कुँवरजी ,,, प्लीज हमे दूर मत किजीये । वो आखों मे बेशुमार आसूँ लिये , उसके हाथ को थामे हुये कह रही थी| आपको जाना होंगा , और ये हमारा लास्ट डिसीजन हे । नही जाना हे हमे , कही नही जाना , समझे आप ! कहते हुये उसने अपने आप को उसकी बाहों मे छुपा लिया और वैसे ही सिसकियाँ लेती रही । वो खामोश सा खडा रहा । कुछ पल खामोशी की बाद उसने कहा । कल सुबह 11 बजे की फ्लाइट हे । ड्राईवर आपको छोड आयेंगा । " कुँवर्जी । " " पैक यूअर बैग्स । हम आपके बिना नही रह सकते । अपना सारा जरुरी सामान रख लो । " ह .... हमे रो .... रोक लिजिये ना । " " मेक श्योर की कुछ रहे ना। " उसका रो रोकर बुरा हाल हो चुका था । लेकिन उसपर कोई असर नही हो रहा था । वो बिना किसी एक्सप्रेशन के खडा था , जैसे उसे कोई फर्क ही ना पडता हो । लेकिन सिर्फ उसका दिल जानता था , की वो कितने दर्द से गुजर रहा । अपने प्यार से , अपनी जान से , अपने साथी से ये सब कहते हुये ।
हमसफर - 1
कुँवरजी ,,, प्लीज हमे दूर मत किजीये । वो आखों मे बेशुमार आसूँ लिये , उसके हाथ को थामे कह रही थी| आपको जाना होंगा , और ये हमारा लास्ट डिसीजन हे । नही जाना हे हमे , कही नही जाना , समझे आप ! कहते हुये उसने अपने आप को उसकी बाहों मे छुपा लिया और वैसे ही सिसकियाँ लेती रही । वो खामोश सा खडा रहा । कुछ पल खामोशी की बाद उसने कहा । कल सुबह 11 बजे की फ्लाइट हे । ड्राईवर आपको छोड आयेंगा । " कुँवर्जी । " " पैक यूअर बैग्स । ...Read More
हमसफर - 2
वो........ एकांश अजिंक्य रघुवंशी.........  लड़कियों के ख्वाबों का राजकुमार और रियल लाइफ में भी राजकुमार,, जयपुर के राजपरिवार वारिश 6ft हाइट ......... सिल्की हेयर ......... काली गहरी आंखें,,, दूध सार सफेद रंग,,,, वेल मेंटेंड फिट एंड फाइन बॉडी..... 26 साल का एलिजिबल बैचलर मशहूर बिजनेसमैन और सॉफ्टवेयर इंजीनियर........ Raghuvanshi Empire sambhalne के साथसाथ अपनी smart tech नाम की कंपनी को भी इंडिया के टॉप कंपनीज में शामिल कर लिया हमेशा खरगोश की तरह शांत रहने वाला समझदार............ लविंग एंड केयरिंग आल्सो अपने सभी भाइयों और बहनों से बहुत प्यार करता था ............. लेकिन स्ट्रीक उतना ..,, वैसे तो ...Read More
हमसफर - 3
एकांश की फैमिली ,,, प्रताप रघुवंशी (दादा सा ) कौशल्य रघुवंशी ( बड़ी दादी सा ) शारदा रघुवंशी (छोटी सा) धनुष रघुवंशी ( बड़े बाबा सा ) मृणाल रघुवंशी (बड़ी मा ) आनंदी (एकांश की बड़ी बहन ) हर्ष और हर्षिका अजिंक्य रघुवंशी ( बाबा सा ) समीक्षा रघुवंशी (मा) एकांश रघुवंशी हमारा इस कहानी का वन एंड ओनली हीरो ,,, अखिलेश रघुवंशी ( बड़े काका सा ) अनीता बड़ी (काकी सा ) स्वप्न और ऐश्वर्या मिथिलेश रघुवंशी ( छोटे काका सा ) सुनीता (छोटी काकी सा ) उतरा और रूद्र रूद्र सबसे छोटा राजकुमार रघुवंशी ओ का ,,, ...Read More
