नक़ल या अक्ल

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शाम का समय है, सूरज डूबने के लिए तैयार प्रतीत हो रहा है, उत्तरप्रदेश के मालपुरा गॉंव में खेतों की मुँडेर पर किशन और सोमेश बैठे हैं । किशन तो आराम से ढलते सूरज की तरफ देख रहा है तो वही सोमेश पढ़ाई कर रहा है । हल्की रोशनी में किताब के अक्षर भी धुंधले होते नज़र आ रहें हैं, अब उसे किशन ने टोका, क्या करेगा, इतनी पढ़ाई करके? क्या मतलब की क्या करूँगा, अपने सपने पूरे करूँगा। पढ़ने से सपने पूरे हो जाते हैं? “हाँ और स्कूल में मास्टर भी यही कहते थें।“ अब उन्हें सामने से आता नन्हें दिखाई दिया, उसके हाथ में भी किताबें हैं । अब सूरज डूब चुका है, इसलिए सोमेश ने भी किताब बंद कर दीं। नन्हें यानी निहाल भी उनके साथ आकर मुँडेर पर बैठ गया । “क्यों किशन और सोमू तुमने कॉलेज के फॉर्म भरे दिए न ?” सोमू ने तो हाँ में सिर हिला दिया, मगर किशन ने कहा, "मैं अपने बाबा के खेतों में खेती करूँगा। मुझे आगे नहीं पढना ।“ दोनों ने फिर कुछ नहीं कहा “और सोमू कांस्टेबल बनने की तैयारी कैसी चल रही है?” “तैयारी तो ठीक है, मगर अभी बहुत पढ़ना है? “ “आप बताओ, आप तो सब इंस्पेक्टर बनने की तैयारी कर रहें हो ।“ “ हम्म !! भाई मेरी तो दौड़ रहीं है।

Full Novel

1

नक़ल या अक्ल - 1

1शर्त शाम का समय है, सूरज डूबने के लिए तैयार प्रतीत हो रहा है, उत्तरप्रदेश के मालपुरा गॉंव में की मुँडेर पर किशन और सोमेश बैठे हैं । किशन तो आराम से ढलते सूरज की तरफ देख रहा है तो वही सोमेश पढ़ाई कर रहा है । हल्की रोशनी में किताब के अक्षर भी धुंधले होते नज़र आ रहें हैं, अब उसे किशन ने टोका, क्या करेगा, इतनी पढ़ाई करके? क्या मतलब की क्या करूँगा, अपने सपने पूरे करूँगा।पढ़ने से सपने पूरे हो जाते हैं? “हाँ और स्कूल में मास्टर भी यही कहते थें।“ अब उन्हें सामने से आता ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 2

2 सपने सभी का घ्यान निहाल की तरफ है, किशन उसे लगातार उठने के लिए कह है और वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश भी कर रहा है, मगर उससे हिल भी नहीं जा रहा। अब गिनती की आवाज़ बढ़ती गई, 7 8 9 तो वह एकदम से उठा, और 10 फिर धड़ाम गिर गया। सभी तमाशाई ने तालियाँ बजानी शुरू कर दी। राजवीर ने सोनाली को देखा तो वह मुस्कुरा रही है, उसे निहाल पर तरस आ रहा है, मगर यह एक खेल था, जिसमे वो हार गया। राजवीर के पास एक सुन्दर शक्ल के ...Read More

3

नक़ल या अक्ल - 3

3 कौन झूलेगा?? बस वाले के ब्रेक लगाते ही चारों बस से उतर गए। सोमेश तो धीरे गॉंव की तरफ बढ़ने लगा, मगर निहाल वही रुककर सोनाली और रिमझिम से बात करने लगा, सोना ने उसकी तरफ देखते हुए कहा कि “क्यों, उस दिन की मार से तुम्हारा पेट नहीं भरा!!” नहीं यार !! मैं किसी से लड़ाई करने में विश्वास नहीं रखता, हाँ कोई मारे तो मैं जवाब लेने से भी पीछे नहीं हटता। फिर ऐसा क्यों कह रहे हों ? रिमझिम ने पूछा। आज मेले में आऊँगी तो देख लेना। उसने ...Read More

4

नक़ल या अक्ल - 4

4 पापी अभी वो लोग जा ही रहें हैं कि तभी सोना की चचेरी बहन मुग्धा आ गई, सोनाली का हाथ खींचकर उसे अपने साथ ले गई। राजवीर को सिर धुनते देखकर निहाल और उसकी मित्र मंडली भी हँसने लग गए। दोनों बहने एक झूले पर बैठकर बतियाने लगी। ] क्यों री ! उस राजवीर के साथ कहाँ जा रही थी? झूला झूलने जा रहीं थीं !! वो तो बड़ा खतरनाक झूला है। तभी तो खतरों के खिलाडी के साथ जा रही थीं। फिर उसने उसे शर्त वाली बताई तो वह बोली, “ओह ...Read More

5

नक़ल या अक्ल - 5

5 मारपीट राधा के बापू बृजमोहन अब किशोर के पास आकर खड़े हो गए, किशोर ने उनके पैर “बेटा यहाँ क्या कर रहें हो?” “जी! बस ऐसे ही नदी किनारे की घास देखने आया था, सोचा यहाँ भी थोड़ी हरियाली कर दो I” “ यह तो बहुत अच्छा काम कर रहें हो I” उसने उसकी तारीफ की और कुछ देर उससे बतियाकर वहाँ से चले गए I उनके जाते ही उसने नदी के पानी में छुपी राधा को आवाज लगाई I “राधा बापू चले गए, बाहर आ जाओ,” मगर राधा ने कोई जवाब नहीं दिया तो वह डर ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 6

6 पेपर निहाल के घरवाले उसका इंतज़ार कर रहें है, अब उन्होंने उसे फोन भी लगाया पर नहीं उठाया तो उन्हें उसकी चिंता होने लगी I सरला ने अपन पति लक्ष्मण प्रसाद को कहा कि वह निहाल के बारे में पता करें, अब उन्होंने उसके भाई किशोर को भेजा, वह पूरे गॉंव में घूमता हुआ उसे ढूंढने लगा, फिर सोमेश और किशन से पूछने के बाद, वह नंदन के घर गया तो उसने भी मना करते हुए कहा, “हम सब तो साथ निकले थें और वह गली के मोड़ तक निहाल के साथ थाI यह सुनकर तो ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 7

7 स्वांग कजल को पता ही नहीं चला कि कब निहाल ने उसकी बात सुन ली और सुनकर लगा जैसे किसी ने उसको आईना दिखाया हो। नंदन उसे सांत्वना देकर वहाँ से चला गया। उसके जाने के बाद उसका परिवार भी दिलासे देने लगा, “कोई बात नहीं नन्हें, इस बार नहीं तो अगली बार सही। माँ ने उसके सिर पर प्यार से हाथ रखकर कहा तो वहीँ बापू ने भी यही बात दोहराई कि पहले “सेहत ज़रूरी है, बाकी सब तो बाद में हो ही जायेगा।“ उसने किसी की बात का कोई ज़वाब नहीं दिया। रात को ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 8

8 ब्याह जब किशोर ने अपना नाम सुना तो डरते हुए अपना मुँह मोड़ा तो उसे सवालियां नज़रों रिमझिम उसकी तरफ देखती नज़र आई। उसने उसे घूरते हुए पूछा, किशोर! यहाँ क्या कर रहें हो और यह यह क्या हुलिया बना रखा है?? रिमझिम मदद करोगी ? उसने बड़ी ही विनम्रता से पूछा। सोनाली, निहाल और सोमेश वहीं पेड़ के नीचे बैठकर बतिया रहें हैं, अब सोना ने सोमेश से कांस्टेबल के पेपर की तारीख के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका पेपर इंस्पेक्टर वाले पेपर के ठीक दो महीने बाद है। ...Read More

