एक कातिल और श्रापित तो दूसरी कुदरत के तोहफे से नवाज़ी गई! लेकिन असल श्रापित कौन?....वो जिसे श्राप मिला या फिर वो जिसे कुदरत ने तोहफा दिया? बदनामी में एक गुमनाम ज़िंदगी और मासूमियत में एक बागी। कैसी होगी इनकी जोड़ी जानते हैं इन्हीं की ज़ुबानी।
आई कैन सी यू - 1
एक कातिल और श्रापित तो दूसरी कुदरत के तोहफे से नवाज़ी गई! लेकिन असल श्रापित कौन?....वो जिसे श्राप मिला फिर वो जिसे कुदरत ने तोहफा दिया?बदनामी में एक गुमनाम ज़िंदगी और मासूमियत में एक बागी।कैसी होगी इनकी जोड़ी जानते हैं इन्हीं की ज़ुबानी।मैं लूसी.....कभी कभी किसी की तुक्के में कही गई बात सच हो जाती है। जब मैं छोटी थी तब मेरे घर पर एक भीख मांगने वाली बूढ़ी औरत आई थी मैं उन्हे भीख देंगे दौड़ी क्यों के मैं और मेरा भाई खेल छोड़ कर भीख देने जाने के लिए तैयार नहीं थे इस लिए मेरी मां ने ...Read More
आई कैन सी यू - 2
मुझे लगता है आज तक मैं ने जितने भूतों को देखा है वे डरवाने नही है या फिर उन्हें की मुझे आदत हो गई है। हां हो सकता है किसी डरवाने भूत से मेरा सामना ही नही हुआ हो। ऐसा नहीं है की मुझे कभी भूतों से या अनदेखे साए से डर नहीं लगता था। मुझे बहुत डर लगता था जब तक मैं आठ साल की थी। मैं इतना डरती थी के रातों को मम्मी का कपड़ा मुट्ठी में कस कर पकड़ कर सोती थी। मुझे रात से डर लगता था। हर वक्त ऐसा लगता था के कोई मुझे ...Read More
आई कैन सी यू - 3
मैंने इस दौरान भूतों के बारे में बहुत कुछ समझा जैसे के उनमें दिमाग कम होता है और हर इंसान के पीछे नहीं पड़ा रहता उनकी भी एक लाइफ होती है। हां उन्हे इंसानों और जानवरों को परेशान करने में मज़ा आता है। यानी वो इसी तरह मस्ती करते हैं। जब हम उनसे डरते हैं तो वे खुश हो जाते हैं और अधिक डराने की कोशिश करने लगते है।कॉलेज शहर से अलग हो कर एकांत में था जहां से कुछ फासले पर शहर आता है। कॉलेज के पास ही मेरा लॉज था इस लिए वहां पैदल ही जा सकते ...Read More
आई कैन सी यू - 4
मेरा पहला दिन तब तक ही बहुत अच्छा था जब तक मैं ने उस सफेद साड़ी वाली भूतनी को देखा था। मैं तेज़ी से चल कर जा रही थी और यही सोच रही थी के हर जगह मुझे भूत क्यों मिल जाते हैं? मेरा मन झुंझला गया था। मैं ये भी समझने की कोशिश कर रही थी के वो हसीन नौजवान कौन था? क्या वो भूतनी उसकी खूबसूरती के वजह से उसके पिछे पड़ गई होगी?मेरे मन में कई सवाल उठने लगे थे। मैं ने दादी से सुना था के कभी कभी किसी खूबसूरत लड़का या लड़की के पीछे ...Read More
आई कैन सी यू - 5
डायरेक्टर सर के जाने के बाद मुझे एक और धक्का सा लगा जब मैं ने उसी औरत को आते इस समय वह औरत उनके दस कदम दूरी पर चल रही थी। उसे तो वर्षा देख नहीं सकती थी इस लिए वो डायरेक्टर सर के चले जाने के बाद चैन की सांस ले रही थी। लेकिन मैं सफेद साड़ी वाली औरत को देख सकती थी। उसी तरह नज़रे तीर की तरह डायरेक्टर सर पर गड़ाए हुए चल रही थी। जब वो मेरे करीब से गुजरी तो मुझे उसके गुजरने का आभास नहीं हुआ। मैं ऐसा जाता रही थी के मैं ...Read More
आई कैन सी यू - 6