हमसफर - 4
सभी लोग अपने कामों के लिए चले गए एकांश के पिता अजिंक्य जी ने अपनी वाइफ समीक्षा के नाम एक एनजीओ ओपन किया था ,,,, और एकांश ने उसे बहुत बड़ा किया था इस एनजीओ में लड़कियों को अच्छे से अच्छा एजुकेशन प्रोवाइड किया जाता था,, गरीब लोगों को मेडिकल हेल्प विधवा औरतों और उनके बच्चों के लिए काम का और रहने का इंतजाम l समीक्षा आश्रम की सबसे खास बात थी कि वहां बुजुर्ग ने अपने घर से निकाल दिया था ,,,, और अनाथ बच्चों के साथ रहते थे ,,, जिससे बच्चों को बड़ों का और बड़ों को ...Read More
हमसफर - 5
मां अच्छा इतना सब पत्नी करेगी तो पति का करेगा उसका कोई धर्म नहीं होता क्या - आस्था ,,,, है ना अपनी पत्नी का ख्याल रखना उसे मान सम्मान देना और उसके लिए उसके हक के लिए आवाज उठाना यह एक पति का कर्तव्य होता है मां बाबा जी तुम्हारे लिए यह सब करते थे क्या l आस्था तेरे बाबा बहुत अच्छे थे इससे बहुत ज्यादा करते थे वह मेरे लिए तभी तो वह सिर्फ मेरे लिए मेरे पति नहीं मेरे हमसफर मेरी जिंदगी भर के साथ ही बन गए थे ,,,, सात फेरे लेने से वचन लेने से ...Read More
हमसफर - 6
आस्था मेरी प्यारी बेटी कह कर उन्होंने आस्था को गले लगा लिया और वह दोनों खाना खा कर बैठ खाना खत्म होने के बाद आस्था फिर से अपनी पढ़ाई में लग गई और आस्था की मां वृंदा महा गुरु जी की बातों के बारे में सोचने लग गई दोनों भी नहीं जानते थे कि कल का दिन उनकी जिंदगी में कितना बड़ा तूफान लाने वाला है ,,,, अगली सुबह हमेशा की तरह हुई आस्था तैयार होकर अपना पेपर देने चली गई वही मां रोज की तरह खेत में,,, अजिंक्य जी जयपुर से आस्था के गांव के लिए निकल चुके ...Read More
हमसफर - 7
मां उठो क्या हुआ है तुम्हें मां आस्था ने रोते हुए कहा यह सब दरवाजे पर खड़े अजिंक्य जी रहे थे ,,, वह कुछ कर पाते उससे पहले ही नीरब वृंदा जी को धक्का दे चुका था l अजिंक्य,,,, उन्होंने बिना समय गवाएं ड्राइवर से वृंदा जी को उठाने को कहा और गाड़ी की ओर बढ़ गए आस्था भी भूत बने उनके पीछे आ गई थी l गाड़ी फुल स्पीड में दौड़ रही थी ,,, कुछ ही मिनटों में वह पुणे के एक बड़े हॉस्पिटल में पहुंच चुके थे डॉक्टर बचाइए इन्हें पैसों की फिक्र आप मत कीजिए जस्ट ...Read More
हमसफर - 8
आस्था सिर्फ 15 साल की है मानता हूं मैंने गलत किया बहुत गलत किया उनके साथ उनकी मां के समय में मैंने अपने स्वार्थ के लिए इन दोनों के शादी की बात की और वह मान ली है लेकिन फिर भी वापस आ पता नहीं है क्यों मेरा दिल इसे के लिए नहीं मान रहा है छोटी है वह अभी शादी जैसे रिश्ते को कैसे संभाल पाएगी ,,,, अजिंक्य l अजिंक्य क्या कह रहे हैं आप यह शादी हम हमारे एकांश कुंवर सा के हिफाजत के लिए कर रहे हैं ,,,, और आप हैं कि दादा साहब सॉरी बाबा ...Read More
हमसफर - 9