9

नक़ल या अक्ल - 9

9 एडमिट कार्ड अब निहाल ने अम्मा बापू को समझाते हुए कहा, “वैसे भैया, ठीक कह रहें है उसके अम्मा बापू भी उसकी तरफ देखने लगेI “हाँ बापू, दिवाली से पहले घर में लक्ष्मी का आना सुबह शुभ शगुन होता है फिर अम्मा को भी रसोई के काम में मदद मिल जाएगी और पहली दिवाली पर घर में भैया के ससुराल से तोहफ़े का ढेर लग जायेगाI “ काजल ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाईI अब सरला सोचते हुए बोली, “वैसे नन्हें बात तो सही कर रहा हैI” उसके बापू भी सोच में पड़ गएI “ठीक है, ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 10

10 जुगाड़ “यह तो अच्छा नहीं हुआ, “ नन्हें ने अब परेशान होते हुए कहाI रिमझिम, सोना और को भी उसके लिए चिंता होने लगीI “एडमिट कार्ड के बिना तो वो एंट्री ही नहीं देंगे I” नन्हें के मुँह से यह सुनकर नंदन को अपनी करनी का पछतावा होने लगा, वो अब भी सोच रहा है कि वो इतना लापरवाह कैसे हो सकता हैI” “यार! मुझे नहीं लगता कि एडमिट बस में गिरा है, “ “आप कहना क्या चाहते हो?” सोमेश ने पूछा I “पता नहीं, मगर कहीं तो कुछ न कुछ गड़बड़ हैI” अब रिमझिम ने सोचते ...Read More

11

नक़ल या अक्ल - 11

11 मदद रिमझिम नाना की लकड़ी की दुकान पर बैठकर उनकी कहीं कल की बात के बारे सोच रही हैI वह सोच रही है, ‘ऐसा क्या हुआ था, मेरी माँ के साथ? नाना नानी मुझसे ज़रूर कुछ छुपा रहें हैं ।‘ तभी एक ग्राहक ने उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा, “ दीदी यह चौंकी कितने रुपए की है?” “ सौ रुपए की है ।“ उसने उससे पैसे लिए और चौंकी उसको पकड़ा दीं। निहाल कुछ देर तक सोचता रहा फिर उसके दिमाग में एक विचार कौंधा, उसने नंदन की तरफ देखते हुए कहा, “ हमें एडमिट ...Read More

12

नक़ल या अक्ल - 12

12 रिश्वत दोनों को अपने चेहरे की तरफ ताकते हुए देखकर, बाबू अपनी कुरसी से उठें और बोले, लड़कों बाहर चलते हैं”I अब वह उनके साथ बाहर आ गए, बस से आये हो ? नहीं सर, स्कूटर से !! अच्छा फिर जाओ और कोने में एक पान की दुकान है, वहाँ से मेरे लिए बढ़िया सा पान ले आओ, तब तक मैं निहाल के भाई से कुछ गुफ्तगू कर लूँ, अब नंदन ने स्कूटर उठाया और चल पड़ा, देखो !! बेटा किशोर, मैं अंदर भी बता सकता था, मगर अंदर कैमरे लगें हैंI ...Read More

13

नक़ल या अक्ल - 13

13 वक्त राजवीर और रघु उसे बहुत ध्यान से देख रहें हैं, अब वह उसे सवालियाँ नज़रों से हुए बोला, “यार! राजवीर यह सब क्या है? “ वही तो मुझे भी समझ नहीं आ रहा कि यह किसकी हरकत है, “ इतने में कुलचे वाला एक प्लेट और रखकर जाने लगा तो राजवीर ने उससे पूछा, “सुन भाई!! यह तुझे कहाँ से मिला?” उसने भी उसे ध्यान से देखा फिर सोचते हुए बोला, “कुछ दिन पहले एक लड़का और एक लड़की यहाँ पर छोले कुलचे खाने आए थें, उसी लड़के ने पकड़ा दिया था।“ “क्या तू उस लड़के ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 14

14 पुड़िया सोनाली को नन्हें के साथ पढ़कर इस बात का यकीन हो रहा है कि वह भी पेपर को पास कर सकती है I वहीँ रिमझिम के मन में यह बात, अब भी उफान मार रही है कि ‘उसकी माँ के साथ ऐसा क्या हुआ थाI उसे पता है, नाना नानी से तो पूछना बेकार है, वे दोनों उसे कुछ नहीं बताने वाले हैं, मगर फिर भी मैं तो पता करकर रहूँगीI’ वहीं दूसरी और राधा के माँ बापू को चिंता हो रही है कि शादी अगले महीने की बोल तो दी, मगर अभी इतना पैसा नहीं ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 15

15 रिश्ता टूटना सुबह गिरधारी चौधरी सैर करने के लिए बाहर जाने लगा तो उसने देखा कि का ताला ठीक से बंद नहीं हुआ, उसने अपने नौकर घनश्याम को बुलाकर पूछा कि यह सब क्या है? उसने देखा कि ताला ठीक से बंद नहीं हुआ है और हाथ लगाने पर एकदम खुल गया ह। उसने भी हैरान होते कहा, सरकार! मैंने तो ठीक से ताला बंद किया था, मैं तो खुद हैरान हो कि यह सब कैसे हुआ । “अब कोई भूत तो आ नहीं गए होंगे, कल से ध्यान रखियो समझा।“ यह कहकर वह ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 16

16 नकल किशोर को अब भी विश्वास नहीं हुआ, उसने राधा को कातर नज़रों से देखते हुए “पर तेरे माँ बापू ऐसा क्यों कर रहें है? “ बंसी काका ने बापू से दहेज़ नहीं माँगा है। उन्होंने कहा, बस शादी करकर एक कपड़े की पेटी के साथ लड़की दे दो। अब किशोर को सारा मांजरा समझ आ गया। राधा तू घबरा मत, मैं कोई चक्कर चलाता हूँ। तभी राधा को उसके बापू आते दिखाई दिए। “बापू”!! राधा बोली। उसने जल्दी से अपना मुँह गमछे से ढका और एक दर्जन केले पकड़ाकर वहाँ से चलता बना। ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 17

17 नकलचोर सभी अधिकारी नन्हें को गौर से देखने लगे तो वह भी घबरा गया। उन्होंने ज़मीन पर पर्ची उठाई और उससे पूछा, “मिस्टर निहाल, आप हमारे साथ बाहर आए। वह अपनी व्हील चेयर को खिसकाता हुआ उनके साथ बाहर आ गया। राजवीर और रघु नन्हें के पकड़े जाने पर मुस्कुराने लगे। वहीँ नन्हें से पूछताझ शुरू हो गई, अगर आपने और भी कही पर्ची छुपाई है तो हमें अभी बता दें। सर आप कैसी बातें कर रहें हैं। मैं मेरिट लाने वाला स्टूडेंट हूँ, मैं ऐसी हरकत क्यों करूँगा। तो फिर यह पर्ची? ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 18

18 वो तुम थे!!! उन्होंने उसे भी पेपर देने की अनुमति दे दीं। वह जल्दी से अपनी व्हील खिसकाता हुआ, अंदर जाने लगा। राजवीर और रघु ने उसे देखा तो उन्हें भी थोड़ी हैरानी हुई, मगर फिर समय की नजाकत को देखते हुए अपना पेपर करने लगे। निहाल के पास सवाल ज्यादा है और समय कम। उसे राजवीर पर गुस्सा आ रहा है, मगर अपने गुस्से पर काबू पाते हुए उसने अपना सारा ध्यान पेपर में लगाना ही बेहतर समझा। वह बड़ी तन्यमयता से पेपर करता जा रहा है। उसे उम्मीद है कि वह समय के रहते पेपर ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 19

19 नौकरानी राजवीर भागते हुए सोना के पास गया और उसे रोकने के बहाने से उसके सामने आकर हो गया। “सोन! पहले मेरी बात सुनो! फिर जहाँ जाना है, चली जाना क्योंकि तुम भी यह जानती हूँ कि मैं किसी के बाप से भी नहीं डरता।“ रघु और हरिहर भी वहीँ पहुँच गए। “तुम क्या कहना चाहते हो? “उसने उसे उस दिन छोले कुलचे के ठेले पर हुई सारी घटना बता दीं। “तुम सच कह रहें हो?” अब रघु भी बोल पड़ा, “यह बिलकुल सच कह रहा है, मैं भी उस दिन इसके साथ था।“ “तुम्हारे होने से ...Read More

