दिल और दहलीज़

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आज मंगलवार का दिन था मे ऑफिस के काम मे busy थी इतने मेरी पुराने office की फ्रेंड रजनी का कॉल आया , मे चौक गयी , hello साँची क्या चल रहा है और क्या हाल चाल कैसी हो ? बस ठीक हु, तुम ? आज कैसे कॉल किया ? अरे अपने ऑफिस का सेमिनार है लखनऊ मे , हम सब लोग लखनऊ आ रहे है , तेरी ऑफिस मे है पता है ना तुझे , हा ....... ठीक है बोलकर कॉल कट किया , मे न जाने कहा खो गयी थी गस पे चाई रखी सब जल गयी यमुना मेरी नौकरानी उसने आकर गैस बंद किया , क्या हो गया था मुझे , कहा खो गयी थी मे .... पता नही ये अतीत मेरा पीछा कब छोड़ेगा ? हम हर वक़्त ज़िंदगी को साथ लेकर नही चल सकते , कुछ तस्वीरें पीछे छुट जाति है लेकिन हर तरीके से याद आती है , 1 साल पेहले की बात है , मुंबई के IT centre मे काम करती थी उस वक़्त engeenirng खत्म होने के बाद मेने company join की थी , 2 साल से उसी company मे जॉब करती रही ,

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दिल और दहलीज़ - 1

आज मंगलवार का दिन था मे ऑफिस के काम मे busy थी इतने मेरी पुराने office की फ्रेंड रजनी कॉल आया ,मे चौक गयी ,hello साँची क्या चल रहा है और क्या हाल चाल कैसी हो ?बस ठीक हु, तुम ? आज कैसे कॉल किया ?अरे अपने ऑफिस का सेमिनार है लखनऊ मे , हम सब लोग लखनऊ आ रहे है ,तेरी ऑफिस मे है पता है ना तुझे ,हा ....... ठीक है बोलकर कॉल कट किया ,मे न जाने कहा खो गयी थी गस पे चाई रखी सब जल गयी यमुना मेरी नौकरानी उसने आकर गैस बंद किया ...Read More