सदियों पुरानी बात है विरले की नगरी में एक कौआ उड़ते उड़ते एक वीरान खंडर पे जा बैठा शायद वो कोई फल खा रहा था। ओर अपनी मस्ती में कोई गीत गाएं जा रहा था तभी उस समय उस खंडर से कोई निकला वो कोई लड़की थी। कौआ को देखते ही पत्थर मारने को हूई तभी कौआ बोल पड़ा अरे बिटिया काहे तुम मुझ जैसे बूढ़े को मार रही हो ना जाने लोग बेवजः हमे क्यू मरते रहते हैं हमने क्या किसी का खाया हैं आज खुश था की बड़ी मुस्किल सै रस भरा और स्वादेस्त लाल फल मिला जिसे आज तक किसी ने ना खाया होगा। लो तुम भी चखो उसने कुछ फल नीचे गिरा दिए।
प्यासा बास। - 1
Chapter 1 ....प्यासा बास।सदियों पुरानी बात है विरले की नगरी में एक कौआ उड़ते उड़ते एक वीरान खंडर पे बैठा शायद वो कोई फल खा रहा था। ओर अपनी मस्ती में कोई गीत गाएं जा रहा था तभी उस समय उस खंडर से कोई निकला वो कोई लड़की थी। कौआ को देखते ही पत्थर मारने को हूई तभी कौआ बोल पड़ा अरे बिटिया काहे तुम मुझ जैसे बूढ़े को मार रही हो ना जाने लोग बेवजः हमे क्यू मरते रहते हैं हमने क्या किसी का खाया हैं आज खुश था की बड़ी मुस्किल सै रस भरा और स्वादेस्त लाल ...Read More
प्यासा बास। - 2
नौरी भी अपने सफर के लिए निकल चुकी थी बिलकुल नए जस्बे और ओर कोइ साहसी सैनिक की तरह अपने राज्य के लिए मर मिटता हैं पर अपनी प्रजा और राजा को अखरी सांस सुरक्षित रखता हैं। जाते जाते उसने अपने भाई से एक वादा लिया की मेरे आने तक तुम यही इंतजार करना ओर एक दूध का कट्टोरा दे गई और कहा इस कटोरे के एक बार निहार लेना अगर ये पहले की तरह सफेद रहा तो समझ लेना में आबाद हु अगर पीला रहा तो समझना की में किसी बड़ी मुश्किल मै हू अथवा अगर इस दूध ...Read More