंत्रित किया गया है। कहानी पर और अच्छा काम किया जा सकता था पर अब लगता है अनीस बाज़मी को पता चल गया है कि बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया।कार्तिक आर्यन अब अक्षय ...Read More