20

नक़ल या अक्ल - 20

20 सच राधा ने जब देखा कि दोपहर को सब सोए हुए हैं तो उसने एक सेकंड भी करना ठीक नहीं समझा और अपनी छोटी बहन सुमित्रा को किसी सहली से मिलने का बोलकर घर से निकल गई। बड़ी सावधानी से छुपते छुपाते हुए वह वहाँ पहुँची तो उसने देखा कि किशोर अपने खेत में लगे पेड़ की छाँव में बैठा, उसी की राह देख रहा है। उसके मुँह पर घूँघट है। उसके पास पहुँचते ही उसने उसे गले लगा लिया। वह भी कुछ मिनटों तक उसके गले लगी रहीं, फिर उसकी आँखे भर आई तो किशोर ने ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 21

21 गोदाम अगली सुबह किशोर खेतों में बैठे सोच रहा है कि किस तरह दो लाख रुपए इंतज़ाम किया जाए, मगर उसकी बुद्धि साथ नहीं दे रही है। नन्हें अपने घर में किताबों से घिरा बैठा है, उसकी छोटी बहन काजल उसके पास आकर पूछती है, भाई !! अब तो पेपर हो गया, फिर क्यों पढ़ने में लगे हो। उसने मुस्कुराते हुए ज़वाब दिया। किताबों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। क्यों ? क्योंकि यह भी तुम्हें अकेला नहीं छोड़ती है। वो कैसे ? हम जब भी इन्हें पढ़ने बैठते है, ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 22

22 नाम गिरधारी गोदाम के अंदर गुस्से में घुसे तो उन्होंने देखा कि बिरजू बही खाते लिख रहा उसने मुंशी जी को घूरा तो वह शर्मिंदा हो गया। बिरजू ने बापू को देखा तो बोला, “बाबू जी हो गया काम।“ उसने बही खाते उसे पकड़ाते हुए कहा। उन्होंने एक नज़र बही खातों पर डाली और खुश होकर कहा, “बहुत बढ़िया। क्यों मुंशीजी?” मुंशी क्या कहता, उसने भी हाँ में सिर हिला दिया। “अच्छा! बिरजू तुम्हारे दोस्त कहाँ है?” “बाबू जी! वो तो मिलकर चल गए।“ ठीक है, तुम रात को घर आओंगे तो तुमसे कुछ बात करनी ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 23

23 आग किशोर घर पहुँचा तो देखा कि अम्मा शाम के खाने की तैयारी कर रही है और बहन काजल पढ़ाई में लगी हुई हैI वह अम्मा के पास बैठते हुए बोला, “अम्मा आज राधा के बापू मिलें थेंI” तो ?? कोई बात की उन्होंने? अब उसने अपनी जेब से दो लाख रुपए निकाले और उन्हें पकड़ा दिएI सरला हैरान हो गईI तुझे क्यों पकड़ा दिए ? वह दिल्ली जा रहें हैंI उनकी बहन बीमार है इसलिए घर नहीं आ सकते थें और फिर अपना बापू भी नहीं हैI वो तो आपसे मिलना ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 24

24 जान पहचान किशोर राधा राधा चिल्ला रहा है I तभी उसे नन्हें ने नींद से जगाते हुए “भाई क्या हुआ ? उठो! सब ठीक तो है न? “ किशोर एकदम से उठ गया I उसने माथे पर पसीना झलक रहा है, उसने आसपास देखा तो वह अपनी छत पर है I काजल और नन्हें उसे हैरानी से देखे जा रहें हैं I अब उसने सुराही में से पानी का गिलास भरा और एक ही साँस में पानी पी गया I जब उसे थोड़ा ठीक महसूस हुआ तो वह बोला, “मैं ठीक हूँ, वो एक बुरा सपना था ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 25

25 रेलवे ट्रैक नीमवती भी रिमझिम को देखें जा रही है, “ बेटा मुझे भी तुम्हारी शक्ल की याद दिला रही है।“ “किसकी?” उसने उसे हैरानी से देखते हुए पूछा, किसकी आंटी? थी मेरी एक सहेली, इसी गॉंव कीI उसकी आँखें नम हो गईI तभी रिक्शे वाले ने नीमवती को आवाज़ दींI बहन जी! चलना है तो बतायेँI आ रही हूँ, भैया? वह अब रिक्शे में सवार हो गई और थोड़ी देर में ही रिमझिम की आँख से ओझल हो गईI रिमझिम अब भी बेचैन सी इसी महिला के बारे में सोच रही ...Read More

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नकल या अक्ल - 26

26 प्यार सुनील अब ट्रैन में चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगा, “ मेरी बीवी ट्रैक के नीचे गई, मेरी बीवी को बचाओ!” लोग उसे चैन खींचने की सलाह देने लगें। मगर जिस डिब्बे में वो था, वहाँ ट्रैन की चैन काम ही नहीं करती थीं। वह सिर पकड़कर अपनी सीट पर ही बैठ गया। कुछ यात्री उसे घेरकर बैठ गए। भाईसाहब !! आपकी बीवी नीचे क्या करने गई थीं? उसे उल्टी आई और वह उसे करने के लिए नीचे गई और उसके बाद वो.... उसकी आवाज़ डर के मारे लड़खड़ा रही है। “हो सकता ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 27

27 मदद रिमझिम कुछ सेकंड्स तक उसके गले लगी रही फिर राधा को प्यार से अलग होते हुए यह नहीं हो सकता। क्या नहीं हो सकता? तू कहें तो मैं किसोर से बात करो। नहीं उसकी ज़रूरत नहीं है। क्यों ? क्योंकि निहाल सोना को प्यार करता है। अब राधा के चेहरे के हावभावऐसे हो गए, जैसे उसे रिमझिम का यह कहना समझ न आया हो। मैं कुछ समझी नहीं। इसमें न समझने वाली बात कौन सी है। वह हमेशा से ही सोना से प्यार करता है और मैं दोनों के ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 28

28 वजह तभी उन्होंने किशोर को आवाज़ लगाई, किशोर!! वह भागता हुआ गया और बुआजी के पैर छूता बोला, “राम! राम! बुआ जी।“ “राम! राम! मेरे बच्चे।“ उसने उनको गले लगा लिया और इतनी ज़ोर से गले लगा लिया कि बुआ जी का बैलेंस खराब हुआ और वह नीचे गिरने को हुई, यह देखकर लक्ष्मण प्रसाद उनकी और लपके तो वहीं किशोर भी उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ा और तभी उसका बापू वहाँ पहुँच गया और उनको संभाल लिया। “बहनजी ध्यान से।“ “अरे! लक्ष्मण तुमने बचा लिया, वरना मैं भी नन्हें की तरह पट्टी बाँधकर पड़ जाती। अब ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 29

29 गीत अब राजवीर ने उनको सोचते हुए देखा तो वह फिर बोल पड़ा, “मैं तुम्हारी मदद कर दूंगा और तुमसे कोई सवाल भी नहीं पूछूँगा अब तुम बापू से तो नहीं पूछ सकती, भाभी तुम्हारे हाथ नहीं आएंगी। भैया से तुम बात नहीं कर पाऊँगी इसलिए मैं ही तुम्हारी मदद कर सकता हूँ और एक फिल्म की ही तो बात है।“ रिमझिम पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हुआ। उसने सोनाली का फिर हाथ पकड़ा और उसे लेकर जाने लगी तो सोना ने उसका हाथ छुड़ाते हुए कहा, “ठीक है मैं फिल्म देखने चलूँगी।“ रिमझिम ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 30

30 धमकी रामलाल बड़ी सावधानी से बिरजू का पीछा करता जा रहा है, सोमेश और नंदन भी उसके हो लिए I इन सबसे बेख़बर, बिरजू बड़ी गति से अपने गंतव्य की ओर जाता जा रहा हैI वह गॉंव के अंतिम छोर में लगे नीम के पेड़ की तरफ जा रहा हैI “भैया! यह मांजरा क्या है?” “मुझे भी वहीं समझ में नहीं आ रहा कि आख़िर मांजरा क्या हैI” नंदन ने धीरे से ज़वाब दियाI अब बिरजू उस पेड़ के पास पहुँच गया तो वह रामलाल एक कोने में दुबका उसे देखकर सोचने लगा, ‘बिरजू! आज तेरी पोल ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 31