अभी ग्यारह ही बजे थे। पूरे कॉलेज में छात्रों की चहल पहल थी। मौसम में थोड़ी सी गर्मी थी ठंडी हवाएं चलने से न ज़्यादा गर्मी का एहसास था ना ठंडी का। हमारा पहला लेक्चर खत्म हुआ और मैं जल्दी से उठकर क्लास से बाहर जाने लगी। मुझे जाते देख रूमी ने आवाज़ दी :" अरे अब तुम कहां चली ?मैंने जाते हुए मुड़कर उसे जवाब दिया :" तुम कुछ देर मेरा यहां इंतजार करो मैं बस थोड़ी देर में आती हूं! अगर सेकेंड लैक्चर के लिए सर आ जाए क्लास में तो मुझे कॉल कर देना मैं आ ...Read More
आई कैन सी यू - 7
मैं गुस्से में उस सफेद साड़ी वाली औरत को देख रही थी लेकिन डायरेक्टर सर को ऐसा लग रहा कि मैं उन्हें घूर रही हूं। वह हैरान थे और हैरानी से वह बस मुझे घूर रहे थे लेकिन उनसे ज़्यादा हैरान वह चुड़ैल थी जिससे नज़रे मिलाकर मैं खड़ी थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं उसी से बात कर रही हूं। उसने अचंभित हो कर कहा :" क्या तुम मुझे देख सकती हो?मुझे उस पर बेहद गुस्सा आ रहा था। जितना गुस्सा मुझे उस पर आ रहा था उससे ज़्यादा गुस्सा डायरेक्टर सर को मुझ पर ...Read More
आई कैन सी यू - 8
शाम की हल्की परछाई पढ़ने लगी थी। दुर दुर खेतों में ओस जैसी धुंध छाई हुई थी। अभी पूरी अंधेरा नहीं हुआ था। मैं अपने बिस्तर पर सर पकड़ कर लेटी हुई थी। मेरे सर में तेज़ दर्द था। वर्षा अपने घर के लोगों से फोन पर बातें करने में व्यस्त थी। वो अपनी बहन के साथ यही बातें कर रही थी के आज हमारे साथ कॉलेज में क्या हुआ। वह सब बताते हुए उसे तो बड़ी हंसी आ रही थी लेकिन मेरा मन बहुत बेचैन सा था। मन में एक खाली पन उतर रहा था जिसे मैं शब्दों ...Read More
आई कैन सी यू - 9
रात के दो बजे सफेद साड़ी वाली भूतनी से मेरा सामना हो तो गया लेकिन उसने मेरे दिमाग में के लिए एक और सवाल छोड़ दिया। वो तो चली गई लेकिन मैं वोही कमरे में टहलते हुए ये सोचने लगी के उसने ऐसा क्यों कहा के वो भूत नहीं है। कहीं वह मेरे जैसी तो नहीं?.... नही नही!... वो मेरे जैसी कैसे हो सकती है। वो तो गायब हो सकती है। किसी के अंदर घुस सकती है। मैं ये सब तो नहीं कर सकती। उसकी सारी क्वॉलिटी तो भूत वाली ही है फिर उसने ये क्यों कहा के वो ...Read More
आई कैन सी यू - 10
रोवन सर से मेरी नज़रे टकरा गई और मैं हक्का बक्का सी सिर्फ पलकों को बार बार झपकाते हुए की तरह उन्हें तकने लगी। कुछ देर तक हमारी नज़रे आपस में मामले का जायज़ा लेने लगी थी। शायद वो यहां से गुज़रे होंगे और उनकी भूतनी उनके पीछे पीछे जा रही होगी तभी उसने मुझे टोका होगा।कुछ देर मुझे हैरत से देखने के बाद वो वापस जाने लगे। जाते हुए उन्होंने एक दो बार मुझे मुड़ मुड़ कर देखा और फिर आंखों में कई सवाल लेकर चले गए शायद उनके मन में यही चल रहा होगा के मेरी दिमागी ...Read More
आई कैन सी यू - 11
अब सिर्फ बंद कमरे में लूसी चाकू लिए दहशत गर्द बन कर खड़ी थी। कुछ देर तक वो गुस्से फुफकार भरती रही फिर धीरे धीरे उसका गुस्सा कम हुआ। अब उसने फिर से दरवाज़ा पिटना शुरु किया लेकिन अब तो कॉलेज में सन्नाटा छाया हुआ था। तीसरे मंजिल के एक कोने में एक छोटे से कमरे में बंद लूसी के चिल्लाने का कोई फायदा नही हुआ। वो समझ गई के यहां अब कोई नही है। अंधेरा छा चुका था। कमरे में जो वेंडिलेटर से हल्की रौशनी आ रही थी अब वो भी खत्म हो गई थी और कमरा बिलकुल ...Read More
