डिस्क्लेमर : यह मेरी रचना पूर्ण रूप से काल्पनिक है । इसमें सभी किरदार भी काल्पनिक है । इसका सम्बन्ध किसी व्यक्ति , स्थान , जाती , धर्म से संबंधित नहीं है अगर आपको लगता है की संबंध है तो ये सिर्फ एक संयोग होगा मात्र । आरोही ... आरोही ..... तुम रुक जाओ मेरी बात तो सुनो बेटा , मैं तुम्हारे भले के लिए ही सोच रहा हूं। तुम घर छोड़ कर मत जाओ , एक बार अपने पापा के कहने पर उस लड़के से मिल कर तो देखो । नही पापा .... मैं आज नही रुकने वाली , चाहे आज तूफान ही न क्यों आ जाए आरोही बिना दूसरी ओर पलटे जवाब देती है।। बेटा प्लीज रुक जाओ देखो बाहर कितना मौसम खराब है लगता है बारिश भी आने वाली है । मेरे खातिर रुक जाओ ।।। अपना बैग लिए आगे बढ़ती जा रही थी जो कपड़ों और कुछ जरूरत के सामानों से भरे पड़े थे । मैं जानती आप मेरी शादी की बात करने के लिए हॉस्टल से बुला रहे हैं तो कल घर आती ही नहीं ।।
इश्क तो होना ही था - 1
डिस्क्लेमर : यह मेरी रचना पूर्ण रूप से काल्पनिक है । इसमें सभी किरदार भी काल्पनिक है । इसका किसी व्यक्ति , स्थान , जाती , धर्म से संबंधित नहीं है अगर आपको लगता है की संबंध है तो ये सिर्फ एक संयोग होगा मात्र । आरोही ... आरोही ..... तुम रुक जाओ मेरी बात तो सुनो बेटा , मैं तुम्हारे भले के लिए ही सोच रहा हूं। तुम घर छोड़ कर मत जाओ , एक बार अपने पापा के कहने पर उस लड़के से मिल कर तो देखो । नही पापा .... मैं आज नही रुकने वाली , ...Read More
इश्क तो होना ही था - 2
Dr को आभास हुआ कोई उनकी और शर्मा जी की बातें सुन रहा है तो उन्होंने कहा " कौन ? कौन है वहां पर्दे के पीछे दरवाजे के तरफ देखते हुए बोले । पर्दा सामने से हटा एक लड़का करीब उसकी उम्र 23 से 24 के बीच रही होगी । अंकल मैं अगस्त्य आपने ही तो मुझे बुलाया था । शर्मा जी : हां अगस्त्य बेटा मैंने ही आपको बुलाया था .... आपसे मुझे कुछ जरुरी बात करनी थी धीरे से बोले । अगस्त्य शर्मा जी के दोस्त अमेंद्र वर्मा का बेटा था जो अभी अपने पिता का कारोबार ...Read More
इश्क तो होना ही था - 3
आरोही किचेन के तरफ बढ़ जाती है शर्मा जी के लिए जूस जो लेना था । फिर उसके दिमाग एक बात आया , कही ये वही तो लड़का नहीं है जिससे पापा मुझसे मिलवाने वाले थे । बेटा आज तो तुम गए ..... आज तुम्हारे मुंह के साथ तुम्हारे शर्ट को भी चाय/कॉफी पिलाऊंगी हल्की मुस्कान के साथ खुद से बड़बड़ाई । शर्मा जी के कमरे में _________________ अगस्त्य : शर्मा जी का हाथ अपने हाथ में लेते हुए , " अंकल अब आपकी तबीयत कैसी है ? शर्मा जी : बेटा जी मैं तो बिल्कुल ठीक हूं मायूसी ...Read More
इश्क तो होना ही था - 4
शर्मा जी : नही बेटा .... मैं नहीं चाहता हूं कोई मजबूरी में खुद को पा कर शादी का ले । कल हॉस्टल चली जायेगी । तब तक आरोही अगस्त्य के लिए स्पेशल चाय लेकर आ जाती है ।।। अगस्त्य अपने फोन के तरफ देख रहा था .... आरोही : अब मेरे हाथ की चाय पीने के बाद , तुम क्या तुम्हारा भूत भी मुझसे शादी करने के बारे में सोचने से डरेगा मन ही मन मुस्कुराते हुए बोली । अगस्त्य आरोही की आहट को महसूस कर चुका था कि वो चाय लेकर आ गई है ..... लेकिन पता ...Read More
