भयानक यात्रा

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उसका शरीर शिथिल हो चुका था, आंखो में डर और बोलने की ताकत भी नही रही थी। सतीश ने जूली को देखा तो हक्काबक्का रह गया,बिंदास रहने वाली लड़की अचानक से ऐसी हालत में देख के इसके मन में बहुत से सवाल आ रहे थे। डिंपल देख यार तुझे तो आना ही पड़ेगा , वैसे भी 2 साल हो चुके है हमे मिले हुए और अभी सबको 3 दिन की छुट्टियां है सब मिल रहे है हम कुछ प्लान कर रहे है,बर्मन ने कहा। डिंपल ने बोला देख यार मेरा बॉस ना छुट्टियां वाले दिन भी काम करवाता है लेकिन कोशिश करूंगी की में सबके साथ आ पाऊं। हां लेकिन कैसे भी तुझे तो आना ही है -बर्मन ने कहा। सतीश, जूली,बर्मन,डिंपल,विवान और हितेश कॉलेज के ऐसे दोस्त जिससे हर कोई परिचित था। क्यू ना हो टॉपर्स भी वो और बैकबेंचर्स भी,कॉलेज का नाम रोशन करने वाले भी वो और कॉलेज में मस्तियां करने वाले भी वो। 4 साल पहले सबकी कॉलेज पूरी होने के बाद सबको कही न कही अच्छी जॉब लग चुकी थी।

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भयानक यात्रा - 1

उसका शरीर शिथिल हो चुका था, आंखो में डर और बोलने की ताकत भी नही रही थी। सतीश ने को देखा तो हक्काबक्का रह गया,बिंदास रहने वाली लड़की अचानक से ऐसी हालत में देख के इसके मन में बहुत से सवाल आ रहे थे। डिंपल देख यार तुझे तो आना ही पड़ेगा , वैसे भी 2 साल हो चुके है हमे मिले हुए और अभी सबको 3 दिन की छुट्टियां है सब मिल रहे है हम कुछ प्लान कर रहे है,बर्मन ने कहा। डिंपल ने बोला देख यार मेरा बॉस ना छुट्टियां वाले दिन भी काम करवाता है लेकिन ...Read More

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भयानक यात्रा - 2 - बर्मन लापता हुआ।

हमने देखा की बर्मन अचानक से चाय की टपरी से वाशरूम जाने के बाद वापिस नही आया तो सब को ढूंढ ने लग गए,फिर भी बर्मन का कोई अता पता नही था,बर्मन कहीं चला गया था या बर्मन मजाक कर रहा था!!?? अब आगे,,,,, डिंपल और जूली बहुत ही ज्यादा परेशान थे,सब फिर से वही चाय की टपरी के पास जाके देखा लेकिन बर्मन वहां नही था। चाय की टपरी का मालिक प्रेमसिंह सबको परेशानी में देख के पूछा ,क्या हुआ साहेब??? अरे,,अरे हमारा दोस्त बर्मन,,अभी यहां था वाशरूम करने गया था आभितक वापिस नही लौटा।प्रेमसिंह ने कहा साहेब ...Read More

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भयानक यात्रा - 3 - परेशान प्रेमसिंह ।

हमने देखा की प्रेमसिंह अपने बच्चो की गायब हो जाने की कहानी बता रहा था,,, रमनसिंह चार्ज लेते हुए प्रेमसिंह के बच्चो को ढूंढने को तैयार थे,,,,, रमनसिंह ने रिपोर्ट पढ़के समझ लिया था की मामला क्या है,उसने प्रेमसिंह को किल्ले की तरफ जाने के लिए तैयार रहने कहा,,, अब आगे,,,, ******************************* गोखले,तुम्हे रात से खबर मिली है बच्चों की गायब होने की हमे रात को ही आगाह कर देते तुम तो अच्छा रहता–रमनसिंह ने कहा। सर रात को भी आपको बता भी देता तो हम वहा जा नही सकते थे,हमे ऊपर से ऑर्डर है की वो किल्ले के ...Read More

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भयानक यात्रा - 4 - भूपतसिंह और मेघल बा की लाश ।