आई कैन सी यू - 12
लूसी और रोवन कुछ देर तक सन्नाटे में एक दूसरे को देखते रहे क्यों के रोवन सवालों में उलझ था इस लिए सब से पहले कौन सा सवाल करे समझ नही आ रहा था और लूसी के दिल में भूचाल आया हुआ था अपने आप को रोवन के कमरे में और उसके सामने पा कर, उसे डर सता रहा था के अब रोवन से उसका भयंकर झगड़ा होने वाला है।वो हड़बड़ा कर बिस्तर से उठ खड़ी हुई और हकलाते हुए बोलने लगी :" स सर!... म...मुझे कमरे में लॉक कर दिया गया था। अब मैं जाती हूं थैंक यू ...Read More
आई कैन सी यू - 13
बातों बातों में रात के तीन बज गए थे। घना अंधेरा छाया हुआ था। पास के जंगलों और खेतों कीड़े मकोड़ों की आवाज़ें गूंज रही थी। किर्रर किर्रर की आवाज़ों के अलावा सिर्फ लूसी और रोवन को आवाज़ थी।इस सुनसान काली अंधेरी रात में दो लोग कॉलेज में चहल कदमी कर रहे थे। रोवन और लूसी उस कमरे में वापस गए जहां वो बंद थी।रोवन ने टॉर्च से पूरे कमरे को अच्छी तरह देखा। दो बाल्टियां इधर उधर पढ़ी थी और वो चाकू भी वोही पड़ा था।लूसी चाकू उठा कर दिखाते हुए उतावली हो कर बोलने लगी :" देखा ...Read More
आई कैन सी यू - 14
लूसी किसी छोटी बच्ची की तरह रोवन की बाहों में छुप गई थी और रोवन हल्का सा उसकी ओर हुआ था। एक हाथ से लूसी को और एक हाथ से बुक शेल्फ को थामे हुए उसने तेज़ आवाज़ में कहा :" यहां से दूर जाओ मैं बुक्शेल्फ को सीधा करके रखता हूं।...जल्दी!"लूसी जल्दी में किताबों की ढेर से होते हुए उस भूत के सामने गई जो बुक शेल्फ के दूसरी ओर खड़ा था। उसके सामने जा कर उस पर चिल्लाने लगी :" नालायक बदसूरत कहीं के!.... क्या किया तुम ने ये!... क्या मिला तुम्हें किताबों को गिरा कर! अगर ...Read More
आई कैन सी यू - 15
अभी सुरज दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन उसकी रौशनी फैल चुकी थी। पक्षियों की मधुर आवाज़ और मनमोहक की खुशबू से पूरा कॉलेज महक उठा था। खिड़की के पर्दों को धक्के मार कर आ रही हवाओं ने रोवन के जिस्म को छुआ तो उसे ठंडक महसूस हुई और नींद आंखों से दूर जाने लगी। उसने धीरे धीरे अपनी आँखें खोली। अब तक वो हल्के नींद के आगोश में था लेकिन जब याद आया के लूसी उसके लिविंग रूम में है तब एक झटके में नींद की खुमारी आंखों से गायब हो गई और हड़बड़ा कर उठा। दिल में ...Read More
आई कैन सी यू - 16
शाम की लालिमा छा गई थी। सूरज ढलते हुए बिलकुल अंडे की जर्दी जैसा लग रहा था। धूप की पूरी तरह से खत्म हो गई थी और अब मौसम में हल्की सी ठंडक महसूस होने लगी थी। इस शाम में कई बेचैनिया थी जो रोवन के मन को कुरेद कुरेद कर खोखला करने में लगीं थी। परिंदो के साथ साथ वो भी कार चलाते हुए जा रहा था। गंगा तट पर जाने वाला ये रास्ता हमेशा सुनसान ही रहता है। सड़क के दोनों तरफ घना जंगल है। यहां पर लोग ज़्यादा आते जाते नहीं क्यों के इस सड़क के ...Read More
आई कैन सी यू - 17