जिसे आस्था ने मना करके वापस भेज दिया और खुद से ही तैयार हो गई ,,,, सुर्ख लाल जोड़ा ने कंगन चूड़ियां और भी बहुत कुछ आया था उसके लिए भले ही उसका रंग काला था ,,,, लेकिन मैंने बहुत ही अच्छे थे उसकी हरि आंखें और घुटनों तक के बाल जिनका बन बांधा हुआ था और उसके लुक और को और अच्छा बना रहे थ l प्यारी लग रही हैं आप दाई मां आस्था सिर्फ इतनी सी हंसी मुस्कुरा दी दाई मा ने उसका चेहरा घुंघट ढक दिया और उसे लेकर मंदिर की ओर चल दी ,,,,, एकांश ...Read More
हमसफर - 10
15 साल आस्था ने रोते हुए कहा एकांश के साथ-साथ सभी बहुत हैरान थे l बाबा साहब बताइए ऐसी सी वजह थी कि आपने हमारी शादी 15 साल की लड़की से करा दी बताइए एकांश जोर से चीख ,,,,,,, और सब डर गए ,,,, तो आपने इतने बड़े हो गए हैं कि अपने बाबा सा से सवाल करेंगे ,,,, नहीं बाबा सा आपका बेटा आपके सवाल करें इतना बड़ा कभी नहीं होगा यह सवाल आप से यहां के कुंवर साहब पूछ रहे हैं और आपको जवाब देना होगा एकांश ,,,, हम ने वचन दिया था अजिंक्य जी,,, बात कुछ ...Read More
हमसफर - 11
हर रोज की तरह आस्था की दिन की शुरुवात सुबह 5 बजे ही हुयी .... फ्रेश होकर वो पैलेस गार्डन मे बने शिव मंदिर मे गयी महामृत्युन्जय मंत्र का जाप कर उसने शिव जी के चरण स्पर्श किये ..... और किचन मे आकर चाय बनाई,,,, नौकरो ने वो चाय लेजाकर दादासा और दादीसा को दे दी ,,,, आस्था ने अब नाश्ता बनाने के लिये ले किया वैसे तो उसे ये सब करने की कोई जरूरत नही थी .... लेकिन सिर्फ उसका दिल और दिमाग किसी ना किसी काम में बिजी रहे इसिलिए दाईमाँ उसे ये सब करने देती ,,,, ...Read More
हमसफर - 12
.....ये सब क्या हे ऐश्वर्या .,,,, ऐश्वर्या आस्था को हॉल मे ले आयी थी ... वहा दादासा अजिंक्यजी सुनीता ही थे.. बाकी सब अपने अपने काम से बाहर गये हुये थे ..,,, ऐश्वयों और उत्तरा को आस्था बिल्कुल भी पसंद ऐश्वर्या अपनी बेस्ट फ्रेंड सौम्या को अपनी भाभीसा बनाना चाहती थी जो की बहोत खूबसूरत भी थी और उनकी तरह राजपरिवार से बिलोंग करती थी,,, दादासा गुस्से से चिखे,,, दादासा कुछ कहना है तो इससे कहिये ये रुद्र के कमरे में चोरी कर रही थी.... और अब पकड़ी गई तो ..... आसू दिखाकर रोने का नाटक कर रही है ...Read More
हमसफर - 13
क्या आपको मेरी story पसंद नहीं आ रहीं है क्या??? लोग कोई response क्यूँ नही देते,,,, एकांश ने आस्था सबके साथ नाश्ता करने बीठा दिया.... दादासा और अजिंक्य जी को छोड़कर सबके चेहरे उतर गये. ऐसा नहीं था की उन्हें आस्था से कुछ दुश्मनी थी .... बात सिर्फ इतनी थी के वो सब एकांश के लिये सबकुछ बहोत अच्छा चाहते थे और उन्हें एकांश के लिये खुबसूरत सुलझी हुयी समझदार पत्नी चाहिये थी .... जो एकांश का अकेलापन दूर कर सके और उसकी जिम्मेदारी ले सके,,,,, लेकिन आस्था अलग थी .... उसकी काली रंगत और कम उम्र के वजह ...Read More