हमने देखा की चरणसिंह और विद्यासिंह किल्ले के अंदर कोई मानव आकृति का पीछा करते हुए जा रहे थे वो आकृति कही अंधेरे में गायब हो गई उसके बाद चरणसिंह और विद्यासिंह को एक थैला मिला जिसमें खून लगा हुए था, दूसरी ओर गोखले ने आके रमनसिंह को कुछ कहा जिससे रमनसिंह प्रेमसिंह को देखे अफसोस व्यक्त कर रहा था ।ऐसा तो क्या कहा था गोखले ने रमनसिंह से प्रेमसिंह के बारे में जिससे रमनसिंह थोड़ा प्रेमसिंह को लेके गंभीर हो गया था। अब आगे....... ******************************* रमनसिंह ने एक नजर प्रेमसिंह की तरफ देखा और गोखले को बोला– प्रेमसिंह ...Read More

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भयानक यात्रा - 5 - तिब्बतन कुत्ते ।

पिछले भाग में हमने देखा की प्रेमसिंह की पत्नी को पैरालिसिस हो जाता है और ये खबर गोखले रमनसिंह बताता है, प्रेमसिंह को अस्पताल ले जाया जाता है, वहां वो अपनी पत्नी की हालत देख के टूट जाता है। वो बच्चो के मृत्यु के बारे में अपनी पत्नी को बताता है और कुछ उसको हौसला देने की कोशिश भी करता है । अब आगे.... ******************************* रमनसिंह किल्ले के पीछे भाग की तरफ तहकिकात कर रहा होता है ,ठंड सा मौसम है और वहां ठंडे से पवन के साथ साथ कुछ विचार रमनसिंह के दिमाग को खाए जा रहे है। ...Read More

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भयानक यात्रा - 6 - महाकाली मंदिर ।

अब तक आपने पढ़ा कि महल में चरणसिंह और विद्यासिंह को एक बाद थैला मिलता है । उस थैले देख कर लग रहा था उसमे किसी की लाश है । उसमे लाश तो होती है मगर इंसान की नही यह एक तिब्बतन मस्टिफ जो एक डॉग है कि लाशें मिलती है । रमनसिंह गोखले को प्रेमसिंह को लेकर किल्ले पर आने को कहता है और उसकी जोरु को अच्छे अस्पताल में भर्ती करने को कहता है । गोखले अपने साथी इंस्पेक्टर शेखावत को प्रेमसिंह की जोरु को गोएंका हॉस्पिटल में भर्ती करवाने का कहकर प्रेमसिंह को लेकर किल्ले पर ...Read More

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भयानक यात्रा - 7 - मंदिर में अदभुत इंसान ।

हमने पिछले भाग में देखा की रमनसिंह ने गोखले से बात करके प्रेमसिंह को किल्ले पे बुलाया था,लेकिन प्रेमसिंह किल्ले पे पहुंचा तब उसकी हालत बात करने जैसी ना होने के कारण रमनसिंह तभी चुप रहना पसंद करता है । कुछ देर बाद प्रेमसिंह के पूछने पर रमनसिंह उससे सवालात करता है जहां उसको प्रेमसिंह का सरल स्वभाव और निर्दोषता दिखती है । यही जांच करने में उनके शाम का समय हो जाता है , और रमनसिंह अपनी टीम को किल्ले के बाहर बुला लेता है। तभी खोए मन से बैठे रमनसिंह को एक तेज घंटारव की आवाज आती ...Read More

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भयानक यात्रा - 8 - वीरान इमारत में प्रेमसिंह ।

पिछले भाग में हमने देखा की रमनसिंह एक मंदिर की तरफ जाता है , उसके साथ साथ सब लोग जाते है, वो अदभुत मंदिर का नजारा देखकर लोग अचंबित हो जाते है , वह कोई इंसान पूजा कर रहा होता है जिसकी आवाज बुलंद होती है को सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है, दिखने में वो इंसान सबसे अलग दिखता है और शांत भी होता है । विद्यासिंह के पूछ ने पर भी वो इंसान अपनी पहचान नहीं बताता है और मुस्कुराकर गर्भगृह की तरफ चला जाता है । अंधेरा हो जाने के कारण सब मंदिर से लौट जाते ...Read More

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भयानक यात्रा - 9 - पांच बिल्ली के शव ।

पिछले भाग में हमने देखा की चरणसिंह और विद्यासिंह प्रेमसिंह को ले के क्वाटर्स की तरफ गाड़ी में जाते , बीच में खाना खाने रुकते है वहां चरणसिंह कुछ बातें प्रेमसिंह से करता है । उसके बाद खाना खाने के बाद सब लोग पुलिस क्वाटर्स की तरफ निकल जाते है , विद्यासिंह सब के सोने की व्यवस्था एक हॉल में करता है । वहां थोड़ी देर बाद प्रेमसिंह को नींद न आने की वजह से वो सीढ़िया चढ़ के हॉल की छत पे चला जाता है । वहां वो अपने बच्चे और पत्नी को याद करता है और थोड़ी ...Read More