अब तक कहानी में देखा के लूसी को कोई लड़का मिला जो कॉलेज कैंपस के ग्राउंड में रखे बेंच उदास बैठा था। लूसी उस से उसकी उदासी का कारण पूछ रही थी के रोवन ने उसे बालकनी से अकेले में बातें करते हुए देख लिया। वो समझ गया था की लूसी जिस से बात कर रही है वो कोई इंसान नही है इस लिए उसे दिखाई नहीं दे रहा है। उसे बात करने से रोकने के लिए उसने लूसी को कॉल किया।रोवन का कॉल देख कर लूसी थोड़ी से घबराई फिर कॉल रिसिव कर लिया। कॉल रिसीव करते ही ...Read More
आई कैन सी यू - 18
कहानी में अब तक हम ने पढ़ा के लूसी को एक लड़का मिला जिसने बताया के वो हम्ज़ाद है लूसी हम्ज़ाद के बारे में कुछ नहीं जानती थी। वो दुलाल नामी लड़के से जानना चाहती थी लेकिन उस से बात करने के लिए उसे एकांत होना होगा।वर्षा फोन चलाते हुए सो गई थी। उसे सोता देख मौके का फायदा उठा कर लूसी झट से बाहर निकल आई। बाहर जाते हुए वो उसी खेत के पास चली गई जहां से कॉलेज जाया करती है। उसने सोचा के शायद दुलाल यहां मिल जाए, ना मिले तो उसे आवाज़ लगा कर बुलाऊंगी।इसी ...Read More
आई कैन सी यू - 19
कहानी में अब तक हमने पढ़ा की लूसी को बचाने के चक्कर में रोवन को चाकू लग गया था बुरी तरह ज़ख्मी था। चाकू सफेद साड़ी वाली चुड़ैल ने ही मारा था लेकिन वर्षा का शरीर इस्तेमाल कर के, लूसी उसे दुलाल की मदद से जैसे तैसे हॉस्पिटल ले कर गई। वहां बेंच पर बैठी दुलाल से बातें कर रही थी लेकिन उसकी एक भी बात उसे समझ नहीं आई। उसने नज़रे झुकाए हुए धीरे से पूछा :" तुम ने कहा कि रोवन सर ने तुम्हारे इंसानी हम्ज़ाद के कातिलों को सज़ा दी थी इस बात का क्या मतलब ...Read More
आई कैन सी यू - 20
अब तक कहानी में हम ने पढ़ा की दुलाल ने लूसी को अपने बारे में और हमज़ाद के बारे सब कुछ समझाया। रोवन हॉस्पिटल में बेहोश था और लूसी बेचैनी और बदसुकुनी में वहां से लॉज चली आई। रोवन के जीजा जी और रूमी ने उसे लॉज के गेट तक पहुंचा दिया। तूफानी बारिश हो रही थी। अपने कमरे में जाते ही लूसी ने देखा के वर्षा सिकुड़ कर अपने बिस्तर पर बैठी किसी से फोन पर बातें कर रही है। लूसी को देखते ही उसके पास आई और बेसब्री से पूछने लगी :" तुम मेरा फोन क्यों नही ...Read More
आई कैन सी यू - 21
कहानी में अब तक हम ने पढ़ा की लूसी ने एक बेचैनी की शिद्दत वाली रात गुजारी फिर वह को गहरी नींद सोते देख सुबह सुबह ही तैयार हो कर हॉस्पिटल चली गई जहां रोवन एडमिट था। रविवार की सुबह थी इस लिए इतनी चहल पहल नहीं थी जितनी बाकी के छह दिनों में होती है।लूसी ने रिसेप्शनिस्ट से रोवन के कमरे का नंबर पूछा और उस तरफ जाने लगी। उसे रोवन के कमरे में जाने में बेहद हिचकिचाहट हो रही थी ये सोच कर के ना जाने उनका कैसा रवैया होगा। जैसे जैसे कमरे की ओर कदम बढ़ा ...Read More
आई कैन सी यू - 22
अब तक कहानी में हम ने पढ़ा की लूसी रोवन से मिलने हॉस्पिटल गई तो उसने उसे कॉलेज छोड़ जाने को कहा। जब लूसी ने जाने से इंकार किया तो उसने डांटते हुए कहा के उसे जाना ही पड़ेगा क्यों के यहां उस चुड़ैल से खतरा है। जब उदास हो कर बाहर आई तो रोवन की मां ने उसके बीते कल का दुख दर्द उसके सामने रख दिया और मिन्नत कर के रोवन से शादी करने के लिए कहा।रोवन से शादी की बात पर लूसी अभी हैरत में बिलकुल सुन्न पड़ी थी। उसे सन्नाटे में देख मां ने उसके ...Read More
आई कैन सी यू - 23
