प्रेम का पूर्वाभास

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छ वर्ष का आदित्य अपनी मां से कहता है "अभी मम्मी घर से बाहर नहीं जाना आंगन में एक पागल कुत्ता घूम रहा है, वह आपको काट खाएगा।" और जब पागल कुत्ता आदित्य की मां को काट लेता है तो वह सोचती है शायद घर की खिड़की के पीछे लोग आपस में खड़े होकर बात कर रहे होंगे की एक पागल कुत्ता इधर-उधर घूम रहा है और किसी को काट लिया होगा है तो आदित्य ने सुन लिया होगा, लेकिन जब एक महीने बाद आदित्य अपने पिता जी के ड्यूटी से घर आने से पहले कहता है कि मम्मी पापा आज दूध जलेबी खाने के लिए लाएंगे क्योंकि पापा को चाय की दुकान के पास ₹500 पाए हैं।

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 1

छ वर्ष का आदित्य अपनी मां से कहता है "अभी मम्मी घर से बाहर नहीं जाना आंगन में एक कुत्ता घूम रहा है, वह आपको काट खाएगा।"और जब पागल कुत्ता आदित्य की मां को काट लेता है तो वह सोचती है शायद घर की खिड़की के पीछे लोग आपस में खड़े होकर बात कर रहे होंगे की एक पागल कुत्ता इधर-उधर घूम रहा है और किसी को काट लिया होगा है तो आदित्य ने सुन लिया होगा, लेकिन जब एक महीने बाद आदित्य अपने पिता जी के ड्यूटी से घर आने से पहले कहता है कि मम्मी पापा आज ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 2

उस अनजान लड़की की आदित्य को ऐसे चिंता होने लगती है जैसे कि वह उस लड़की को सदियों से हो इसलिए उस दिन आदित्य को कॉलेज जाने से ज्यादा उस खूबसूरत लड़की को सुरक्षा देने का काम ज्यादा जरूरी लगता है और आदित्य अपनी बाइक रेलवे स्टेशन की पार्किंग में खड़ी करके रेलवे स्टेशन के अंदर जाता है तो रेलवे स्टेशन के अंदर जाने से पहले ही वह स्कूल कि यूनिफॉर्म पहने हुए लड़की को एक महिला और एक युवक बुरी तरह थप्पड़ों से पीटते हुए रेलवे स्टेशन के अंदर से बाहर ला रहे थे, उस खूबसूरत लड़की को ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 3

आदित्य के घर के आगे लोगों की भीड़भाड़ देखकर प्रेम आदित्य को कुछ बताने से पहले आदित्य आदित्य कि के साथ मिलकर आदित्य की कॉलोनी के लोगो और पड़ोसियों को शांत करके अपने-अपने घर भेजता है।और सारा मामला शांत होने के बाद प्रेम आदित्य से कहता है "तेरी कॉलोनी के लोग के बहुत अंधविश्वासी हैं।""वह महिला सच कह रही थी।" आदित्य कहता है "अच्छा तेरी काली जुबान है।" प्रेम कहता है "काली जुबान नहीं मुझे होने वाली अच्छी बुरी घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है।" आदित्य की यह बात सुनकर प्रेम हंसने लगता है।"मेरी एक बात ध्यान से सुन ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 4

प्रेम के माईनर ओटी में अरुणा से मिलने के जाने के तुरंत बाद ही अरुणा की छोटी मां वहां आकर जमीन पर कुछ ढूंढने लगती हैं आदित्य अच्छा मौका मिला देखकर छोटी मां से पूछता है? "आंटी कुछ खो गया है क्या आपका।"आंटी बोलने से चिढ़कर पहली बार पूछने पर तो वह कोई जवाब नहीं देती है लेकिन फिर बहुत बदतमीजी से आदित्य से कहती है "पूछ क्या रहा है, अंकल कोई छोटी पर्ची जमीन पर कहीं पड़ी दिखाई दे तो उठाकर मुझे दे वार्ड ब्वॉय ने डॉक्टर से दवाई लिखवा कर मुझे बाहर से दवाई लाने के लिए ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 5