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भयानक यात्रा - 10 - अनजान साया।

हमने देखा की प्रेमसिंह रात को हॉल के फर्श पे ही सो जाता है और विद्यासिंह कुत्तों की आवाज़ उनको भगाने के लिए हॉल से बाहर जाता है , तभी वो अंधेरे में कोई साया देखता है जो कहीं गायब हो जाता है । वो डर से हॉल में वापिस आता है और फिर सो जाता है , सुबह चरणसिंह उसको उठाता है और बताता है की प्रेमसिंह गायब है । उनको प्रेमसिंह ढूंढने पर भी नही मिलता तब वो जोरावरसिंह को बुलाते है , जोरावरसिंह को प्रेमसिंह का गमछा दिखता है और वो लोग छत पे जाते है ...Read More

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भयानक यात्रा - 11 - निराश बर्मन के दोस्त ।

हमने देखा .. प्रेमसिंह छत पे सोया होता है और वहां ५ काली बिल्लियों के शव मिलते है , से निकलता हुआ खून धीरे धीरे लाल रंग से काले रंग में बदल जाता है । विद्यासिंह का पैर सीढ़ियों से उतरते समय फिसल जाता है और वो गिर जाता है , उसको पैर में चोट आती है । चरणसिंह सबको वहां से निकल ने के लिए कहता है , वहां से निकल कर वो सब रमनसिंह को सब बता ने के लिए निकल जाते है और रास्ते में चाय की टपरी पे रुकते है । वहां टपरी का मालिक ...Read More

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भयानक यात्रा - 12 - जगपति का परिचय ।

हमने देखा की दिवाकर उसके बेटे राजू को पुराने डेहले की आत्मा के बारे में बता रहा होता है आत्माओं ने पूरे गांव में कोहराम मचाया हुआ होता है । राजू उनको उसको आत्माओं के बारे में कुछ ज्यादा जान ने की कोशिश करता है । इतनी बात बता कर प्रेमसिंह उसके दोस्तो को बर्मन के बारे में पूछता है । सतीश गलती से सब प्रेमसिंह को बता देता है उसके बाद सब तय करते है किल्ले के किसी अधिकारी से बात कर के बर्मन के बार वे कुछ जानकारी मिल जाए । लेकिन वहां से भी निराश हो ...Read More

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भयानक यात्रा - 13 - गायब सतीश ।

हमने देखा की किल्ले पे सबको बर्मन के बारे में जानकारी लेते रात का समय हो जाता है , वो जगपति जो की एक टैक्सी वाला होता है उससे मदद मांगते है , वो अपनी गाड़ी में बिठाके उनको अपने घर पे रहने के लिए ले जाता है। रास्ते में वो हितेश से बात करने की कोशिश करता है । लेकिन उसकी कोशिश ना काम रहती है , हितेश के अलावा और सब भी एक दूसरे से बात नही कर रहे होते । जगपति को ये बात खटक रही होती है , तभी अचानक गाड़ी एक पत्थर के कारण ...Read More

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भयानक यात्रा - 14 - महल का राज़।

हमने पिछले भाग में कुछ ऐसा देखा की , जगपति सबको गाड़ी में लेके अपने घर आता है ,वो से बर्मन के बार में जानता है । तभी जगपति के पिता की आवाज आती है की वो शायद ही बच पाएगा , उनकी ये आवाज सुनकर सब और ज्यादा डर जाते है । सुशीला सबको चाय नाश्ता दे कर रसोई में खाना बना ने चली जाती है , और जगपति बाहर की तरफ बिस्तर जमा ने चला जाता है । उसी दौरान जगपति के पिता बाहर की तरफ आते है , उनको देखकर जूली भयंकर तरीके से चिल्लाती है ...Read More

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भयानक यात्रा - 15 - मैला साधु ।

हमने देखा पिछले भाग में की ,,,,, जगपति के पिता का रूप देख के जूली भयानक तरीके से चिल्ला है और सब लोग इनको देख के स्तब्ध रह जाते है । जगपति अपने पिता के साथ हुए हादसे के बारे में बताता है , जहां सरकार वो फैक्टरी को सील कर देते है । खाना खाने के बाद जगपति सबको किल्ले के बारे में बताता है , वहां राजा और रानी को साथ में कैसे दफनाया गया और अभी भी उनकी आत्माए कैसे बदला लेने तड़प रही है वो बताता है । सबको वो गांव में हो रही रहस्यमय ...Read More