31 तरकीब अगली सुबह किशोर को हल्दी लगाई जा रही है, हल्दी लगाते समय घर की औरते ब्याह के गीत गा रही हैंI उसके बापू ने पंडित जी को घर बुलाया हुआ हैI “बारात आज शाम बजे तक पहुँच जानी चाहिएI और तीन बजे की डोली का समय हैI” पंडित जी ने अपनी पोथी में देखते हुए लक्ष्मण प्रसाद को कहाI “गर्मी की वजह से शाम का समय ही ठीक है” उन्होंने यह कहते हुए हाँ में सिर हिला दिया I किशोर को जब यह पता चला तो वह सोच में पड़ गया, “यह तो बहुत ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 32

32 सात फेरे जब बुआ जी को निहाल ने दोबारा आवाज लगाई तो एक बड़ी मरमरी सी आवाज़ लोगों तक पहुँची, “मैं यहाँ हूँ”, निहाल फिर चिल्लाया, “बुआ जी!!” वह अब खुद को संभालती हुई बाथरूम से निकली और बोली, “यह दस्त बहुत परेशान कर रहें हैं, तुम लोग जाओ, अभी मुझसे नहीं जाया जायेगा, मैं बाद में आती हूँ, बहनजी कोई दवाई लाकर दे दें?” “थोड़ा ज़ीरा और नमक दे दो” I सरला जल्दी से रसोई में गई और उनके लिए जीरा और नमक ले आई फिर पानी का गिलास उन्होंने सुराही से निकाला और उसे देते ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 33

33 डर सोमेश घर पहुँचा तो उसने देखा कि बुआ जी चारपाई पर आँख बंदकर लेटी हुई हैI ने उन्हें हल्के हाथ से हिलाते हुए कहा, “बुआ जी !! चाचा जी शादी में बुला रहें हैं I बुआ जी तो अपनी सुधबुध में ही नहीं है, उन्हें तो कुछ सुनाई नहीं दे रहा है इसलिए उन्होंने कुछ नहीं कहा तो वह ज़ोर से बोला, “बुआ जी! चाचा जी शादी में बुला रहें हैI” अब बुआ जी ने आँख खोली और उसे देखते हुए बोली, “मैं पैदल नहीं जा सकतीI” “कोई नहीं बुआ जी, मैं रिक्शा लेकर आया ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 34

34 विदाई सरला ने पार्वती के मुँह से दहेज़ न देने की बात सुनी तो वह कुछ बोलने वाली थी कि तभी किशोर बोल पड़ा, “दहेज़ का क्या है, वह तो आता जाता रहता है,” अब उसने पंडित जी को आवाज़ लगाई, जो इस समय मीठे पान का आनंद ले रहें हैं। “पंडित जी विदाई का मुहूर्त तो नहीं बीता जा रहा है।“ पंडित जी को जैसे होश आया, “वह जल्दी से वर-वधू के पास पहुँचे और तपाक से बोले, “हाँ बेटा, लक्ष्मण प्रसाद जी अब विदाई करवाए, शुभ घड़ी का निकलना ठीक नहीं है।“ सरला ने मुँह ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 35

35 फिल्म किशोर जब उनके पास आकर खड़ा हो गया तो उसके बापू ने तेज़ आवाज़ में पूछा, किशोर !! बुआ को क्या पिलाया था?” वह थोड़ा हड़बड़ा गया, मगर फिर अपनी घबराहट पर काबू पाते हुए बोला, “वहीं पिलाया था, जो सब पी रहें थें। नारंगी का शरबत !!” “जीजी! वह तो हमने भी पिया था।“ अब सरला बोल पड़ी, “फिर बुआ जी ने नरम आवाज में कहा, "छोड़ो! जो हो गया, सो हो गया, छोरे को सोने के लिए जाने दो, बहू इंतज़ार कर रही होगी।“ अब जब बुआ जी ने ही हथियार डाल दिए तो ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 36

36 पेपर क्लियर नन्हें थके कदम से सोमेश के पास वापिस आ गया, उसका उतरा हुआ मुँह देखकर ने पूछा, भैया, क्या हुआ? किताब नहीं मिली? किताब तो मिल ही जाएगी, पर लगता है कुछ और खो गया है । क्या !! यही तो समझ नहीं आ रहा, । भैया खुलकर बतायें, ऐसे पहेलियाँ नहीं बुझायें। तभी नंदन भी वही आ गया और नन्हें को गंभीर देखते हुए बोला, “कुछ हुआ है क्या?” पता नहीं, यह भैया, क्यों अजीब-अजीब सी बातें कर रहें हैं । अब वह भी नन्हें की तरफ देखने ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 37

37 फिल्म नन्हें बेचैन मन से नंदन का ही इंतज़ार कर रहा है। वह बार बार दरवाजे के जाकर देखता कि नंदन अभी तक आया क्यों नहीं। उसे इस तरह देखकर किशोर ने उससे पूछा, “क्या बात बात है?” मगर उसने उसकी बात को टाल दिया। उसने उसे फ़ोन भी किया मगर नंदन का फ़ोन बंद आ रहा है, उसने उसके घर जाने की भी सोची, मगर फिर रुक गया। “मुझे नहीं लगता इस गधे से कुछ होगा।“ उसने चिढ़ते हुए मन ही मन कहा। सोनाली ने घड़ी देखी तो दस बजे हैं, अब उसने जीन्स के ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 38

38 पुलिस फिल्म देखते वक्त सोना सोच रही है कि “बड़ी देर हो गई राजवीर नहीं आया, पता कहाँ रह गया,” वह काफी देर तक दरवाजे की तरफ देखती रही, मगर वह नहीं आया तो वह पिक्चर देखने में मग्न हो गई । किशोर और राधा ने अपने माँ बाप से आशीर्वाद लिया और राजू ट्रेवल की वैन बैठकर बस अड्डे की तरफ निकल गए। आज वे दोनों नैनीताल जा रहें हैं । दोनों के चेहरे पर एक दूसरे के होने की ख़ुशी साफ़ झलक रही है। अब सोना ने देखा कि हाथ में ट्रे ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 39

39 बेचैन “अरे ! भाई ! मेरी बात तो सुनो।“ “अगर बापू को पता चल गया तो मेरी ही खत्म कर देंगे। पता नहीं, यह किसकी हरकत की और वो सोनाली मुझे छोड़कर भाग गई।“ वो लोग उसे खींचते हुए सिक्योरिटी गार्ड के पास ले जा रहें हैं और वो पसीना पसीना हो रहा है। जब सिक्योरिटी के पास राजवीर को ले जाया गया तो उन्होंने उससे तरह-तरह के सवाल पूछे और उसने उनके सवालों का ज़वाब भी दिया, मगर जब राजवीर को लगा कि बात पुलिस तक पहुँचने वाली है तो वह एक सिक्योरिटी वाले को अपने ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 40

40 दोस्त अब सोनाली और आख़िरी मकान के पास खड़े हैं और यह देखक दोनों ही हैरान है कि मकान के बाहर ताला है, अब रिIमझिम का मुँह उतर गया, उसने हताशा से माथे पर हाथ फेरते हुए कहा, “यार !! यह सब क्या है?” “तू परेशान मत हो, हम आसपास पता करते हैं।“ अब दोनों ने आसपड़ोस में पूछा तो उन्होंने बताया कि “ये लोग कुछ दिनों के लिए बद्रीनाथ की यात्रा पर गए हैं, दरअसल नीमवती की माँ सरगम ने बद्रीनाथ पर जाने ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 41