जब आदित्य अरुणा के घर का पता ध्यान से पढ़ता है तो वह पता उनकी सुनार की दुकान के पास का ही था अरुणा के घर का पता पढ़कर उसके दिमाग में एक तरकीब आती है कि अरुणा की छोटी मां और जो वह अधेड़ आयु का आदमी छोटी मां से मिलने अस्पताल में आया था दोनों ही सोने चांदी से लदे हुए थे दोनों सोने चांदी के हद से ज्यादा शौकीन लग रहे थे, इसलिए अपनी सुनार की दुकान दिखाकर अपने को बेहतरीन जौहरी बताकर उनसे अच्छी दोस्ती हो सकती है और एक बार अच्छी दोस्ती हो गई ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 6

जब आदित्य बर्दाश्त नहीं कर पता है कि वह अधेड़ आयु का व्यक्ति अरुणा को जबरदस्ती किस करने। कि कर रहा है तो आदित्य पार्क में से एक पत्थर उठाकर उस व्यक्ति कि महंगी लंबी कार पर फेंक कर मार देता है कार पर तेज मोटा पत्थर लगते ही कार का शीशा टूट जाता है।कार का शीशा टूटते ही वह व्यक्ति और उसके चम्मचे पिस्तौल निकाल लेते हैं।आदित्य फुर्ती से पार्क के दूसरे गेट पर भागकर पहुंच जाता है और उस गेट से उस तरफ से निकलता है, जहां उस अंधेड व्यक्ति कि कार के पीछे अरुणा खड़ी हुई ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 7

और एक घंटे बाद प्रेम गुस्से में तमतमाता हुआ आदित्य के पास आकर कहता है "तू शेर नहीं चालाक है, तूने दीपाली को क्यों बताया कि तूने नहीं मैंने अस्पताल में अरुणा का हाथ पकड़ा था।आदित्य समझ जाता है कि दीपाली का फोन आ गया है दीपाली के पास मेरा नंबर नहीं है, इसलिए उसने प्रेम को फोन किया है, मेरी बात अरुणा से करवाने के लिए।इसलिए वह प्रेम का गुस्सा शांत करने के लिए कहता है "अच्छा ही है ना दीपाली से तेरा पीछा छूट जाएगा फिर आजादी से अरुणा से प्रेम करियो।""बात में तो तेरी बहुत दम ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 8

छोटी मां बरसों से बेकरार थी अपने अंदर का सारा धुआं जहर निकालने के लिए इसलिए वह अपनी आंखों आंसू पोंछ कर आदित्य को बताती है "राजस्थान के हमारे छोटे से गांव की पहचान मेरी बहन नंदिनी के जवान होने के बाद बनी थी, क्योंकि अगर कोई अनजान व्यक्ति भी नंदिनी को देख लेता था तो नंदिनी की खूबसूरती पर मोहित होकर नंदिनी को ढूंढते हुए हमारे गांव में जरूर आता था एक बार नंदिनी की खूबसूरती निहारने के लिए इसलिए पिता जी नंदिनी को गांव से बाहर नहीं जाने देते थे क्योंकि नंदिनी स्वर्ग की अप्सरा मेनका उर्वशी ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 9

दिल्ली आने के बाद मुझे पता चला कि रणविजय का अभी नंदिनी के साथ शादी करने का नशा उतरा है, अब उसका मकसद नंदिनी की बेटी के बालिग होने के बाद उससे शादी करने का है।कुछ दिनों बाद मुझे एहसास हुआ कि रणविजय ने जब तक मुझे अपनी रखैल बनाकर अपनी शारीरिक भूख मिटाने के लिए रखा है जब तक नंदिनी की बेटी अरुणा बालिग नहीं हो जाती और मेरे से अच्छी अरुणा की मां उसे अरुणा का पालन पोषण करने के लिए नहीं मिल सकती थी। पूरी बात छोटी मां के दिल में घुसकर पूछने के बाद आदित्य ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 10

आदित्य को पैसों की तो टेंशन नहीं थी, क्योंकि अरुणा और अपनी शादी का सारा खर्चा वह दूर के सास और मौसा ससुर से लेने की तैयारी कर चुका था, यानी कि अरुणा की छोटी मां रणविजय से।आदित्य अपने घर पहुंच कर देखता है, उसकी मां बहुत खुश और रोमांटिक मूड में हैं, इसलिए वह मां से पूछता है? मां पापा ने क्या नौलखा हार आपको लाकर दे दिया है।"अरे नहीं हमारी शादी की 25वीं सालगिरह है 14 फरवरी को है तो तेरे पापा बड़ी पार्टी करने की कह रहे हैं। मां बताती हैयह सुनकर आदित्य को अफसोस होता ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 11