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भयानक यात्रा - 16 - थाने में एफ आई आर।

हमने पिछले भाग में देखा की !!! विवान रात को किसी के चलने की आवाज सुनता है ,ये सुनकर डर जाता है । वो अपने पास में सोए हुए हितेश को उठाता है और उसको बताता है की उसने किसी के चलने की आवाज सुनी है । ये सुनकर हितेश अपने मोबाइल की टॉर्च झाड़ियों की तरफ करता है वहां उसे झाड़ियां हिलती हुई नजर आती है । और थोड़ी देर के बाद कोई मानव आकृति झाड़ियों से बाहर आती है और उनके पास आकर रुक जाती है और वहीं पे लेट जाती है । हितेश उसके ऊपर मोबाइल ...Read More

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भयानक यात्रा - 17 - बागिरा।

हमने पिछले भाग में देखा की ... एक साधु जगपति और हितेश को देखकर अट्ट–हास्य करता है और चलने जाता है । लेकिन हितेश आवाज लगाके उनको रोक लेता है , और उनको बात को सही तरीके से बताने के लिए कहता है , वो साधु उनको कहता है की उनको यहां नही आना चाहिए था । जो यहां आता है वो मारा जाता है या यही ठहर जाता है ये बोल के फिर से साधु भयानक हंसी के साथ चल देता है । थोड़ी देर बाद सब लोग गाड़ी में थाने की तरफ निकल जाते है लेकिन जब ...Read More

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भयानक यात्रा - 18 - जंगल में अघोरी।

हमने पिछले भाग में देखा की ... सूरपाल हितेश से पूछता है की उसने बर्मन के पिता को इस में सूचना दी है तब हितेश उनको मना करता है । तब महिपाल उसको कहता है अगर वो बर्मन के पिता से बात नही बताते तो वो लोग भी गुनहगार माने जायेंगे । ये सुनके हितेश सोचने लगता है की कुछ ऐसा करे जिससे अभी तो बर्मन के पापा को कुछ न पता चले , लेकिन सोचने के बाद कुछ उपाय नहीं मिलता तो वो सुरपाल को बर्मन के पिता जी का नंबर देता है उनकी पूरी जानकारी भी । ...Read More

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भयानक यात्रा - 19 - सतीश कहां गया ?

हमने पिछले भाग में देख की... जगपति सबको बताता है की गांव की इमारत हो या हवा उस सब बुरी चीजों का प्रभाव है । तभी वो लोग गाड़ी में गांव की तरफ जा रहे होते है वहां हितेश को कोई अघोरी की कुटिया दिखती है । वो जगपति से गाड़ी रुकवा के वहां उसको देखने जाता है , वहां किसी मंत्रोच्चार की आवाज आ रही होती है । अंदर बैठे अघोरी का देखाव भयानक होता है उसने मांस को अपने बदन पे लपेटे हुए रखा होता है । उसकी कुटिया पे दो इंसानी खोपड़ी रखी हुई होती है ...Read More

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भयानक यात्रा - 20 - बेसुध हितेश ।

हमने पिछले भाग में देखा की ... जगपति हितेश को कहता है की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी तो अब वो लोग गांव से जा सकते है । अगर गांव में उनके दोस्त के बारे में कुछ भी चीज पता चलेगी तो वो हितेश को अवगत करवा ही देगा । ये सुनके हितेश और सबको जगपति सही लगता है लेकिन वो जगपति को कहता है की बर्मन को ऐसे छोड़ के नही जा सकते इसीलिए वो वहीं रुकने का फैसला करते है । रात को खाना खाने के बाद जगपति सुशीला को कहता है की अगर उनके बच्चे ...Read More

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भयानक यात्रा - 21 - वैध आलोकनाथ

पिछले भाग में हमने देखा की .... सतीश झाड़ियों के अंदर से कहीं गायब हो जाता है , उसको हितेश यहां वहां घूमता है लेकिन उसको सतीश नही मिलता । वो वापिस जगपति के घर की तरफ आ जाता है , थोड़ी देर में सतीश झाड़ियों की तरफ से वापिस आता दिखता है । लेकिन इस बार सतीश का हुलिया देख के हितेश डर जाता है । सतीश वहां थोड़ी देर में बेहोश हो जाता है और वही सो जाता है । सतीश का ध्यान रखते हितेश की आंख लग जाती है , लेकिन उसको कहीं से हंसने की ...Read More

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भयानक यात्रा - 22 - आलोकनाथ का रहस्य क्या है?