41 सच निहाल और नंदन ने उन्हें घूरकर देखा तो वह कोई और नहीं बल्कि अंकुश और अंकुर गुस्से में उबलते हुए दोनों उनके पास गए, उन्हें यूँ अचानक आया हुआ देखकर, अंकुश थोड़ा हैरान हुआ और बोला, “नन्हें तू ? तेरा पैर ठीक है?” “मेरा तो ठीक है पर अब तेरा ज़रूर खऱाब हो जायेगाI” इतना कहते ही नन्हें ने उसका कॉलर पकड़ लिया तो वह घबरा गया I “अरे!! नन्हें यह क्या कर रहा हैI” अब अंकुर भी बोल पड़ा तो उसे नंदन ने घेर लिया, “क्यों रे!! दोस्ती के नाम पर इतनी बड़ा धोखा, मेरा ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 42

42 घर सबने देखा कि ज्योति खड़ी है, ज्योति की आँखों में आँसू और चेहरे पर गुस्सा ज्योति को इस तरह अचानक आया देखकर सभी हैरान है। अब नन्हें से रहा नहीं गया तो उसने ज्योति से पूछा, ज्योति क्या वो लड़की तुम हो? हाँ मैं हूँ। उसने पूरे विश्वास के साथ कहा, मगर अंकुश उसकी तरफ गुस्से में दौड़ा तो निहाल ने उसे हाथ उठाकर वहीं रुकने के लिए कहा तो वह वही से चीखने लगा, “यह क्या बकवास कर रही हो, तुम्हें अच्छे से पता है कि यह सच नहीं है।“ यही ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 43

43 थप्पड़ बिरजू नशा करकर अपनी ही दुनिया में खोया हुआ है, इस बात से बेख़बर कि उसका सुधीर मुंशी के साथ उसे इस हाल में देखने आ रहा है। दरअसल जमींदार ने तो मुंशी के साथ जाने से मना कर दिया और उन्होंने सुधीर को भेज दिया, मुंशी भी बड़ी फुर्ती से उसको अपने साथ ला रहा है। अब जब वो गोदाम के पीछे कुएँ के पास पहुँचे तो उन्हें बिरजू कहीं दिखाई नहीं दिया। उन दोनों ने अच्छे से आसपास देखा, मगर फिर भी वह नहीं मिला और जब गोदाम के बाहर ताला देखा तो सुधीर ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 44

44 खुश बिरजू अपने सामने अपने बापू गिरधारी को देखकर चक्कर खाकर गिर गया, गिरते समय उसके मुँह निकला, “बापू!!!” उसके बापू ने उसके मुँह पर एक ज़ोरदार चाटा मारा और उसके हाथ से पैकेट छीन लिया। फिर गिरधारी के कहने पर उसके नौकर जुनैद को उसके घर छोड़ आए और बाकी नौकरों ने बिरजू को उठाकर आँगन में लिटा दिया और गिरधारी ने डंडे से उसे मारना शुरू कर दिया, नशे में बिरजू की चीखें भी सिर्फ उतनी निकली, जितनी उसके घरवाले सुन सकें। राजवीर अपने भाई बिरजू से लिपट गया तो वहीं सुधीर ने बापू का ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 45

45 ख़ुदख़ुशी आधी रात का समय है, पूरे गॉंव में सन्नाटे की चादर पसरी हुई है। सिर्फ कुछ के भोंकने की आवाज़ आ रही है। आसमान बादलों से घिरा हुआ है। चाँद भी बादलों की ओट में छिप चुका है। छत पर सोते बिरजू को नशे की पुड़िया न मिलने की वजह से परेशानी हो रही है। कई देर तक बेचैनी से वह करवट बदलता रहा, फिर उससे रहा नहीं गया तो उसने जग्गी को फ़ोन घुमाया, पहले तो काफी देर तक घंटी बजती रही, फिर जब वो फ़ोन काटने लगा तो जग्गी ने फ़ोन उठा लिया। जग्गी ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 46

46 वजह कुछ सेकंड चलने के बाद, बिरजू को खुद पर ग्लानि होने लगी, बारिश की बूंदे उसके में उत्पन्न नकारात्मक विचारों को धोने लगी। “उसे उस लड़की को बचाना चाहिए।“ यह ख्याल आते ही वह दौड़ता हुआ गया और नदी में कूद गया। उसने पानी के साथ बहती निर्मला का पीछा किया, वह उसकी ओर तेज़ी से तैर रहा है, अब निर्मला का दुप्पटा उसके हाथ में आ गया, मगर वो बहती जा रही है। बिरजू ने भी अपने तैरने की गति बढ़ा दी और किसी तरह निर्मला के एक हाथ को पकड़ लिया, मगर वह फिर ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 47

47 हिम्मत निर्मला का ध्यान अब भी बिरजू के चेहरे की तरफ है, जब कुछ देर की ख़ामोशी बाद, उसने ज़वाब नहीं दिया तो उसने फिर पूछा, “बताओ न तुम क्यों मरना चाह रहें हो?” बिरजू को महसूस हुआ कि इतने महीनो बाद, किसी को अपना हाल-ए-दिल बताने का दिल कर रहा है इसलिए उसने बोलना शुरू किया, जमुना को जानती हो? कौन जमुना? वह अब अपने दिमाग़ पर ज़ोर देने लगी। सेठ करोड़ीमल की बेटी, जो गॉंव के बिलकुल बाहर रहते हैं। हाँ वही !!!! वह उसकी तरफ सवालियां नज़र से देखने लगा। ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 49

49 परिचित राजवीर फ़ोन उठाकर बोला, “हेल्लो !! हेल्लो !!” मगर उस तरफ से आवाज नहीं आई एकदम से फ़ोन कट गयाI “लगता है भाई!! आपके दोस्तों को मेरी आवाज पसंद नहीं आईI” “इसके दोस्त बड़े काम के है!!!” जमींदार चिढ़कर बोलाI बिरजू ने कोई ज़वाब नहीं दियाI “सुन बिरजू !!! अगर तेरे दोस्त ऐसे ही तुझे तंग करते रहें तो मैं तेरा यह फ़ोन भी ले लूंगाI समझाI” रात को बारिश होने की वजह से गॉंव में कोई भी छत पर नहीं सो पायाI बिरजू ने अपने कमरे में बिस्तर पर लेटे लेटे अपने ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 48

48 बारिश इससे पहले निर्मला अपने बापू की बात का ज़वाब देती, उससे पहले ही उसका भाई गोपाल पड़ा, “अरे!!! बापू बारिश की वजह से सारे रास्ते बंद है, स्टेशन भी बंद कर दिया गया है। अभी रहने दें, कोई फायदा नहीं है ।“ निर्मला के चेहरे पर ख़ुशी झलकने लगी। उसने जल्दी से झाड़ू लगाया और फिर नाश्ता बनाने रसोई में चली गई। उसके बापू ने गोपाल को कहा कि “ सुनील को भी यह बात बता दें।“ वह भी अपने जीजा को फ़ोन करने लग गया। राधा भी काजल के साथ आंगन में जमा ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 51

51 न्याय रिमझिम की आँखे भी आसुँओ से तर हो गई, उसने अपने आँसू पोंछते हुए सवाल इसका मतलब मेरी माँ को न्याय नहीं मिला? अब इन सब बातों का क्या फायदा, मैं तो हरो रोज़ भगवान से यही प्रार्थना करती हूँ कि मेरी सुजाता की आत्मा जहाँ कही भी हो, शांति से रहें I ` मौसी मुझे नहीं लगता माँ को शांति मिली होगी I नीमवती ने एक गहरी साँस लीं और बोली, “वो तुम्हारी तरक्की देखकर खुश होगी I” उसने उसके सिर पर हाथ फेरा I उसने भी कातर नजरों से ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 50

50 गज़ब नीमवती के घर का दरवाजा खुला तो रिमझिम ने देखा कि उसकी उम्र के आसपास की ने दरवाजा खोला है, “जी कहिए!! मेरा नाम रिमझिम है, मैं नीमवती जी से मिलना चाहती हूँ।“ उस लड़की ने उसे गौर से देखते हुए पूछा, “बताओ !!! क्या बात है?” “उन्हीं को बता पाऊँगी।“ अब वह उसे अंदर एक कमरे में ले गई। जहाँ पर नीमवती पलंग पर मुँह मोड़कर लेटी हुईहै। “अम्मा! तुमसे कोई मिलने आया है।“ “मुझसे?” उसने अब अपना मुँह अपनी बेटी की तरफ किया और उस लड़की की तरफ देखा तो दोनों एक दूसरे को ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 52

