रात के आंधेरे में, एक घने जंगल के बीच एक अकेला राहगीर चल रहा था। उसका नाम विक्रम था। वह जंगल के इस क्षेत्र को अच्छे से नहीं जानता था, लेकिन उसने सोचा कि एक छोटी सी राह में एक लम्बी यात्रा का अंत होगा।धीरे-धीरे उसकी राह में आगे बढ़ते हुए, उसने अपने आसपास के अंधेरे को महसूस किया। एक अजीब सी ठंडक उसकी रीढ़ को रौंद रही थी। वह तेज़ी से चलने लगा, पर उसकी बढ़ती चलने के साथ ही वह एक अजीब सी आवाज़ सुनने लगा।"कौन है?" विक्रम ने धीरे-धीरे पूछा।कोई जवाब नहीं आया। वह फिर से पूछा, "क्या कोई है?"इस बार भी कोई जवाब नहीं आया, लेकिन उसने अपने पीछे किसी की आवाज़ सुनी। वह चोंक गया और पीछे मुड़ गया, पर कोई नहीं था।
अंधेरे का खेल सारा.. - 1
अंधेरे में एक राहगीरकाली रात के आंधेरे में, एक घने जंगल के बीच एक अकेला राहगीर चल रहा था। नाम विक्रम था। वह जंगल के इस क्षेत्र को अच्छे से नहीं जानता था, लेकिन उसने सोचा कि एक छोटी सी राह में एक लम्बी यात्रा का अंत होगा।धीरे-धीरे उसकी राह में आगे बढ़ते हुए, उसने अपने आसपास के अंधेरे को महसूस किया। एक अजीब सी ठंडक उसकी रीढ़ को रौंद रही थी। वह तेज़ी से चलने लगा, पर उसकी बढ़ती चलने के साथ ही वह एक अजीब सी आवाज़ सुनने लगा।"कौन है?" विक्रम ने धीरे-धीरे पूछा।कोई जवाब नहीं आया। ...Read More
अंधेरे का खेल सारा.. - 2
पिछले भाग मे हमने ये जाना की कैसे विक्रम रात को जंगल के अंधेरी रात मे जाता है। और साथ क्या होता है... अब उसके आगे........... विक्रम अपने घर आया , तब उसकी बीबी ने पूछा की कहा थे. आप , तब विक्रम ने कोई जवाब नही दिया और सीधे अपने कमरे की और चल पड़ा, इतने मे उसका छोटा बेटा आता है पापा -पापा मुझे चॉकलेट दिला दो... तभी विक्रम बिना कुछ कहे अपने बच्चे को बहुत जोर से थप्पड़ मरता है। बच्चा रोते- रोते अपनी मा के पास जाता है। माँ अपने बच्चे को शांत करती है, ...Read More