पिछले भाग में हमने देखा की ...... हितेश जब उठकर देखता है तो सुशीला सतीश के हाथ का खून कर रहे होती है , ये देख कर हितेश को थोड़ी राहत मिलती है । फिर बाहर बैठे हुए जगपति और हितेश के दोस्त हितेश से बारी बारी रात की घटना के बारे में पूछते है । जिसके कारण हितेश दुविधा में पड़ जाता है और वो बात बताने से कतराने लगता है लेकिन सबके बार बार पूछने पर वो रात को हुई घटना को बहुत ही संक्षिप्त में बताता है । हितेश की बाते सुनकर सब लोग चिंतित हो ...Read More

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भयानक यात्रा - 23 - जगपति की कश्मकश।

पिछले भाग में हमे देखा की.... हितेश और जगपति सतीश को लेके वैध के घर पहुंचते है , वहां वैध जी का हुलिया देख कर हितेश को थोड़ा आश्चर्य होता है । वैध सतीश के घावों को देखकर समझ जाता है की घाव कहीं गिरने से नही लगे है , और घाव भी जाने पहचाने नजर आते है लेकिन उसको याद नहीं आता है की उसने ये घाव कहां पर देखे है । तभी वैध के घर में दूसरे कमरे में सामान गिर ने की आवाज आती है , वैध हितेश को क्या सामान गिर है वो देखने के ...Read More

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भयानक यात्रा - 24 - लाल लोमड़ी।

हमने पिछले भाग में देखा की.... जगपति , हितेश और सतीश वैध के पास गए होते है वहां उसके पे हुई घटना पे वो ज्यादा अचरज में होते है , वो ऐसी ही हालत में घर पे आते है । उनकी ये हालत देख कर सबकी चिंता होने लगती है , सबको उनके पास बाहर ही बैठ जाते है । सतीश के से जाने के बाद हितेश डिंपल और जूली को घर जाने की बात करता है लेकिन दोनो उनको मना कर देता है , तब हितेश उन सबको साथ में रहकर समझता है की वो भले ही ६ ...Read More

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भयानक यात्रा - 25 - इंसानी पैरों के निशान ।

हमने पिछले भाग में देखा की... रात के अंधेरे में किसी के चिल्लाने की आवाज सुनकर सब लोग सतर्क जाते है , चिल्लाने की आवाज सुनकर हितेश वहां जाने के लिए कहता है जहां से आवाज आ रही होती है , लेकिन जगपति उसको मना करता है । लेकिन थोड़ी देर बाद फिर से आवाज आने के बाद हितेश वहां आवाज की तरफ चल देता है । ये देखकर जगपति भी उसके पीछे चला जाता है । वहां किसी लोमड़ी को फंसे देख हितेश उसको तारो में से निकालता है और सबके बीच ले आता है । लाल लोमड़ी ...Read More

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भयानक यात्रा - 26 - बिल्ली का राज़ क्या है ?

हमने पिछले भाग में देखा की .... हितेश को लोमड़ी के पैरों के साथ एक इंसान के पैरों के दिखते है जो आम इंसान से थोड़े ज्यादा बड़े होते है । उसके बाद सब लोग खोली में चले जाते है वहां पर जगपति के पिता बाहर की तरफ आते है । उनको देख कर सतीश डरने लग जाता है , हितेश उसको समझाता है की वो जगपति के पिता है उनसे अब उसको डरने को जरूरत नहीं है । उसके बाद हितेश और जगपति खाना खाने के बाद सतीश को वैध के वहां ले जाने के लिए तैयार होते ...Read More

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भयानक यात्रा - 27 - आलोकनाथ का आत्मपरीक्षण।

हमें पिछले भाग में देखा की ..... जब हितेश , जगपति और सतीश कमरे में जाते है तो वहां वैध जी कमरे के फर्श पे लेटे हुए मिलते है जो की बेहोश से पड़े होते है । वो लोग वैध जी को वहां से उठा कर सोफे में सुला देते है । तभी हितेश जगपति से वैध जी के बारे में पूछता है की उनकी नब्ज़ इतनी काली क्यू है ! तब जगपति वैध जी के बारे में बताते है की उन्होंने गांव वालो की भलाई के लिए अपने मां बाप के बाद गांव वालो को ही अपना परिवार ...Read More

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भयानक यात्रा - 28 - बड़े गगनचर ।