52 चक्कर रिमझिम ने बात घुमाते हुए कहा, नानू कॉलेज बंद है, मगर लाइब्रेरी खुली हुई पर लाइब्रेरी भी तो कॉलेज के अंदर आती है। लेकिन स्टूडेंट्स के लिए लाइब्ररी शाम तक खुली रहती है। अच्छा मुझे बहुत भूख लगी है। यह कहकर वह रसोई में चली गई। सोनाली वही नदी के किनारे बैठ गई। उसे बुरा लगा रहा है कि नन्हें ने उससे ऐसे बात की, कुछ देर ऐसे अकेले बैठने के बाद, उसने खुद को समझाते हुए कहा, “जाए भाड़ में, मैं कोई उसके लिए मरी जा रही हूँ। सिर्फ दोस्त ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 53

53 डर हरीश से मिलकर लौटते वक्त मधु अपनी सहेली उषा से मिली, उसने उसको सारी बताईI उषा ने उसे डाँटते हुए कहा, तुझे कितनी बार समझाया था कि उसके साथ कोई रिश्ता मत रख, वह उजड़, बेकार और जाहिल इंसान कभी तेरे प्यार के लायक नहीं थाI ऐसे मत बोल, यार !!! तुझे पता है कि मैं और वो एक दूसरे से कितना प्यार करते हैंI “यही तो तू गलती कर रहीं है, वो एक नंबर का धोखेबाज़ है, इतना ही प्यार था तो तुझे छोड़कर क्यों भागा था. मुझे पता है, ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 54

54 कौन है? सोना ख़ुशी से चिल्लाते हुए अपने बापू के पास गई और बोली, “जीजो! कैसे हो आप कब आए?” अरे! साली साहिबा !!! अभी तो पहुँचा हूँ और बापू जी मुझे इधर लेकर आ गए।“ अब बापू ने उसे वहाँ बिछी कुर्सी पर बिठाया, तभी सोना निर्मला को खींचते हुए सुनील के पास लेकर आ गई। उसने बिरजू को बड़ी बेबसी से देखा । बिरजू ने सुनील को बहुत बुरी तरह घूरा, उसका मन किया कि वह एक ज़ोरदार घूँसा उसके मुँह पर मार दें। सुनील ने निर्मला को देखकर कहा, “आज तो बड़ी जँच रही ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 55

55 थप्पड़ अब नन्हें ने उस शख्स को देखकर ख़ुश होकर कहा, कमलेश तू? और फिर गले मिल गए, फिर कमलेश ने नंदन को भी गले लगा लिया। तू तो गायब ही हो गया था। हाँ नन्हें, बस काम में बिजी हो गया था । तू इंस्पेक्टर लग गया? नंदन ने पूछा। मैं तुम लोगों से दो साल सीनियर था, लगना तो था ही। “बधाई हो, भाई ।“ अब दोनों ने उसे फिर गले लगा लिया । चल बैठते है । कमलेश ने कहा । घर चल तेरी खातिरदारी ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 56

56 धोखा अब उसके बापू ने किशोर को घूरते हुए कहा, “तू बता रहा है सच या मैं उसने कोई ज़वाब नहीं दिया, फिर लक्ष्मण दास खुद ही बोल पड़े, “ठीक है, अगर तू नहीं बता रहा तो मैं बता देता हूँ।“ अब उन्होंने सबको देखते हुए कहा, “बैंक में दो लाख साठ हज़ार रुपए थें, इसने मेरे हस्ताक्षर किये और रुपए निकाल लिए। फिर कुछ घंटो बाद, यह फिर वही रुपए जमा कराने आ गया। अब उन दो लाख में से कुछ इसकी शादी और खेतों के लिए पाइप खरीदने में खर्च हो गए। अब पूछे ...Read More

57

नक़ल या अक्ल - 57

57 बरबाद कुछ सेकण्ड्स तक निहाल रिमझिम को देखता रहा, तो वह मुस्कुराते हुए बोली, “ऐसे क्यों देख हो?” “तुम्हारे मन में क्या चल रहा है, रिमझिम?” “कुछ तो चल ही रहा है, नन्हेंI” उनको इस तरह बात करते सोना ने भी देख लिया और कहीं न कहीं उसे बुरा भी लगा कि नन्हें उसे अनदेखा कर रिमझिम से कुछ ज़्यादा ही बतिया रहा है पर उन दोनों की बातचीत अब भी ज़ारी है, “बताओ न रिमझिम” नन्हें ने उससे ज़ोर देकर कहा, अब इससे पहले वो कुछ बताती उसे कुछ काम याद आ गया और वो ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 58

58 नई मंजिल सुबह सात बजे की ट्रैन से गिरधर, गोपाल को लेकर कानपुर के लिए रवाना हो गोपाल ने उन्हें समझाया भी कि ‘जब निर्मला दीदी वहाँ नहीं जाना चाहती तो फिर कानपुर जाने का फायदा ही क्या हैI’ उन्होंने उसे झिड़कते हुए कहा, ‘कल को लोग क्या कहेंगे!!! कि अम्मा नहीं थी इसलिए बाप ने बच्चो का घर बसाने की कोई कोशिश नहीं की I’ यह सुनने के बाद गोपाल से अब कुछ कहा नहीं गया I दोपहर बारह बजे के बाद, जब निर्मला बिरजू के कैफ़े में कम्प्यूटर सीखने आई तो उसका मुँह लटका ...Read More

59

नक़ल या अक्ल - 59

59 पैसे गिरधर ने सोना और गोपाल को कहा कि “वे दोनों निर्मला को कुछ न बताये, एक बाद, उसे सब बता देंगे और अगर किसी ने उसे कुछ बताया तो मुझसे बुरा नहीं होगा I” उसने दोनों को आँखे दिखाई तो वे दोनों झेंप गएI निर्मला ने अपने कपड़ें ठीक किये और बिरजू के गले में बाहें डालती हुई बोली, “इस बार सावन सूखा सूखा नहीं गया I” अब दोनों एक बार फिर एक दूसरे के अधरों का रसपान करने लगें फिर निर्मला ने उससे अलग होते हुए कहा, “अच्छा मैं चलती हूँI” वह अब उस ...Read More

60

नक़ल या अक्ल - 60

60 सोच निहाल ने अपन पिता से बहुत पूछा तो उनको बताना पड़ा, “उन्होंने बड़े ही आराम से बात का ज़वाब देते हुए कहा, “मैंने अपनी ज़मीन का एक टुकड़ा जमींदार गिरधारी चौधरी के पास गिरवी रख दिया।“ “क्या !!! “नन्हें को अभी भी अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने गुस्से में कहा, “बापू आप अभी जाए और वापिस करें यह पैसे, मुझे ऐसी कोई कोचिंग नहीं करनी है।‘ उसके बापू ने उसे समझाते हुए कहा, “ नन्हें, ठन्डे दिमाग से मेरी बात सुन !!! बेटा!! हमे तुझसे बहुत उम्मीदे हैं, और हम तेरे ...Read More

61

नक़ल या अक्ल - 61

61 आशिक करीब तीन-चार घण्टे के सफर के बाद, नन्हें और नंदन उस कमरे में पहुँचे, जहाँ उन्होंने किराए पर लिया हुआ था, उनकी कोचिंग ग़ाज़ियाबाद के साहिबाबाद इलाक के पास थी, इसलिए उन्होंने वही रहना उचित समझा एक बड़े से कमरे में एक तरफ रसोई और बाथरूम बने हुए हैं। दोनों ने अपने कपडे और किताबें अपने सूटकेस से निकाली और उसे कमरे में लगी लकड़ीकी अलमारी में रखने लगें। दोनों ने अपने घर पर फ़ोन करकर बता दिया कि वे लोग ठीक से पहुँच गए हैं। उनके माता पिता को भी यह सुनकर तस्सली हुई। ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 62