दुलाल से बात चीत करने के बाद लूसी लॉज चली आई। उसके नस नस में बेचैनियां बिजली की तरह रही थी। उसका दिमाग एक पल के लिए भी शांत नहीं हो रहा था। रोवन से शादी की बात उसके मन में बार बार गुदगुदी पैदा कर देती। उसे वो सारे पल याद आ रहे थे जब जब वो रोवन से मिली भले ही उन दोनों में कभी नर्मी से बात नहीं हुई थी। वो रात जब वो कमरे में बंद हो गई थी और रोवन ने लाइब्रेरी के बुक शेल्फ को उस पर गिरने से रोका था। वो समा ...Read More
आई कैन सी यू - 24
कहानी में अब तक हम ने पढ़ा की लूसी ने दुलाल को अपनी परेशानी बताई तो उसने कहा के नाम के जगह में एक तांत्रिक है जो रूहों को कब्जे में कर सकता है। लूसी ने सारी बातें वर्षा को भी बताई फिर रात को सफेद साड़ी वाली भूतनी ने बताया के वो किसी कमेला नाम की हमज़ाद है और वो एक शैतान है।आज कल लूसी के दिन और रात एक जैसी हो गई थी। ना दिन को सुकून न रात को चैन की नींद, उसने जैसे तैसे रात काटी और फिर सुबह तैयार होने लगी लेकिन कॉलेज जाने ...Read More
आई कैन सी यू - 25
अब तक हम ने पढ़ा के लूसी ने रोवन को एप्लीकेशन लिख कर कॉलेज से ना जाने की बात और उसकी मां को शादी के लिए हां भी कह दिया। अब तक रोवन को अंदाज़ा हो गया था के लूसी और उसकी मां के दरमियान क्या बातें हुई होगी। लूसी का एप्लीकेशन पढ़ने के बाद अब उसे यकीन हो गया था।कागज़ पर लिखे लूसी के शब्दों को उसने दोहरा दोहरा कर चार मर्तबा पढ़ लिया। अभी वो एप्लीकेशन को लिए हैरत में बैठा था के मां कमरे में आई और बोलने लगी :" रोवन ये क्या सुन रही हूं ...Read More
आई कैन सी यू - 26
अब तक हम ने पढ़ा के मां के समझाने के बाद रोवन ने आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया असल में लूसी के साथ शादी का कबूल नामा था। लूसी अपने भाई को बुला कर घर चली गई। घर जाते ही अपनी लाडली भतीजी लायला से खेल कूद करने लगी जैसे उसके साथ वो भी दस साल की बच्ची हो।लिविंग रूम में कियान भैया टांग पर टांग चढ़ाए बैठे थे। उन्होंने आवाज़ लगाई :" लूसी इधर आ!"लूसी लायला के साथ आई, दोनो हाथ पकड़ कर खड़ी थी।कियान भैया ने टेलीविजन का वॉल्यूम कम कर के पूछा :" तूने अचानक ...Read More
आई कैन सी यू - 27
अब तक हम ने पढ़ा के मां लूसी को एक रिश्ते के लिए राज़ी करने में लगी थी लेकिन तो रोवन के रिश्ते का इंतज़ार था। जब सुबह लूसी के घर में रोवन का रिश्ता लेकर एक मेडिएटर आया तो उसने हां कर दिया लेकिन कियान भैया रोवन के बारे में जानकारी हासिल करने में जुट गए, वो अपनी किसी फ्रेंड को पुछ रहे थे।लूसी ये सोच कर घबराई हुई थी के जो बदनामी रोवन की हो रखी है कहीं उसके बारे में भैया को पता न चल जाए, उसने परेशान हो कर कहा :" भैया आपकी फ्रेंड का ...Read More
आई कैन सी यू - 28
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी के घर वालों और रोवन के घर वालों की आपस में मुलाक़ात सभी एक दूसरे से बहुत घुल मिल गए थे। रोवन की फैमिली ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी लूसी के परिवार वालों को प्रभावित करने में, हर तरह से उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं रखी थी।रूमी एक एक पल की खबर लूसी को वीडियो कॉल पर दे रही थी। लूसी ने वहां कमेला को देखा तो उसका खून उबलने लगा। गुस्से में आ कर उसने फोन बंद कर दिया और बेचैनी में यहां वहां टहलने लगी।दरअसल उसे इतना गुस्सा ...Read More