इश्क तो होना ही था - 5
अगस्त्य : चाय का एक घूंट पीते ही जोर जोर से खांसने लगता है ," मौका का फायदा उठाकर हुआ चाय अच्छी नहीं है या चीनी की जगह कुछ और मिला है अपनी हंसी को दबाते हुए आरोही बोली । " अगस्त्य : जी .... चाय बहुत अच्छी है गहरी सांस भरते हुए बोला । आरोही : इतने नमक वाली चाय पीने के बाद इसे अच्छी लग रही है " लगता है इसने मुझसे शादी करने का पूरा मन बना लिया है , अब तेरा क्या होगा आरोही मन ही मन बड़बड़ाई? " अगस्त्य : चाय में चीनी की ...Read More
इश्क तो होना ही था - 6
घर के बाहर ...... तेज गरज के साथ मूसलाधार बारिश होने लगी .... जिससे अगस्त्य भींग जाता है जो से फाइल्स लेने गया था । फाइल्स को कैसे भी बचा कर ले आया .... आरोही किचेन में थी ....डिनर की तैयारी कर रही थी । लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था क्या बनाऊं ? क्योंकि आरोही को अभी ज्यादा कुछ बनाने नही आता है । फिर सोचने लगती हैं क्या बनाऊं ?? अगस्त्य अपने ऊपर से पानी को अपनी हाथों की मदद से हटा रहा था । लेकिन बारिश की वजह से वो भींग चुका था तो ...Read More
इश्क तो होना ही था - 7
अगस्त्य जो कुछ घंटे पहले आरोही को अपनी नजरे उठा कर देखने से घबरा रहा था .... आरोही के मांगने के तरीके पर खुल कर हंसने लगा । आरोही भी कम थोड़ी थी अपना पैर पटकते हुए गुस्से में चली गई .....।।।। अगस्त्य: भोली और मासूम बच्ची के पीछे छिपी चेहरे पर भोलापन के साथ गुस्सा भी आता है । " मैने हंस कर कोई गुनाह कर दिया क्या ? खुद से बड़बड़ाया " पैर तो ऐसे पटक कर गई वो गुस्से में जैसे मैं कोई अपोजिसन पार्टी का कोई नेता हूं गंभीर होकर खुद से बोला । फिर ...Read More
इश्क तो होना ही था - 8
अगस्त्य देर न करते हुए पूछ लिया " अगर शादी करने के लिए मैं आया होता तो ? " अगस्त्य को घूर रही थी ......!!!! कुछ सेकेंड्स बाद " आप बोल तो ऐसे रहे हैं जैसे मैं विपक्ष दल की नेता हूं और आप हमें cm की कुर्सी का लालच देकर अपने पार्टी में शामिल करना चाहते हैं तंज कसते हुए बोली । " तो मैं आपको भी बता ही दूं उसूलों की पक्की हूं मैं । आप बरसात के मौसम में अदरक वाली चाय का आनंद लीजिए । वरना अभी जो आपके नाजुक हाथ में चाय से भरा ...Read More
इश्क तो होना ही था - 9
अगस्त्य : मेरे साथ जाने के बाद पता नहीं कौन सा तूफान लायेगी ये लड़की । पर कोई न..... भी इस तूफान को झेल लूंगा bed पर लेट कर सोच रहा था । हमारी दोस्ती आरोही के साथ हो जाए बस ।।।। लेकिन अगर उसने जाने से माना कर दिया तो सोचते हुए बड़बड़ाया और उठ कर बैठ गया। फिर भगवान को याद करते हुए , ऊपर की ओर देखते हुए अपनी आंखे बंद कर लेता है " कुछ ऐसा चमत्कार करना भगवान जी जिससे आरोही मेरे साथ पटना जाने को तैयार हो जाए । " फिर वापस बेड ...Read More