62 कोचिंग मधु उस पर चिल्लाकर बोली, हरीश क्या कर रहे हो? हरीश ने गुस्से में दाँत भींचते कहा, क्या बात है, जब भी बुलाता हूँ कोई न कोई बहन बना देती है। डॉक्टर ने मुझे चलने फिरने के मना किया है, उसने दबी आवाज में कहा तो उसने उसे छोड़ दिया और बालों में हाथ फेरते हुए बोला, यह ड्रामा कब तक चलेगा? जब अगली बार डॉक्टर के जाऊँगी, तब जाकर पता चलेंगा। उसने बीज उठाए और वहाँ से चला गया। मधु ने चैन की सांस लीं । “उषा सही कहती है, मुझे ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 63

63 शहर अब नंदन और निहाल ने एक दूसरे को देखा तो नंदन बोल पड़ा, “बस इसकी कमी नन्हें ने भी हाँ में सिर हिला दिया। तभी सर ने पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?” उसने ज़वाब दिया, “राजवीर।“ अभी वो घुसा ही था कि उसके पीछे रघु भी अंदर आ गया। “गुरु चेला दोनों साथ ही आए हैं।“ निहाल धीरे से बुदबुदाया। राजवीर और रघु एक कोने वाली सीट पकड़कर बैठ गए और फिर से सर ने पढ़ाना शुरू कर दिया। निर्मला छत पर कपड़े सूखा रही है, तभी सोनाली उसके पास आकर खड़ी हो गई। निर्मला ...Read More

64

नक़ल या अक्ल - 64

64 किसका बच्चा? उसके ज़ोर से चिल्लाने पर वह बोली, “इतनी ज़ोर से क्यों चिल्ला रही है?” मुड़कर देखा तो सामने सोना खड़ी है I “सोना तू !!” अब उसने उसे गले लगा लियाI” “तू कब आई? और अंदर कैसे आई? जब आख़िरी बार तुझसे बहस हुई थीं तब तू कह रही थी कि बापू नहीं मान रहें I” “अरे!! यार बताती हूँI पहले, साँस तो ले तू I” वह दोनों वही बिछे पलंग पर बैठ गई I “मैं दो घटे पहले आई, गोपाल छोड़ गया I तेरे कमरे में ताला था तो पहले तुझे फ़ोन ...Read More

65

नक़ल या अक्ल - 65

65 जवाब अब उसने गुस्से में हरीश की कमीज का कॉलर पकड़ते हुए कहा, तुम घर के घुसे कैसे थें ? छत से, वह घबराकर बोला। अब वही से वापिस जाना, मैं बापू जी को जाकर देखती हूँ। तभी वह बाहर गई, उसने अपना चेहरा घूँघट से ढका और उनसे पूछा, जी बापू जी !!! बेटा यह फल लाया हूँ, इन्हें पानी में डाल दें। उसने हाथ से फल लिए और रसोई की तरफ जाने लगी, मगर जमींदार वहीं आँगन में चारपाई पर बैठ गया। मधु की तो साँसे अटक गई, अब थोड़ी ...Read More

66

नक़ल या अक्ल - 66

66 बेवफाई सुधीर ने हरीश को घूरते हुए फिर पूछा, “साँप सूंघ गया क्या !!” “यहाँ क्या कर है ? और छत पर क्यों जा रहा है? “ “साहब खेतों के लिए औज़ार लेना आया था। भाभी जी ने कहा, छत पर देख लो, इसलिए ऊपर जा रहा था।“ बोलते हुए उसकी जबान लड़खड़ा रहीं है। सुधीर ने मधु की तरफ देखा तो उसने नज़रे नीची रखते हुए कहा, “मुझे क्या पता कहाँ है, औज़ार, मैंने कहाँ छत पर देख लो।“ “छत पर कुछ नहीं है, वो पीछे वाले कमरे में रखें हैं, मैं कल सुबह ले आऊँगा।“ ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 68

68 किडनी किशोर अस्तपताल गया तो उसने देखा कि बृजमोहन और पार्वती हॉस्पिटल की वार्ड के बाहर बैठे हैं, वह हड़बड़ाता हुआ आया और बोला, क्या हुआ बापू जी? दो तीन दिन पहले उल्टियाँ आ रही थी, हमें लगा कि कोई खुशखबरी है। मगर जब हालत ज़्यादा ख़राब हो गई तो डॉक्टर के पास ले आए। डॉक्टर ने कहा, हॉस्पिटल में एडमिट करवाओ। अब डॉक्टर उसकी जाँच पड़ताल कर रहें हैं। तभी उन्हें डॉक्टर में अपने केबिन में बुलाया। डॉक्टर सब ठीक तो है? किशोर ने चिंता जाहिर की। मेरी मानिये आप इन्हें दिल्ली ...Read More

68

नक़ल या अक्ल - 67

67 बीमार अब इंस्पेक्टर ने निहाल को घूरते हुए कहा कि “क्यों रे !! तुझे ज़्यादा चर्बी चढ़ी उसने कोई ज़वाब नहीं दिया पर इंस्पेक्टर ने सबको देखते हुए बोलना ज़ारी रखा, “वैसे तुम सब लोग इंस्पेक्टर बनने की तैयारी कर रहें हो और हरकते तुम्हारी गुंडों जैसी है, इससे अच्छा तो वापिस अपने गॉंव जाओ, और खेतीबाड़ी देखो। अब सबने मुँह नीचे कर लिया। “अपने माँ बाप को फ़ोन करकर बुलाओ, अभी के अभी ।“ यह सुनकर सबको मानो जैसे साँप सूंघ गया। निहाल ने हाथ जोड़कर कहा, सर, माता पिता को मत बुलाए, अगली बार ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 69

69 बहू कहाँ है? डॉक्टर ने किशोर और राधा के माँ-बापू का मायूस का चेहरा देखा वह ऐसे घबराने से कुछ नहीं होगा, हम भी कोशिश करेंगे, आप भी करिए। अपने गॉंव जाए, लोगों से बात करें, क्या पता कोई राजी हो जाए। यह सुनकर वे लोग डॉक्टर के केबिन से निकले और बाहर बिछे बेंच पर आकर बैठ गए। तभी पार्वती बोली, “सुनो !! जी मैं तो कहती हूँ कि आप और दामाद जी गॉंव जाए, मैं राधा के पास रुकती हूँ।“ किशोर भी उसकी बात से सहमत हो गया और बृजमोहन के साथ ...Read More

70

नक़ल या अक्ल - 70

70 शादी निर्मला की साँस ममता की अब त्योरियाँ चढ़ गई, वह गुस्से में बोली, “भाईसाहब सच्चाई बता नहीं देते कि आपकी बेटी घर से भाग गईI” गिरधर यह सुनकर शर्मिंदा हो गए, उन्होंने बात को संभालते हुए कहा, “भागी नहीं है, कहीं चली गई।“ अब ममता ने मुँह बनाते हुए ज़वाब दिया, जो भी है, लछण तो आपकी बेटी के सही नहीं लग रहें हैं और दोष हमारे बेटे को दे रही है।“ अब वे अपनी कमर पकड़कर उठी और सुनील के साथ साथ अपने पति और छोटे बेटे को देखते हुए बोली, “चलो सुनील!!! गलत घर ...Read More

71

नक़ल या अक्ल - 71

71 लोमड़ी सोनाली ने राजवीर की बात सुनकर हँसते हुए कहा, ”तुम्हारा दिमाग ठीक है।“ क्यों, तुमने कहा था कि मैं किसी पुलिसवाले से ही शादी करूँगी। तुम पुलिस वाले बन गए हो? हाँ बहुत जल्द बन जाऊँगा । पेपर कुछ ज़्यादा अच्छा चल गया। सोना फिर हँसी । “अरे! पेपर तो मुझे पूरा पता था, मेरा मतलब है, पता था।“ तभी वहाँ पर समीर भी अपने दोस्तों के साथ आ गया। “क्यों राजवीर? क्या हो रहा है।“ “समीर सोना को शादी के लिए प्रपोज़ कर रहा है।“ नंदा ने कहा। ऐसे ...Read More