आई कैन सी यू - 29
अब तक हम ने पढ़ा की दोनो घर वालों में रजामंदी हो गई थी अब बारी थी सगाई की। ने रात के समय रोवन को कॉल किया और पूछा के कमेला कौन थी और उसने आपको श्राप क्यों दिया था। इस सवाल पर रोवन के चहरे पर जो एक मधुर मुस्कान आई थी अब वो दुख भरी खामोश दास्तान बयां करने लगी थी।कान में मोबाइल लगाए लूसी उसके जवाब का इंतज़ार कर रही थी। उसने जब देखा के रोवन बिलकुल खामोश है तो अपने सवाल पर थोड़ा सा पछतावा मेहसूस करने लगी। उसे ऐसा लगा जैसे उसने ये सवाल ...Read More
आई कैन सी यू - 30
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी के पड़ोस में एक पायल नाम की बच्ची पर कोई छोटी सी बच्ची हावी थी जो निहायत ही बेचैन लग रही थी। लूसी ने उसे अपने पास बुलाया और उस से पूछा के वो कौन है लेकिन बच्ची बताने के बजाए बहुत दर्द भरी आवाज़ में ईश्वर के पास जाने की गुहार लगाने लगी। उसकी बेचैनी लूसी को भी बेचैन कर गई।अभी तक उसे कुछ समझ नहीं आया था के वो बच्ची आखिर कौन है और उसे इतनी सख़्त तिलमिलाहट क्यों है। आधी रात के बाद उसे मुश्किल से नींद आ ही ...Read More
आई कैन सी यू - 31
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की सगाई हो चुकी थी। वो बच्ची लूसी को अब नहीं मिली जिस वजह से लूसी को थोड़ी चिंता सता रही थी। उसे एक साथ बहुत से काम आ पड़े थे जिस वजह से उलझी हुई थी। इधर शादी की तैयारियां फिर कॉलेज का असाइनमेंट और कमेला को दूर रखने के तरीके पर सोच विचार, ये सब अकेले कर पाना उसके लिए मुश्किल होने लगा था।देर रात हो रही थी। लूसी ने अपने कमरे के खिड़की परदे ठीक से लगा दिए ताकी उसके बात करने की आवाज़ बाहर न जाए, ...Read More
आई कैन सी यू - 32
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की सगाई तो हो गई थी लेकिन लूसी गन चलाने प्रेक्टिस के लिए किशनगंज जाने के लिए अपने घर में ज़िद करती है तो भाभी उसे डांट कर चुप करा देती है। नाराज़गी से अपने आप को कमरे में बंद किया तो उसे उसी बच्ची ने दीदी कह कर पुकारा। वो खिड़की पर बैठी रो रही थी।उसे देखते ही लूसी अपनी नाराज़गी भूल कर हक्का बक्का सी उसके क़रीब आई और उसे हाथ पकड़ कर नीचे खड़ा किया। उसके आंसु अपने हाथों से साफ कर के बोली :" तुम कहां ...Read More
आई कैन सी यू - 33
अब तक हमने पढ़ा की लूसी अपनी वेडिंग ड्रेस पसंद करने किशनगंज गई थी जहां पर आर्यन ने कियान बहला फुसलाकर घर ले गया और लूसी रोवन के साथ उसके पुराने घर में गई।उन दोनों ने घर के आलीशान दरवाज़े को खोलकर अंदर कदम रखा। बीच में से सुंदर मार्बल बिछाया हुआ रास्ता बना था जिसके दोनों तरफ पेड़ पौधे लगे थे। साथ में घास में उग आए थे। रोवन आगे चलकर गया और घर के अंदर जाने वाला दरवाज़ा खोलने लगा। उसमे भी ताला लगा हुआ था।रोवन ने एक कदम अंदर रखा ही था के लूसी ने झट ...Read More
आई कैन सी यू - 34