आदित्य यह भी चाहता था कि छोटी मां रणविजय आपस में ही लड़ झगड़ कर अपना गुनाह कबूल कर और किसी का लहू न बहे क्योंकि लहू बहा तो सबसे ज्यादा लहू उसी का बहेगा।तभी पीछे से आदित्य के कंधे पर अरूणा हाथ रख कर कहती है "क्या सोच रहे हो।""सोच रहा हूं अभी गुरुद्वारे में आपसे शादी कर लूं।" आदित्य कहता है "लगता है हम दोनों से पहले प्रेम दीपाली शादी कर लेंगे दोनों साथ में न जाने भीड़ में कहां गायब हो गए हैं।"आदित्य अरुणा एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ऐसे घूमते हैं जैसे वह सदियों ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 12

सुबह अरूणा आदित्य को फोन करके पूछती है? "कॉलेज में हो।" "कुछ देर बाद तुम्हारी छोटी मां को अंग्रेजी जाऊंगा।" आदित्य कहता है "और मेरे स्कूल से घर आने से पहले वहां से चले जाना क्या औरों की तरह आप भी मेरे खूबसूरत जिस्म से ही प्यार करते हो।" अरुणा कहती है "नाराज मत होओ मेरी जान तुम्हारी छोटी मां की मदद से रणविजय के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने जा रहा हूं।""मैंने पहले भी आपसे कहा था रणविजय मुझे कोई अपराधी नहीं लगता है, बल्कि वह तो दान-पुण्य के कार्य आए दिन करता रहता है उसने आज तक मेरे ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 13

"मैं अभी सफ़र के लिए अपने कपड़े और सफ़र में काम आने वाला दूसरा सामान पैक करके अपने घर लेकर आपकी कोठी पर आता हूं।" आदित्य कहता है "यहां से भगाने के नए-नए बहाने मत ढूंढ लड़के तेरे कपड़े सब कुछ ही कुछ देर में यहां पहुंच जाएगा, अब जब तक तेरी मेरी शादी नहीं हो जाती तब तक तू यही रहेगा मेरी आलीशान कोठी में।" रूपाली उर्फ छोटी मां कहती है आदित्य समझ जाता है रुपाली उर्फ छोटी मां रणविजय ने मुझे कैद कर लिया है, अब मुझे अपना अंत करीब नज़र आ रहा है, परमात्मा मेरी आखिरी ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 14

और जब रणविजय ड्राईवर को ज्यादा थका हुआ देखकर रात के एक बजे हाईवे पर खेतों के बीच में एक सुनसान ढाबे पर ड्राइवर के साथ सबको चाय पीने के लिए गाड़ी रूकवाता है, तो आदित्य रणविजय और रूपाली उर्फ छोटी मां को अरुणा की मां नंदिनी की क्रोधित आत्मा से डराने के लिए झूठ कहता है "मैंने अभी-अभी अंधेरे में खड़े पुराने पीपल के पेड़ के ऊपर बिल्कुल अरुणा जैसे चेहरे की एक सुंदर महिला सजी संवरी देखी है।"तो रणविजय छोटी मां डर से थर-थर कांपने लगते हैं और जब ढबे का शराबी नौकर कहता है कि साहब ...Read More

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प्रेम का पूर्वाभास - भाग 15

शीतला मासानी माता का बहुत बड़ा भक्त रणविजय छोटी मां अरुणा के साथ शीतला मां के दर्शन करने के मंदिर की चौखट पर जैसे ही पहला कदम रखता है उसके रोंगटे खड़े होने लगते हैं और उसके हल्का-हल्का कलेजे में दर्द होने लगता है, रणविजय अपने को पापी समझ कर मंदिर के अंदर घुसने की जगह पीपल के पेड़ के नीचे बैठ जाता है और अचानक उसके सीने में ऐसा दर्द होने लगता है जैसे दिल का दौरा पड़ने वाला हो और दर्द के साथ उसका दम घुटने लगता है, उस समय रणविजय के सामने उसका पूरा जीवन घूम ...Read More