72

नक़ल या अक्ल - 72

72 आत्महत्या किशोर की आँख से अब भी आँसू टपक रहें हैं। निहाल ने उसके कंधे पर हाथ हुए कहा, “भाई आप इस तरह करोगे तो फिर राधा भाभी को कौन संभालेगा। “निहाल इतने पैसे कहा है, किसके पास।“ राधा के बापू के पास होते तो वह दहेज़ नहीं दे देते और हमारी हालत भी कौन सा अच्छी है, भगवान, हम गरीबों की परीक्षा क्यों ले रहा हैं!!” “भगवान भी उनकी परीक्षा लेता है, जिन्हें वो अपने काबिल समझता है। परेशान मत हो, सब ठीक हो जायेगा।“ कुछ देर किशोर के साथ बिताकर वह अस्तपताल से बाहर निकला ...Read More

73

नक़ल या अक्ल - 73

73 हादसा किशोर को ऐसे लहूलुहान देखकर, सरला और लक्ष्मण प्रसाद दौड़कर आए, सरला ज़ोर से चीखी, किशोर! तभी उसकी आँख खुल गई। उसके देखा कि वह छत पर सोई हुई है। बगल वाली चारपाई पर उसका पति और बेटी काजल सो रहें हैं। लाइट न होने की वजह से तक़रीबन सारा गॉंव ही छत पर सो रहा है। उसे बहुत घबराहट होने लगी, उसने सुराही से पानी निकालना चाहा, मगर सुराही में पानी नहीं है। वह पानी पीने के लिए नीचे जाने लगी। उसका सिर घूम रहा है, उसे अब भी वो डरवाना सपना याद आ रहा ...Read More

74

नक़ल या अक्ल - 74

74 पेपर चोरी डॉक्टर अभी उन्हें कुछ कहना ही चाहता है कि तभी किशोर बोल पड़ा, “हम अपनी को शहर के अस्तपताल लेकर जा रहें I” उसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी I “क्यों सरला ठीक है?” लक्ष्मण प्रसाद ने उत्साहित होकर कहा I डॉक्टर की नज़रें नीची हो गई I “आपकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं रही I” यह कहकर डॉक्टर तो चला गया पर वे दोनों जड़ बने वहीँ खड़े रहें, फिर किशोर भागता हुआ अंदर गया और अपनी मुर्दा माँ के सीने से लगकर ज़ोर-ज़ोर से रोने लग गया I लक्ष्मण प्रसाद खुद ...Read More

75

नक़ल या अक्ल - 75

75 तलाक निहाल रिमझिम और नंदन पेपर लीक के बारे में ही बात कर रहें है, लेकिन लोमड़ी हम कैसे अपने और दूसरों के लिए इंसाफ लेंगेІ नंदन ने पूछा৷ वही मैं सोच रहा हूँ, तभी सोमश भागता हुआ आया, उसे हाँफते देखकर निहाल ने कहा, “भाई, सांस तो लें लें।৷” निहाल भाई! मैं राजवीर की बात सुनकर आ रहा हूँ, क्या मतलब??? अब उसने उसे सारी बात उन तीनों बता दी ।৷ नन्हें ने कुछ सोचते हुए कहा,” चलो !!! राजवीर कुछ तो काम आया, लेकिन इस दिनेश तक कैसे पहुँचेंगे।৷ ...Read More

76

नक़ल या अक्ल - 76

76 कौन है गुनाहगार सुनील की यह बात सुनकर सब सकते में आ गए, अब निर्मला ने उसकी में झाँकते हुए पूछा, बोलो !!! मैं सुन रही हूँ। सुनील ने बिरजू और निहाल को देखा, फिर निर्मला की आँखों में देखता हुआ बोला, “एक रात के लिए अपनी बहन सोना को मेरे पास भेज दें।“ निर्मला की गुस्से में आँखे लाल हो गई तो वही निहाल ने उसकी गर्दन दबाते हुए कहा, “अपनी गन्दी जुबान से सोना का नाम मत लियो और हाँ तलाक तो तू देगा, अगर तुझसे पेपर पर साइन न करवाए तो मेरा ...Read More

77

नक़ल या अक्ल - 77

77 प्लान अब वे लोग बाहर आने लगे तो नन्हें और नंदन जल्दी से वहॉं से निकल गएI आदमी ने दिनेश से पूछा, “कोई था, क्या बाहरर?” “नहीं सर मैंने तो किसी को नहीं देखा І” उस आदमी ने गहरी सांस छोड़ी और फिर फैक्ट्री से निकला और फिर अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गया, नंदन ने उसकी गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दियाІ दोनों के मुँह पर हेलमेट लगा हुआ हैІ गाड़ी डासना से होती हुई शास्त्री नगर जा रही है І वह भी बड़ी सावधानी से उसके पीछे लगे हुए हैं І नंदन ने उससे ...Read More

78

नक़ल या अक्ल - 78

78 किडनैप मुरलीधर ने दोनों को गौर से देखते हुए कहा, “हाँ अब बताओ, तुम यहाँ क्या कर हो और मुझसे क्या काम है?” निहाल ने अब जवाब दिया, हमें इस जगदीश के घर जाना है। पर क्यों? वह हैरान है। क्योंकि मुझे लगता है, इस आदमी का पेपर लीक में बहुत बड़ा हाथ है। यह सुनकर उसे मानो झटका लगा, “नहीं तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है, ऐसा कुछ नहीं है। यह तो बहुत शरीफ आदमी है, हमारी चुनाव में बहुत मदद कर रहें हैं।“ मुरली चाचा जो भी है, आप हमारी मदद कर ...Read More

79

नक़ल या अक्ल - 79

79 खून गाड़ी में ही दोनों के हाथ और मुँह बाँध दिए गए हैं, अब गाड़ी शहर से एक इंडस्ट्रियल उधोग के पास आकर रुक गई I जहाँ दूर दूर तक सिर्फ फैक्ट्री ही हैI उन दोनों को भी पकड़कर एक फैक्ट्री में लाया गया और फिर एक कमरे में बंद कर दिया गयाI बंद करने से पहले, उनके हाथ और मुँह खोल दिए और फिर दोनों की खूब पिटाई हुई और तलाशी लेने पर उनकी जेब से वो सबूत के पेपर निकले, जिन्हें लेकर वह जगदीश के घर से निकले थेंI दोनों अधमरे से वहाँ पर पड़े ...Read More

80

नक़ल या अक्ल - 80

80 दिल की बात गोली की आवाज़ से नंदन और नन्हें ने सिर नीचे कर लिए थे, मगर उन्होंने डरते हुए सिर ऊपर उठाकर देखा तो कमलेश के हाथ से पिस्तौल ज़मीन पर गिर चुकी है और उस चार पाँच बिना वर्दी के ऑफिसर बंदूक ताने खड़े है। उन ऑफिसर ने उन्हें घेर लिया, अब कांस्टेबल अंदर आये और उनके हाथ में हथकड़ी पहनाने लगें। कमलेश, हेमंत और जगदीश और उसके आदमियों के चेहरे का रंग उड़ा हुआ है। वहीं निहाल और नंदन ने राहत की सांस ली। निहाल ने एक ऑफिसर को धन्यवाद कहा तो वही नंदन ...Read More

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नक़ल या अक्ल - 81 ( Last Part )

81 अक्ल कभी कभी वक्त को भी पंछी की तरह पर लग जाते हैं। ऐसे देखते देखते ही साल और गुज़र गए। रिमझिम बकील बन गयी उसने नन्हें की मदद से अपनी माँ के केस को दोबारा खोला। निहाल ने वो एफआईआर ढूंढ निकाली, जो उसकी माँ सुजाता के मौत के दौरान लिखी गई थीं। नीमवती उसके नाना नानी और ज़हरीली जड़ी बूटियाँ बेचने वाले वैद ने उसकी माँ को इंसाफ दिलवाने में मुख्य भूमिका निभाई। सुजाता की सास को पाँच साल, ससुर को दस साल और देवर को चौदह साल की सजा सुनाई गई। एक बेटी ने ...Read More