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन उनके पुराने घर गए थे। वहां उन्हें गन तो मिला साथ ही कुछ शैतानों से सामना हो गया। रोवन ने उन पर गोली तो चलाई लेकिन उन्हें ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ा और उनमें से एक रोवन पर हावी हो गया। उसने लूसी के गर्दन पर मुंह लगाया तो एक झटका खा कर पीछे हट गया।अब लूसी ने उसका चहरा देखा तो उसकी पलके आधी ढलकी हुई दिखने लगी थी। लूसी घबराई हुई उसके पास जा ही रही थी के रोवन के अंदर से कोई हवा की तरह बड़ी तेज़ी के ...Read More
आई कैन सी यू - 35
अब तक हम ने पढ़ा की लूसी और रोवन की शादी हो चुकी थी। जैसा के लूसी ने प्लान था के वे लोग कॉलेज के घर में रहेंगे इस लिए सभी लोग अपने अपने घर चले गए और वे दोनों अपने कॉलेज के घर आ गए। रोवन के घर वाले बस यही चाहते थे की किसी तरह उसका घर बस जाए और लूसी सही सलामत रहे।वे लोग शाम को निकले थे लेकिन आते आते रात हो गई। कॉलेज के सन्नाटे छाए कैंपस में एक बड़ा सा लाइट बल्ब जल रहा था जिसके आसपास छोटे छोटे कीड़े मोकोड़े मंडरा रहे ...Read More
आई कैन सी यू - 36
अब तक हम ने पढ़ा के लूसी और रोवन की शादी की पहली रात थी और कमरे में दोनो बिस्तर पर बैठे बातें कर रहे थे। रोवन अपनी आप बीती बता रहा था के कैसे वो श्रापित हुआ और कमेला नाम की मुसीबत उसके सर पर आ पड़ी।मां ने मुझे दोस्तों के साथ बर्थडे पार्टी सेलिब्रेट करने के लिए बाहर जाने की परमिशन दे दी और मैं आज़ाद पंछी की तरह निकल पड़ा लेकिन मेरे दोस्त वो शिकारी कुत्ते थे जिन्होंने पंछी को जाल में फंसाने के लिए दाना डाला था क्यों के उस दिन किसी का बर्थडे नही ...Read More
आई कैन सी यू - 37
अब तक हम ने पढ़ा की रोवन ने अपनी आप बीती बताई के किस तरह उसे कमेला से श्राप और अब तक वो उसी बददुआ में जी रहा है।उसने लूसी को गले लगाया था की मोमबत्तियां बुझ गई जिसका मतलब था के कमेला कमरे में आई होगी।लूसी फौरन इधर उधर देखने लगी। रोवन ने झट से तकिए के नीचे से एक पिस्टल निकाला और लूसी को अपने पीछे छुपाते हुए बोला :" लूसी मुझे बताओ वो कहां है?...जल्दी बताओ!"लूसी ने पूरे कमरे के हर हिस्से हर कोने में नज़र दौड़ाई लेकिन उसे कमेला कहीं नहीं दिखी। उसने रोवन के ...Read More
आई कैन सी यू - 38
दस बजते बजते कॉलेज में छात्र छात्राओं की भीड़ उमड़ने लगी। लड़के लड़कियों के चहल पहल से वातावरण गूंज था। हर किसी के जिस्म से अलग अलग खुशबू आ रही थी। और किसी किसी के पास से गुजरने पर ऐसी बदबू आती के दो पल के लिए सांस ही अटक जाती। कुछ स्टूडेंट्स में इस बात की जोरों शोरों से चर्चा थी के डायरेक्टर सर की कल शादी हो गई है और उनकी पत्नी पीजी की स्टूडेंट है। उनके बीच से जब किसी ने लूसी को गुजरते हुए देखा तो उसी में से किसी ने कह दिया " अरे ...Read More
आई कैन सी यू - 39
अब तक हम ने पढ़ा की सुहागरात को कमेला तो नही आई थी लेकिन जब सब ठीक चल रहा और लूसी रिसेप्शन में जाने के लिए तैयार हो रही थी तभी अचानक कमेला आ गई और उसने लूसी को खंजर मार दिया। उसे इस हाल में देख कर रोवन के दिमाग में जैसे सीटियां बजने लगी थी।वो जल्दी से उसे उठाने लगा ये सोच कर के हॉस्पिटल ले जायगा लेकिन जैसे ही उसे गोद में उठाने लगा लूसी का पेट चमकने लगा। उसके पेट पर जो एक गोल सा निशान है उसमे से रौशनी फूटने लगी। रौशनी ऐसी थी ...Read More