कुकड़ुकू

(1)
  • 5.3k
  • 0
  • 1.9k

इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से होती है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कुमार। दोनो ही बचपन से बहुत अच्छे दोस्त हैं, और वो दोनो भी खेती बाड़ी करते थे। खेती बाड़ी के साथ साथ सिद्धार्थ की एक किराने की दुकान भी है। संजय और सिद्धार्थ दोनो ही शादीशुदा थे। दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर हुई थी। असल मे वो दोनो दोस्त कम और भाई की तरह ज्यादा थे। उनके परिवार के बीच मे भी बहुत अच्छा रिश्ता था इसलिए दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर रखी गई। संजय की पत्नी का नाम अरूणा और सिद्धार्थ की पत्नी का नाम गीता था , दोनो दोस्तों की शादी हुए एक साल हो बीत चुका था। दोनो के घर मे जल्द ही बच्चे की किलकारियां सुनने को मिलने वाली थी।

1

कुकड़ुकू - भाग 1

भाग 1 – दोस्तों इस कहानी की शुरूवात झारखंड के खुटी जिले के छोटे से गांव पिटोरा टोली से है। इस गांव के लगभग सभी लोग खेती बाड़ी करते थे। इन्ही लोगों में एक है सिद्धार्थ यादव और दूसरा है संजय कुमार। दोनो ही बचपन से बहुत अच्छे दोस्त हैं, और वो दोनो भी खेती बाड़ी करते थे। खेती बाड़ी के साथ साथ सिद्धार्थ की एक किराने की दुकान भी है। संजय और सिद्धार्थ दोनो ही शादीशुदा थे। दोनो दोस्तों की शादी एक ही मंडप पर हुई थी। असल मे वो दोनो दोस्त कम और भाई की तरह ज्यादा थे। ...Read More

2

कुकड़ुकू - भाग 2

कुछ ही दिनों में स्कूल में गैदरिंग होने वाली थी। गौतम दौड़ने मे तेज था, वो हर साल दौड़ प्रतियोगिता मे अव्वल आता था। इस साल भी उसने पूरी तैयारी कर रखी थी। दूसरी तरफ भूमि ने पोएट्री कॉम्पिटिशन मे भाग लिया था। जहां गौतम दौड़ने मे तेज था, वहीं भूमि पोएट्री मे माहिर थी।जल्द ही गैदरिंग वाला दिन आ गया। बहुत से बच्चों ने अलग अलग खेलों मे भाग लिया था। गैदरिंग मे बच्चो के खेलों को देखने के लिए बच्चो के घर वालो को भी बुलाया गया था। गौतम और भूमि के मम्मी पापा भी आए हुए ...Read More

3

कुकड़ुकू - भाग 3

पिछले भाग मे....स्कूल गैदरिंग मे रघु के रेस जीतने की खुशी मे उसकी मां उसके लिए बाजार से मुर्गा आई। रघु को चिकन बहुत पसंद था। लेकिन जब उसके पापा को खेत से घर आने मे देरी हुई तो रघु उनसे नाराज होकर बैठ गया। जब रघु के पापा को उसकी नाराजगी का पता चला तो उन्होंने फटाफट उसके लिए चिकन बनाना शुरू कर दिया।अब आगे.....शाम के समय सुशील के पड़ोसी जो उसके घर के पास से गुजर रहे थे , उनमे से एक महिला रघु की मम्मी शांतिको आंगन मे बैठा देख उससे पूछती है , “अरे अरूणा...! ...Read More

4

कुकड़ुकू - भाग 4

रात मे खाना खाने के बाद रघु और उसके मम्मी पापा चैन की नींद सो गए। आधी रात मे बकरियों की चिल्लाने की आवाज आने लगी। आवाज सुनकर शांति और सुशील की नींद खुल गई। दोनो ने जब बाहर जाकर देखा तो कुछ जंगली कुत्ते एक बकरी को पकड़कर खींच रहे थे। सुशील ने पत्थर उठाया और कुत्तों को मारने लगा। लेकिन कुत्ते थे की वहां से भागने को तैयार ही नहीं थे। तभी सुशील का पत्थर एक कुत्ते को जा लगा। उसी समय सभी कुत्ते वहां से भाग गए।शांति और सुशील ने जब बकरी को देखा तो बकरी ...Read More

5

कुकड़ुकू - भाग 5

“रघु, आज स्कूल से आने मे इतनी देर क्यों हो गई?” रघु की मां ने रघु के देरी से पहुंचने पर पूछा। “अरे मां, वो शिल्पा है ना, उसके कारण देरी हो गई। उसने मुझे आम तोड़ने के लिए रोक लिया था। जिद पकड़कर बैठी थी की आम खाना ही है, तो मुझे तोड़कर देना पड़ा।” रघु ने अपनी मां से कहा। रघु की ये बात सुनकर शांति मुस्कुराने लगी और कहा, “अरे तुझे तो पता है ना की वो कितनी जिद्दी और नटखट है। चल छोड़, जाकर खाना खा ले। मैं तेरे पापा के लिए खाना लेकर जा ...Read More

6

कुकड़ुकू - भाग 6

दोपहर का समय हो रहा था। शांति, रघु, शिल्पा और जानकी भी मेले मे आ चुके थे। वो लोग और शेखर को ढूंढने लगे। कुछ ही देर बाद उन्हें शेखर की दुकान दिखाई दी। रघु ने जैसे ही देखा की उसके पापा के पास तीन मुर्गे हैं, वो भागता हुआ अपने पापा के पास गया और उन मुर्गों को देखते हुए पूछा, “पापा ये दो मुर्गे किसके हैं?” सुशील साफ देख पा रहा था की दोनो मुर्गों को देख कर रघु कितना खुश है। उसने रघु के सर पर हाथ फेरते हुए कहा, “अरे बेटा ये अपने ही मुर्गे ...Read More

7

कुकड़ुकू - भाग 7

घर पर पहुंचने के बाद शिल्पा अपने गुड्डे से खेलने लगी। वो गुड्डा पाकर बहुत खुश थी। “पापा देखो, टेडी बियर कितना प्यारा है।” शिल्पा ने अपना टेडी बियर वाला गुड्डा अपने पापा को दिखा कर मुस्कुराते हुए कहा। “अरे वाह, ये तो मैने देखा ही नहीं। ये तो सच मे बहुत प्यारा है।” शिल्पा के पापा ने उसका गुड्डा देख कर मुस्कुराते हुए कहा। इसके बाद वो घर के अंदर चला गए। घर के अंदर जाकर शेखर जानकी के पास बैठ गया। “अरे जानकी, आज मेले मे क्या क्या देखा?” शेखर ने जानकी से इतना पूछा ही था ...Read More