बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाई दुख किस बात का कुछ देर बाद फिर बुदबुदाई पश्चाताप किस बात का उसके निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नही की थी।उसने निर्णय लेने से पहले हर तरह से सोच कर देख लिया था।हर बात पर विचार करके वह सन्तुष्ठ हो ली थी।आखिर उसने ऐसा निर्णय क्यो लिया?इसकी दोषी वह नही थी।इस निर्णय का दोषी भी तारा ही था। उसने अगर ऐसा रुख न अपनाया होता।उस पर प्रतिबंध न लगाया होता।उस पर बंदिश लगाने से पहले अपने दम खम पर विचार कर लिया होता।अपनी गलती या कमी को उसने मां लिया होता तो शायद कमला को ऐसा कठोर कदम उठाने की जरूरत नही पड़ती।तारा अपनी कमजोरी जानता था लेकिन उसे स्वीकार करने की जगह उसे बंधन में रखना चाहता था।उस पर प्रतिबंध लगाना चाहता था।
रक अदद औरत - 1
बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाईदुखकिस बात काकुछ देर बाद फिर बुदबुदाईपश्चातापकिस बात निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नही की थी।उसने निर्णय लेने से पहले हर तरह से सोच कर देख लिया था।हर बात पर विचार करके वह सन्तुष्ठ हो ली थी।आखिर उसने ऐसा निर्णय क्यो लिया?इसकी दोषी वह नही थी।इस निर्णय का दोषी भी तारा ही था।उसने अगर ऐसा रुख न अपनाया होता।उस पर प्रतिबंध न लगाया होता।उस पर बंदिश लगाने से पहले अपने दम खम पर विचार कर लिया होता।अपनी गलती या क ...Read More
रक अदद औरत - 2
इसलिये वह बात बात पर ताने मारती और कोसती, खुद तो मर गए लेकिन मेरी जान को इसे छोड़ चाची के घर मे कमला नौकरानी की तरह दिन रात पिसती रहती।सुबह अंधेरे ही चाची उसे आकर झिंझोड़ती, उठना नही है क्या?महारानी की तरह पड़ी रहेगी तो घर का काम कौन करेगा?तेरा बाप? कमला की रोज सुबह गाली गलौज से शुरू होती।उसे बिस्तर से नीचे उतरते ही काम मे लगना पड़ता और वह रात देर तक काम मे ही लगी रहती।दिन भर काम करने पर भी चाची उसे हरामखोर,कामचोर,मक्कार और न जाने क्या क्या कहने से न चूकती।चाचा का स्वभाव चाची से बिल्कुल उल्टा ...Read More
एक अदद औरत - 3
उसके चुंगल से बच निकलने का कोई रास्ता नही था।उसका तथाकथित पति न जाने उसी की तरह कितनी औरतों अपने जाल में फंसाकर वेश्यावर्ती का धंधा चला रहा था।चाहती तो वह थी उसके चुंगल से निकलना पर उसे कोई रास्ता,कोई उपाय कोई तरकीब नजर नही आ रही थी। पूरे दो साल तक वह वहाँ रही।रोज रात को कोई नया मर्द आता और पूरी रात उसके जिस्म से खेलता और चला जाता।दो साल बाद एक दूसरा आदमी उसे खरीद कर महू ले गया।वह आदमी शादी शुदा था।उसके बल बच्चे थे।इसलिए वह उसे अपने घर नही ले गया।उसे दूसरी जगह अपनी ...Read More
एक अदद औरत - 4
उसने फिर से एक बार किराए पर मकान ले लिया था।अब एक बार फिर उसकी दिनचर्या में एक बार परिवर्तन आया था।पहले वह स्टेशन पर ही रहता था।लेकिन मकान लेने के बाद वह रात को ट्राली को नौकर के हवाले करके घर चला जाता था।तारा ,कमला का ख्याल रखता था।उसके लिए नए नए कपड़े लाता और उसके खाने पीने का पूरा ख्याल रखता।कमला तारा की ब्याहता नही थी।लेकिन तारा ने उसे ब्याहता का दर्जा दे दिया था। इसलिए वह भी पतिव्रता नारी की तरह तारा का पूरा ख्याल रखती थी।तारा मझले कद और सुडौल शरीर का हुष्ट पुष्ट जवान ...Read More
एक अदद औरत - 5
कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को एक मर्द की जरूरत होती है।कमला के पास मर्द था।उसके पास तारा था।तारा हुष्ट पुष्ट और बलिष्ठ था।लेकिन नामर्द था वह कमला की भूख को जगा तो सकता था लेकिन शांत नही कर सकता था।उसे उतेजित कर सकता था लेकिन उतेजना को मिटा नही सकता था।कमला को तारा पसंद था।उसे उससे कोई शिकायत नही थी।वह उसी की रहना चाहती थी।पर अपनी भूख के ...Read More