हमने पिछले भाग में देखा की.. इंतजार करने पर भी आलोकनाथ होश में नहीं आते है इसीलिए हितेश और इंतजार में परेशान हो जाते है । जगपति उनको जागने के लिए अलग तरीका बताने कहता है तभी हितेश उनका तरीका समझ जाता है । लेकिन उमर की वजह से वो लोग आलोकनाथ को उठा ने के लिए जल्दी से वो तरीका नही अपनाना चाहते । कुछ देर बाद हर तरीका नाकाम होने के बाद हितेश पूरा पानी का बर्तन आलोकनाथ के मुंह पे डाल देता है । जिसके कारण आलोकनाथ उठ जाते है । और तभी वो सतीश के ...Read More

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भयानक यात्रा - 29 - हितेश की गलती ।

हमने पिछले भाग में ये देखा की !!!! वैध जी के वहां से आ ने में देर होने के सुशीला परेशान हो जाती है लेकिन बाद में सबको गाड़ी से आया देख खुश हो जाती है । जगपति के हाथ में लगी पट्टी देखकर सुशीला उसके बारे में पूछती है तो जगपति उसको थोड़ा गुस्से में बोल देता है लेकिन थोड़ी देर बाद जगपति उससे क्षमा मांग लेता है , खाना खाने के बाद हितेश सतीश और विवान बाहर चले जाते है । और तभी आसमान में अलग सी हलचल दिखने लग जाती है । ये देखकर वो लोग ...Read More

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भयानक यात्रा - 30 - शिकारी कुत्ते और चील।

हमने पिछले भाग में देखा की ..... डिंपल के सिर पे कौवे का सिर गिरता है जिसके कारण वो जाती है , और उसके बाद हितेश को वो वहां अंधेरे में जाने के लिए मना कर देती है । रात को सबके सो जाने के बाद हितेश दुबकते कदम अंधेरे की तरफ अकेला चला जाता है , तभी उसका पैर किसी चीज पर पड़ता है वो मोबाइल की रोशनी करके देखता है तो उसको चारों तरफ जानवरों के शव दिखते है । उसके सामने एक बड़ा सा गगनचर भी मरा हुआ दिखता है वो गगनचर ध्यान से देखने के ...Read More

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भयानक यात्रा - 31 - गुस्से मे जगपति ।

पिछले भाग में हमने ये देखा की ..... हितेश के कहने पर जगपति सबको लेकर खोली में चला जाता तभी अंदर से जगपति बाहर बैठे जानवर की तरफ नजर दौडाता है , वो उनको देखकर चौंक जाता है । वो हितेश से कहता है की ये जंगली शिकारी कुत्ते है , और वो खूब अक्रामक होते है । कुत्तों के फिर से हमला करने के बाद जगपति के पिता जी सबको कुत्तों की खासियत से अवगत करवाते है , और उनको भगाने के लिए उपाय करने को बोलते है । तभी जगपति के मन में विचार आता है और ...Read More

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भयानक यात्रा - 32 - अनजान तांत्रिक।

हमने पिछले भाग में देखा की.... जगपति के अंदेशे के कारण हितेश जगपति के साथ जाने के लिए तैयार है , लेकिन वहां पर विवान भी उनके साथ जाने के लिए जिद करता है । थोड़ी आना कानी के बाद हितेश उसको अपने साथ ले जाने तैयार होता है । वो लोग वहां जाकर देखते है तो उन्हे वहां मरे हुए जानवरों के शव पड़े दीखते है और वहां दुर्गंध आ रही होती है । थोड़े नजदीक जाने पर उनको किसी के बात करने की आवाज सुनाई देती है , लेकिन हितेश के गिर जाने की वजह से सतर्क ...Read More

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भयानक यात्रा - 33 - पुलिस का बुलावा।

हमने पिछले भाग में ये देखा की!!!!! हितेश बेहोश जगपति को उठाता है फिर वो जगपति वहां से उठकर में बैठ जाता है , हितेश जगपति को कुछ पूछने की कोशिश करता है लेकिन जगपति तभी कोई जवाब नही देता है । गाड़ी को जंगल की मोड़ने के बाद जगपति हितेश और विवान को बताता है की ये जो भी हुआ है वो काली शक्तियों को पाने के लिए हुआ था । जो किसी तांत्रिक ने किया है , और इसे आत्मबंधना विधि कहते है । इसमें तांत्रिक चिल को बुलाने के लिए बजार से पालतू जानवरों को मार ...Read More